भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानो के आन्दोलन को कुचलने के लिये सरकारी अमले में ग्रेटर नोएडा के भट्ठा व पारसोल गाँव में अंग्रेजो को भी मात देते हुए किसानो की खड़ी फसल में आग लगा दी है। विपक्षी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृजलाल ने 6 अन्य किसान नेताओं के ऊपर गिरफ्तारी लिये इनाम घोषित किया है। जबकि इसके विपरीत प्रदेश में आये दिन हो रहे बड़े-बड़े हत्याकांडो में पुलिस की भूमिका निरर्थक साबित हो रही है। राजधानी में डॉक्टर वी.पी सिंह हत्याकांड में पुलिस कोई कार्यवाई नहीं कर पा रही हैं क्योंकि उसमें सत्तारूढ़ दल के नेताओं के भ्रष्टाचार का भी मामला छिपा हुआ है। पुलिस फिर कैसे कोई कार्यवाई करे। रूसी नाटकार चे ख्येव द्वारा लिखित नाटक गिरगिट में जो पुलिस की भूमिका है वही भूमिका उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्तमान दौर में है। चूंकि मामला किसानो से सम्बंधित है इसलिए पुलिस ने तमाम सारे गाँव में तोड़फोड़, आग लगाना, बीमारों वृद्धों को पीटना, गिरफ्तार लोगों को जम कर पीटना, घरेलू सामानों को नष्ट कर देना। आज के सरकार की लोकतांत्रिक न्याय पर आधारित व्यवस्था का कार्यक्रम जारी है।
अब सरकारों में इस बात की होड़ लगी हुई है कि हम हिन्दुस्तानी अपनी जनता को किस कदर लूट कर नादिर शाह, तैमूरलंग, चंगेज खां को पीछे छोड़ दें और यह लोग शरमाएं की इतना तो हम भी भारत की जनता के साथ नहीं कर पाए।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
अब सरकारों में इस बात की होड़ लगी हुई है कि हम हिन्दुस्तानी अपनी जनता को किस कदर लूट कर नादिर शाह, तैमूरलंग, चंगेज खां को पीछे छोड़ दें और यह लोग शरमाएं की इतना तो हम भी भारत की जनता के साथ नहीं कर पाए।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
जिन पुलिस वालों ने लोगों के घर जलाये उन पर भी मुकदमा चलाना चाहिए |
ये वैसी ही दरिंदगी है जैसी सिंगुर में वामपंथी (?) ने की थी |
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