अमेरिकी सेना ने ओसामा को पकड़ने \ मारने के अभियान को विशिष्ट नाम दिया हुआ था |अमेरिकी कमांडो सैनिको ने लादेन के अंत पर व्हाइट हाउस को "जिरोनिमो -इ0 के0 आई0 ० " को संदेश भेजा था |जिसका मतलब था -जिरोनिमो यानी ओसामा बिन लादेन "-एनिमी किल्ड इन एक्शन "अर्थात कार्यवाही में दुश्मन मारा गया |अमेरिकी समाचार -पत्र "वाशिगटन पोस्ट "की सूचनाओं को हिंदी के दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान (५ मई )में प्रकाशित किया गया है |इसके अनुसार -ओसामा और उसको पकड़ने \ मारने के अभियान को जिरोनिमो का नाम दिये जाने पर अमेरिकी रेड इन्डियन समूह ने अपना विरोध व्यक्त किया है |उन्होंने बराक ओबामा से इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मागने के लिए कहा है |लेकिन क्यों ? क्यों कि जिरोनिमो 150 वर्ष पूर्व अमेरिका को अपना उपनिवेश और फिर स्थाई देश बना लेने वाले गोरो से युद्धरत मूल निवासियों का अग्रणी योद्धा था |वह अमेरिका और मैक्सिको के सीमा क्षेत्र के प्रदेशो में रहने वाली "अपाचे इन्डियन "जनजाति का नायक था |अपाचे इन्डियन ने 19 वी सदी में अमेरिकी और मैकिस्कियो कि सेनाओं से लोहा लिया था |अमेरिकी सेना ने जिरोनिमो को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था |इसके वावजूद वह पकड़ा नही जा सका |1886 में जिरोनिमो ने समर्पण कर दिया |जिरोनिमो को युद्धबंदी बनाया गया और यातनाये दी गयी |1909 में कैद में ही उसकी मृत्यु हो गयी |इसी के साथ यह दूसरी सच्चाई भी जगजाहिर है कि अमेरिका गोरो का देश नही है |पहले स्पेनी ,फिर बाद में ब्रिटेनवासी गोरो ने इस भू -भाग को अपना उपनिवेश बनाया |वंहा कि मूल आबादी को काट डाला और गुलाम बना लिया |अमेरिका को अपना देश और ब्रिटेन से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया |येही स्थिति आस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैंड , साउथ अफ्रिका , कनाडा व यूरोपीय लोगो कि भूल आबादी वाले कई दक्षिणी अमेरिकी देशो की भी है |
अभी चंद साल पहले आस्ट्रेलियाई प्रधानमन्त्री ने आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों पर गोरो के पूर्वजो द्वारा किये गये अत्याचार पर खेद जताने की औपचारिकता निभाई थी |लेकिन अमेरिका हुकूमत आज भी वंहा के मूल निवासियों के बहादुर योद्धाओ को कलंकित कर रही है |यह अमेरिकी हुकूमत की और वंहा सदियों से कब्जा जमाए यूरोपीय लोगो की औपनिवेशिक मानसिकता का ही घोतक है |वंहा के मूल निवासियों के यूनाइटेड नेटिव अमेरिका के नाम से बने संगठन ने राष्ट्रपति ओबामा और सीनेट एवं प्रतिनिधि सभा पर जिरोनिमो का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि-इंडियंस की धरती पर कब्ज़ा करने वाले गोरे यूरोपीय आज भी मूल निवासियों पर आघात करने से बाज़ नही आते |वंहा के मूल निवासियों का यह विरोध एकदम उचित है |कयोंकि यह अमेरिका को अपना राष्ट्र मान चुके गोरो के उस उपनिवेशवादी मानसिकता की घोतक है ,जो वंहा के मूल निवासियों और उनके योद्धाओको आज भी अपने दुश्मन जैसा मानता है |उनके प्रति घृणा व्यक्त करता है |ओसामा को पकड़ने \मारने के लिए प्रयोग किया गया शब्द आपरेशन केवल ओसामा के प्रति अमेरिकी घृणा का सूचक नही है ,बल्कि वे जिरोनिमो के प्रति भी अमेरिकी घृणा का सूचक है |
-सुनील दत्ता
पत्रकार
09415370672
अभी चंद साल पहले आस्ट्रेलियाई प्रधानमन्त्री ने आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों पर गोरो के पूर्वजो द्वारा किये गये अत्याचार पर खेद जताने की औपचारिकता निभाई थी |लेकिन अमेरिका हुकूमत आज भी वंहा के मूल निवासियों के बहादुर योद्धाओ को कलंकित कर रही है |यह अमेरिकी हुकूमत की और वंहा सदियों से कब्जा जमाए यूरोपीय लोगो की औपनिवेशिक मानसिकता का ही घोतक है |वंहा के मूल निवासियों के यूनाइटेड नेटिव अमेरिका के नाम से बने संगठन ने राष्ट्रपति ओबामा और सीनेट एवं प्रतिनिधि सभा पर जिरोनिमो का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि-इंडियंस की धरती पर कब्ज़ा करने वाले गोरे यूरोपीय आज भी मूल निवासियों पर आघात करने से बाज़ नही आते |वंहा के मूल निवासियों का यह विरोध एकदम उचित है |कयोंकि यह अमेरिका को अपना राष्ट्र मान चुके गोरो के उस उपनिवेशवादी मानसिकता की घोतक है ,जो वंहा के मूल निवासियों और उनके योद्धाओको आज भी अपने दुश्मन जैसा मानता है |उनके प्रति घृणा व्यक्त करता है |ओसामा को पकड़ने \मारने के लिए प्रयोग किया गया शब्द आपरेशन केवल ओसामा के प्रति अमेरिकी घृणा का सूचक नही है ,बल्कि वे जिरोनिमो के प्रति भी अमेरिकी घृणा का सूचक है |
-सुनील दत्ता
पत्रकार
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