बुधवार, 4 जनवरी 2012

चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश में कैसे कराएगा निष्पक्ष चुनाव? मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय पर कब्ज़ा करने की कोशिश पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की

बेबस है !

उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में रात के 11:30 बजे सरकारी गुंडों ने लूट पाट की तथा भवन को कब्ज़ा करने की भी कोशिश की। उनके कार्यालय सचिव ने पुलिस को सूचना दी, पर कोई कार्यवाई नहीं हुई। हद तो यहाँ तक हो गयी कि प्रथम सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की।
चुनाव आयोग चाहे जो नियम-कानून कायदे की बात करे उसको लागू करने का काम जिला प्रशासन को करना होता है। जिला प्रशासन सत्तारूढ़ दल के एजेंट की भूमिका में है। चुनाव आयोग के दिशा निर्देश विपक्षी प्रत्याशी को दबाने के लिये होते हैं चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक से जिला प्रशासन के लोग मिलने ही नहीं देते हैं। जो मोबाइल नंबर एनाउंस किये जाते हैं वो मोबाइल नंबर पर्यवेक्षक के साथ चल रहे गार्डों के साथ होते हैं उनकी मर्जी हो तो पर्यवेक्षक से बात कराएं। पर्यवेक्षक की खातिरदारी में जिले के आला अधिकारी लगे रहते हैं, जिससे पर्यवेक्षक उनके खिलाफ कुछ लिखने में असमर्थ होता है।
चुनाव के समय राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय पर कब्ज़ा करने की कोशिश व लूटपाट एक शर्मनाक घटना है और सत्तारूढ़ दल के इशारे पर अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हो पा रही है।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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