दूसरी ओर,जो आरोप केजरीवाल ने लगाये हैंए उनमें नया कुछ भी नहीं है।जल जंगल जमीन और आजीविका से बहुसंख्य जनता को बेदखल करकेए उत्पादन प्रणाली को तहस नहस करके, उत्पादक जनसमूहों के कत्लेआम के जरिये प्रकृतिक संसाधनों की बंदरबांट के सिद्धांत पर आजादी के तुरंत बाद से कारपोरेट राज जारी है। पूंजी के इस खुल्ला खेल फर्ऱूखाबादी के खिलाफ आजतक कोई प्रतिरोध नहीं हुआ। भंडाफोड़ करने की रघुकुल रीति चली आयी, पर उसका क्या अंजाम हुआ केजरीवाल अपने गुरिल्ला युद्ध को किस अंजाम तक कैसे लि जायेंगे, इसका अभीखुलासा नहीं है। इसके बावजूद सत्तवर्ग का एकजुट होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोलना हैरतअंगेज है। क्या कहीं कुछ टूटने लगा है? केजरीवाल और प्रशांत भूषण के आरोपों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केजरीवाल टीम हिट एंड रन ;वार करो और फरार हो जाओ की मासिक मंडी और साप्ताहिक बाजार बनकर रह गई है। रंजन भट्टाचार्य और नीरा राडिया के ऑडियो के बाबत कोई टिप्पणी करने से उन्होंने इनकार कर दिया।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
केजरीवाल ने रिलायंस को केजी बैसिन का आबंटन रद्द करने की मांग की है।अरविंद केजरीवाल ने इस बार मशहूर उद्योगपति और रियायंस इंडस्ट्री के मुकेश अंबानी को निशाने पर लिया।रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2017 तक शेयर मूल्य के हिसाब से 100 अरब डॉलर की हैसियत की कंपनी बनने की क्षमता है।अरबपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी देश के सबसे धनी व्यक्ति हैं। हालांकि उनका नेटवर्थ पिछले एक साल में 1ण्6 अरब डॉलर कम होकर 21 अरब डॉलर रहाए लेकिन इसके बावजूद वह दूसरे पायदान पर रहे लक्ष्मी मित्तल से आगे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं कि सरकार ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा पहुंचाया है।भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर सवाल खड़े करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर भारत की दिग्गज कार्पोरेट कंपनी रिलायंस पर सवाल खड़े किए।केजरीवाल ने एक बार फिर चौंकाया और निशाने पर लिया देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी को। केजरीवाल ने अंबानी की कंपनी रिलायंस को मिले केजी बेसिन के ठेके और उसमें हुई कथित गड़बड़ियों का मामला उठाया और सरकार के कंपनी के सामने नतमस्तक होने का आरोप मढ़ा। केजरीवाल का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मुकेश अंबानी की जेब में हैं। उन्होंने कहा कि बढती महंगाई के लिए उद्योगपति और राजनेता जिम्मेदार हैं। केजरीवाल जब अंबानी पर आरोप लगा रहे थे इसी दौरान उनकी प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा हो गया। यह हंगामा सवाल पूछने की बात को लेकर हुआ।कृष्णा.गोदावरी बेसिन यानी केजी बेसिन आबादी से 25 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में बना है। देश की सबसे अमीर शख्सियत मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री ने यहां से 2008 में तेल निकालना शुरू किया था और इसी के साथ उनकी कंपनी पानी के नीचे से तेल निकालने वाली पहली कंपनी बन गई थी।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के तीन सवाल
1ण् क्या केजी बेसिन में स्थित गैस सिर्फ रिलायंस की हैघ् जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है गैस देश के लोगों की है।
2ण् क्या इस सरकार को देश के उद्योग घराने चला रहे हैं क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किसी मजबूरी में इन फैसलों पर अमल कर रहे हैं
दो मांग
1ण् इन खुलासों के साथ ही केजरीवाल ने कहा कि सरकार रिलांयस इंडस्ट्रीज का केजी बेसिन का ठेका रद्द करे।
2ण् गैस निकासी का ठेका नए सिरे से किसी बिजली बनाने वाली सरकारी कंपनियों को दे।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी.डी6 क्षेत्र में हुए खर्च की कैग की लेखापरीक्षा के लिये तय बैठक आगे के लिये टाल दी।कैग ने केजी डी6 गैस ब्लॉक के दूसरे दौर की लेखापरीक्षा शुरु करने के लिये रिलायंस इंडस्ट्रीज और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ शुरुआती बैठक बुलाई थी।इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी.डी6 क्षेत्र में 2008.09 और 2011.12 में किए गए खर्च की लेखापरीक्षा की जानी है।मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने 29 अक्टूबर को सभी पक्षों को पत्र लिखकर बैठक स्थगित होने के बारे में सूचित किया।बताया जाता है कि यह बैठक इसलिए स्थगित की गईए क्योंकि कैग के ऑडिट की प्रकृति और दायरे को लेकर मतभेद थे।रिलायंस ने यह लिखित आश्वासन मांगा था कि कैग की लेखापरीक्षा केवल उत्पादन भागीदारी करार ष्पीएससीष् के तहत सिर्फ बहीखातों और रिकार्ड तक सीमित होगी।कंपनी को पीएससी के तहत लेखा प्रक्रियाओं की धारा 1ण्9 से अलग कोई दस्तावेज उपलब्ध कराने को नहीं कहा जाएगा और न ही किसी तरह का स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
इसके साथ ही कंपनी ने यह शर्त भी रखी कि लेखापरीक्षा उसके परिसर में होनी चाहिये और रिपोर्ट को पीएससी के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय को सौंपा जाएए संसद को नहीं।वहीं दूसरी ओर मंत्रालय ने जोर देकर कहा था कि कंपनी कैग को अपने बही खातों को बिना किसी रुकावट के दिखाए।इसके लंबित रहने तक मंत्रालय ने कंपनी के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी रोकी हुई हैण्
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक इसीलिए स्थगित की गई ताकि मतभेदों को सुलझाया जा सके।
मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज को पत्र लिखकर कहा था कि कैग कंपनी के प्रदर्शन का ऑडिट नहीं करेगा और निगरानी समिति ने पहले ही कंपनी के विकास प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।सूत्रों ने हालांकिएबताया कि केजी.डी6 ब्लाक में 2010.11ए 2011.12 और 2012.13 के लिए सालाना पूंजीगत खर्च के प्रस्ताव को अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। केजी.डी6 ब्लॉक पर प्रबंधन समिति ने 7 अगस्त को पिछले तीन साल के लिए निवेश प्रस्ताव को मंजूर किया हैए लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर दस्तखत नहीं हुए हैं।
दो साल के लंबे इंतजार के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज को कृष्णा गोदावरी ख्केजी, बेसिन में 1ण्53 अरब डॉलर और निवेश करने की सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस राशि का इस्तेमाल डी6 ब्लॉक के आसपास के चार क्षेत्रों के विकास में होगा। इससे इन क्षेत्रों से रोजाना एक करोड़ 36 लाख घनमीटर गैस का उत्पादन हो सकेगा।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इनमें डी2ए डी6ए डी19 और डी22 क्षेत्र शामिल हैं। यहां से वर्ष 2016 के मध्य तक गैस उत्पादन होने लगेगा। इन चार क्षेत्रों में 617 अरब घन मीटर गैस का भंडार है। यहां से आठ साल तक उत्पादन हो सकेगा। केजी.डी6 ब्लॉक की निगरानी समिति ने 3 जनवरी को इस निवेश योजना को मंजूरी दी। इस समिति में पेट्रोलियम मंत्रालय और हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अधिकारी शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में ब्रिटेन की बीपी और कनाडा की निको रिसोर्सेज भी रिलायंस की भागीदार हैं। इस नए निवेश से केजी.डी6 ब्लॉक में घटते उत्पादन को संभाला जा सकेगा। पिछले 18 महीने में डी6 ब्लॉक के उत्पादन में 40 फीसदी की कमी आई है। यहां से फिलहाल 3ण्4 करोड़ घन मीटर गैस का रोजाना उत्पादन हो रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक अब तक यहां से रोजाना आठ करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन होना था।
सरकार ने जब से सबसिडी वाले सिलेंडरों की गिनती तय कर दी हैए तब से लोग इसी कोशिश में हैं कि किसी तरह उन्हें कम कीमत पर अधिक सिलेंडर मिल पाएं। हालांकि कई कुछ राज्यों में सस्ते सिलेंडरों की गिनती छह से नौ कर दी गई हैए पर कुछ राज्यों में लोगों को महंगी एलपीजी से ही गुजारा करना पड़ेगा। ऐसे में इन लोगों के लिए यह खबर खुशखबरी साबित हो सकत है।सूत्रों से जानकारी मिली है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की घरेलू रसोई गैस के रिटेल कारोबार में उतरने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अनसब्सिडाइज्ड एलपीजी मार्केट में पकड़ बनाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज आकर्षक कीमतें तय करेगी। गुजरात और महाराष्ट्र से कंपनी एलपीजी कारोबार शुरू करेगी। कंपनी के पास बाजार भाव पर 200.300 रुपये का मार्जिन है।
कारपोरेट राज का यह आलम भी देखिये।जानकारी मिली है कि जीएएआर को 1 और साल के टाला जा सकता है। जीएएआर को पहले ही वित्त वर्ष 2014 तक टाला जा चुका है।सूत्रों के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2015 से जीएएआर लागू करने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि शोम कमेटी ने जीएएआर को 3 साल के लिए टालने की सिफारिश की थी। मामले पर गुरुवार को सरकार अंतिम फैसला सुना सकती है।पुरानी तारीख से टैक्स वसूलने को लेकर शोम कमेटी में मतभेद हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिर कई सदस्य इस कानून के पक्ष में नहीं हैं।शोम पैनल में पिछली तारीख से टैक्स वसूलने को लेकर मतभेद हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कई सदस्य पिछली तारीख से टैक्स वसूली के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों का ये भी कहना है कि सदस्य रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लागू करने के पक्ष में नहीं हैं। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लागू करने के फैसले पर सहमति नहीं बन पा रही है।सूत्रों के मुताबिक वैलिडेशन क्लॉज पर कल चर्चा हो सकती है। पुरानी तारीख से टैक्स वसूली पर अंतिम फैसला वित्त मंत्री लेंगे।वित्त वर्ष 2013 की पहली छमाही खत्म हो गई है। इस दौरान बाजार में अच्छी तेजी जरूर देखने को मिली। तेजी के इस दौर में बाजार के 6ए000 तक जाने की उम्मीद जताई जाने लगी। हालांकि अब बाजार पर दबाव दिख रहा है और निफ्टी के 6ए000 तक पहुंचने के आसार नहीं दिख रहे हैं। लिहाजा बाजार के दिग्गज जानकार वित्त वर्ष 2014 में बाजार में जबर्दस्त तेजी आने की उम्मीद जता रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को मौद्रिक नीति की मध्यावधि समीक्षा में नकद आरक्षित अनुपात ;सीआरआरद्ध में 0ण्25 फीसदी की कटौती कीए लेकिन रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई के इस कदम से कर्ज का बोझ कुछ कम होने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को तो निराशा हुई ही हैए साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री पीण् चिदंबरम भी खासे खफा नजर आ रहे हैं।आगामी 3 नवंबर से सीआरआर 4ण्50 से 4ण्25 फीसदी हो जाएगा। आरबीआई के ऐलान के बाद ही बैंकों ने साफ संकेत दे दिया कि हाल.फिलहाल कर्ज सस्ता होने की संभावना नहीं है। इस बीचए चिदंबरम ने कहा कि महंगाई जितना ही महत्व आर्थिक विकास को भी दिया जाना चाहिए। आर्थिक विकास भी एक चुनौती है और अगर विकास के लिए सरकार को अकेले ही आगे बढ़ना होगा तो हम अकेले ही बढ़ेंगे।आरबीआई ने भले ही महंगाई का हवाला देते हुए रेपो रेट को यथावत रखा होए लेकिन वित्त मंत्री पीण् चिदंबरम उसके इस तर्क से कतई सहमत नहीं हैं। चिदंबरम ने मंगलवार को यहां कहाए श्महंगाई को काबू में रखना जितनी बड़ी चुनौती हैए उतना ही बड़ा चैलेंज विकास भी है।श् इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कुछ कठोर लहजे में कहाए श्अगर जरूरत पड़ी तो सरकार अकेले ही इस चुनौती का सामना करने के लिए निकल पड़ेगी।श्मौद्रिक नीति की समीक्षा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहाए श्सरकार साफ.साफ शब्दों में यह संदेश दे रही है कि वह सरकारी खजाने की हालत दुरुस्त करने और राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने की दिशा में अग्रसर है। मुझे उम्मीद है कि फिस्कल कंसोलिडेशन को लेकर सरकार द्वारा जताई जा रही प्रतिबद्धता को हर कोई समझने की कोशिश करेगा।श्मौद्रिक नीति का आगे जिक्र करते हुए उन्होंने कहाए श्मैंने इस स्टेटमेंट के अंत में लिखे कुछ पैराग्राफ नहीं पढ़े हैं। हालांकिए अगर उनमें भविष्य को लेकर उम्मीदें जाहिर की गई हैं तो मैं उस आने वाले समय को ध्यान में रखूंगा।श् वित्त मंत्री ने यह टिप्पणी संभवतरू मौद्रिक नीति के उस पैराग्राफ को ध्यान में रखकर की है जिसमें कहा गया है कि अंतिम तिमाही में रेपो रेट घटाया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में नीरा राडिया के टेप भी सुनवाए। उन्होंने नीरा राडिया और रिश्ते में पूर्व प्रधानमंत्री के दामाद रंजन भट्टाचार्य के बीच हुई बातचीत का टेप सुनवाया। इस टेप में नीरा राडिया और रंजन यह बात कर रहे हैं कि मंत्री वही बनेगा जिसे अंबानी परिवार चाहेगा। भट्टाचार्य ने कांग्रेस के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा. कांग्रेस तो अपनी ही दुकान है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ कांग्रेस पर ही निशाना नहीं साधा बल्कि भाजपा को भी रिलायंस के हाथों बिका हुआ बताया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के वक्त अनुचित फायदा पहुंचाकर रिलायंस को गैस ब्लॉक दिए गए। गौरतलब है कि साल 2000 में रिलायसं को केजी बेसिन का ठेका मिला था। रिलायंस पर आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहाए श्सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए रिलायंस ने गैस का उत्पादन कम कर दिया। रिलायंस ने सरकार को मजबूर करके अपनी पसंद के लोगों को मंत्री बनवाया ताकि देश में गैस के दाम बढ़ाए जा सके।श्
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर पद का दुरुपयोग कर मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल के मुताबिक पहले भाजपा नीत राजग सरकार ने इस कंपनी को फायदा पहुंचाने वाली शर्तो पर इसे प्राकृतिक गैस का ठेका दिया। इसके बाद कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने पहले से तय दर में वृद्धि कर दी। अरविंद ने रिलायंस पर गैस की जमाखोरी का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस.भाजपा दोनों मुकेश अंबानी की जेब में हैं। ऐसा लगता है देश को मुकेश अंबानी ही चला रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में रविवार को हुए फेरबदल पर उन्होंने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी को पद से हटाए जाने पर सवाल खड़ा किया है। केजरीवाल ने रेड्डी का पक्ष लेते हुए कहा क्या सरकार ने ईमानदार रेड्डी को पद रिलायंस को खुश करने के लिए हटायाघ्जयपाल रेड्डी के स्थान पर अब वीरप्पा मोइली नए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हैं तो अब क्या एलपीजी और बिजली की कीमतें फिर बढ़ेंगी। जयपाल रेड्डी को ईमानदार होने की सजा मिलीए सलमान खुर्शीद भ्रष्ट हैं इसलिए उन्हें प्रमोशन दिया गया। उन्होंने इस फेरबदल पर ट्विट किया और बोल भ्रष्ट मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया हैण् उन्होंने कहा कि इस फेर बदल से कोई लाभ नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रिलायंस को एनडीए सरकार ने केजी बेसिन का ठेका दिया था ताकि वह गैस निकालकर देश की जरूरतें पूरी कर सके। ये गैस रिलायंस को साल 2017 तक सवा दो डॉलर प्रति यूनिट बेचनी थी लेकिन 2006 में ही इसके लिए कंपनी ने सवा चार डॉलर प्रति यूनिट मांगे। तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर इसके लिए राजी नहीं थे इसलिए हटा दिए गए और रिलायंस के आदमी माने जाने वाले मुरली देवड़ा को ये मंत्रालय मिला।इसके बाद वर्ष 2007 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह ने रिलायंस के दबाव के आगे झुकते हुए 2014 तक 4ण्25 डॉलर प्रति युनिट के हिसाब से अनुमति दे दी। आज रिलायंस सरकार से इसके लिए सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट मांग रही है। रिलायंस की इसी मांग का विरोध करने के चलते पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी को हटाकर वीरप्पा मोइली को मंत्री बनाया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि अगर मोइली ने रिलायंस की सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट गैस की मांग मान ली तो इस देश में बिजली सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। देश को करीब 43 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। अगर जनता को ये मंजूर है तो ठीक है लेकिन अगर नहीं है तो वो इसके खिलाफ खड़ी हो ताकि सरकार मजबूर होकर रिलायंस की मांग ठुकरा दे।
केजरीवाल ने कहा कि केजी बेसिन का ठेका रिलायंस को मिला लेकिन रिलायंस ने जुलाई 2011 में इसका एक हिस्सा ब्रिटिश पेट्रोलियम को 35 हजार करोड़ रुपये में बेच दिया। लेकिन किसी ने सवाल नहीं उठाए और सरकार देखती रही। रिलायंस गैस की जमाखोरी कर रही है ताकि जब सरकार दाम बढ़ा दे तब वो उसे बेचे और फायदा कमाए।
रिलायंस को सरकार को 8 हजार करोड़ यूनिट गैस देनी थी लेकिन उसने दी महज 2 हजार करोड़ यूनिट। रिलायंस ने गैस प्रोडक्शन जानबूझकर घटा दी। उसने 2009 से गैस का उत्पादन तय सीमा से एक तिहाई कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि इसकी वजह से गैस आधारित बिजली घरों को बंद करना पड़ा।
केजरीवाल ने कहा कि जब जयपाल रेड्डी ने रिलायंस की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाई और 7000 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मुकेश अंबानी के दबाव में रेड्डी को मंत्रालय से हटा दिया गया।
कांग्रेस ने आज अरविंद केजरीवाल के आरोपों को ष्निराधारष् बताते हुए खारिज किया और पलटवार करते हुए इंडिया अगेंसट करप्शन की फंडिंग स्रोत को लेकर सवाल उठाए। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार मुकेश अंबानी का पक्ष ले रही है।कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद ने संवाददाताओं को कहाए ष्यह निराधार है। आजकल आईएसी के लिए आरोप लगाना फैशन हो गया है। आपके पास फंड कहां से आ रहे हैंघ् आईएसी को फंड कौन दे रहा हैघ् रामलीला मैदान से लेकर इस संवाददाता सम्मेलन तक यह फोर्ड फाउंडेशन है।ष् भाजपा और केजरीवाल के बीच गठजोड़ की बात कहते हुए हरिप्रसाद ने सवाल कियाए ष्वह उन प्रदेशों में क्यों नहीं जा रहे जो आंकठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उन्हें दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देनी चाहिए।ष्उन्होंने कहाए ष्अगर सरकार को मुकेश अंबानी चला रहे हैं तो आईएसी को विदेश में बैठे लोग चला रहे हैं।ष् उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल मीडिया को आकर्षित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के कारोबार की गड़बडिय़ां उजागर होने के बाद अब इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल भाजपाइयों के निशाने पर हैं। मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय मुखपत्र कमल संदेश के संपादक प्रभात झा ने केजरीवाल के पीछे विदेशी करेंसी का खेल होने की आशंका जताई है। कमल संदेश के ताजा अंक में झा ने संपादकीय में तल्ख भाषा का इस्तेमाल करते हुए केजरीवाल और उनकी टीम को कुकुरमुत्तों जैसे शब्द से संबोधित किया है।तो दूसरी ओरएप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को लिखे एक पत्र में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के एनजीओ को मिली विदेशी सहायता की जांच की मांग की है। दुबे ने उनके एनजीओ को मिली विदेशी सहायता पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जो विदेशी एनजीओ केजरीवाल और सिसौदिया की मदद करते हैंए उनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं।गडकरी को दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना के साथ ही झा भी दूसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद कर रहे थे। पार्टी भले ही गडकरी के बचाव की मुद्रा में होए लेकिन संघ के हाथ खींच लेने से संगठन चुनाव असमंजस से घिर गए हैं। झा के संपादकीय को पार्टी में गडकरी के समर्थन में मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है। झा ने कहा है कि केजरीवाल का खेल करेंसी का है।डाण्मनमोहन सिंह को यह पता लगाना चाहिए कि यह करेंसी भारत की है या फिर भारत को कमजोर करने वाली शक्तियों की। झा ने गडकरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की क्लीन चिट को केजरीवाल के मुंह पर करारा तमाचा बताया है। झा ने केजरीवाल को ब्लैकमेलरए अन्ना के साथ विश्वासघात करने वाला बताते हुए लिखा कि केजरीवाल की चाहत पिटने की हैए ताकि जनता का भावनात्मक समर्थन मिलने लगे। झा यहीं नहीं रुके उन्होंने न्यूज चैनलों के बारे में कहा कि उन्होंने कुकुरमुत्तों को मुंह लगाकर अपना कीमती समय बर्बाद किया और जनता को भी गुमराह किया।
अनिल अंबानी की अगुआई वाले रिलायंस समूह ने एक बार फिर मध्य प्रदेश को मोटे निवेश का भरोसा दिलाया है। अपनी विस्तार योजना की घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि वह राज्य में अपने कुल निवेश के आंकड़े को 30ए000 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 50ए000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा देगी। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने प्रदेश सरकार के आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहाए श्हम अगले कुछ साल के दौरान प्रदेश में कोयला खननए बिजली उत्पादन और सीमेंट निर्माण के क्षेत्र में 50ए000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेंगे।श् उन्होंने बताया कि रिलायंस समूह प्रदेश में इन तीनों क्षेत्रों में 30ए000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर आगे बढ़ रहा है। अंबानी ने बतायाए श्हमारी कोयला खनन परियोजना का पहला चरण शुरू हो चुका है। हम अपने सासन संयंत्र में 660 मेगावॉट बिजली उत्पादन जल्द शुरू कर देंगे।बिना किसी खास एजंडे के केजरीवाल के इस गुरिल्ला युद्ध पर बीबीसी ने मौजूं सवाल किया है।कौन है केजरीवाल का अगला निशाना देखें
सोनिया गाँधी के दामाद क्लिक करें रॉबर्ड वाड्रा , विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के बाद क्लिक करें अरविंद केजरीवाल का अगला निशाना कौन होगा और उसका संबंध किस पार्टी के साथ होगा बुधवार को अपनी प्रेसवार्ता से कुछ घंटे पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन सदस्य अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा,आज के पर्दाफाश को देखें ये बहुत बड़ा हो सकता जब अरविंद केजरीवाल ने क्लिक करें रॉबर्ड वाड्रा के खिलाफ डीएलएफ के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था तब विपक्षी भाजपा ने जाँच की तो मांग की थी लेकिन बहुत शोर.शराबा नहीं मचाया.
-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
केजरीवाल ने रिलायंस को केजी बैसिन का आबंटन रद्द करने की मांग की है।अरविंद केजरीवाल ने इस बार मशहूर उद्योगपति और रियायंस इंडस्ट्री के मुकेश अंबानी को निशाने पर लिया।रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2017 तक शेयर मूल्य के हिसाब से 100 अरब डॉलर की हैसियत की कंपनी बनने की क्षमता है।अरबपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी देश के सबसे धनी व्यक्ति हैं। हालांकि उनका नेटवर्थ पिछले एक साल में 1ण्6 अरब डॉलर कम होकर 21 अरब डॉलर रहाए लेकिन इसके बावजूद वह दूसरे पायदान पर रहे लक्ष्मी मित्तल से आगे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं कि सरकार ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा पहुंचाया है।भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर सवाल खड़े करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर भारत की दिग्गज कार्पोरेट कंपनी रिलायंस पर सवाल खड़े किए।केजरीवाल ने एक बार फिर चौंकाया और निशाने पर लिया देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी को। केजरीवाल ने अंबानी की कंपनी रिलायंस को मिले केजी बेसिन के ठेके और उसमें हुई कथित गड़बड़ियों का मामला उठाया और सरकार के कंपनी के सामने नतमस्तक होने का आरोप मढ़ा। केजरीवाल का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मुकेश अंबानी की जेब में हैं। उन्होंने कहा कि बढती महंगाई के लिए उद्योगपति और राजनेता जिम्मेदार हैं। केजरीवाल जब अंबानी पर आरोप लगा रहे थे इसी दौरान उनकी प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा हो गया। यह हंगामा सवाल पूछने की बात को लेकर हुआ।कृष्णा.गोदावरी बेसिन यानी केजी बेसिन आबादी से 25 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में बना है। देश की सबसे अमीर शख्सियत मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री ने यहां से 2008 में तेल निकालना शुरू किया था और इसी के साथ उनकी कंपनी पानी के नीचे से तेल निकालने वाली पहली कंपनी बन गई थी।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के तीन सवाल
1ण् क्या केजी बेसिन में स्थित गैस सिर्फ रिलायंस की हैघ् जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है गैस देश के लोगों की है।
2ण् क्या इस सरकार को देश के उद्योग घराने चला रहे हैं क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किसी मजबूरी में इन फैसलों पर अमल कर रहे हैं
दो मांग
1ण् इन खुलासों के साथ ही केजरीवाल ने कहा कि सरकार रिलांयस इंडस्ट्रीज का केजी बेसिन का ठेका रद्द करे।
2ण् गैस निकासी का ठेका नए सिरे से किसी बिजली बनाने वाली सरकारी कंपनियों को दे।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी.डी6 क्षेत्र में हुए खर्च की कैग की लेखापरीक्षा के लिये तय बैठक आगे के लिये टाल दी।कैग ने केजी डी6 गैस ब्लॉक के दूसरे दौर की लेखापरीक्षा शुरु करने के लिये रिलायंस इंडस्ट्रीज और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ शुरुआती बैठक बुलाई थी।इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी.डी6 क्षेत्र में 2008.09 और 2011.12 में किए गए खर्च की लेखापरीक्षा की जानी है।मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने 29 अक्टूबर को सभी पक्षों को पत्र लिखकर बैठक स्थगित होने के बारे में सूचित किया।बताया जाता है कि यह बैठक इसलिए स्थगित की गईए क्योंकि कैग के ऑडिट की प्रकृति और दायरे को लेकर मतभेद थे।रिलायंस ने यह लिखित आश्वासन मांगा था कि कैग की लेखापरीक्षा केवल उत्पादन भागीदारी करार ष्पीएससीष् के तहत सिर्फ बहीखातों और रिकार्ड तक सीमित होगी।कंपनी को पीएससी के तहत लेखा प्रक्रियाओं की धारा 1ण्9 से अलग कोई दस्तावेज उपलब्ध कराने को नहीं कहा जाएगा और न ही किसी तरह का स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
इसके साथ ही कंपनी ने यह शर्त भी रखी कि लेखापरीक्षा उसके परिसर में होनी चाहिये और रिपोर्ट को पीएससी के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय को सौंपा जाएए संसद को नहीं।वहीं दूसरी ओर मंत्रालय ने जोर देकर कहा था कि कंपनी कैग को अपने बही खातों को बिना किसी रुकावट के दिखाए।इसके लंबित रहने तक मंत्रालय ने कंपनी के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी रोकी हुई हैण्
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक इसीलिए स्थगित की गई ताकि मतभेदों को सुलझाया जा सके।
मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज को पत्र लिखकर कहा था कि कैग कंपनी के प्रदर्शन का ऑडिट नहीं करेगा और निगरानी समिति ने पहले ही कंपनी के विकास प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।सूत्रों ने हालांकिएबताया कि केजी.डी6 ब्लाक में 2010.11ए 2011.12 और 2012.13 के लिए सालाना पूंजीगत खर्च के प्रस्ताव को अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। केजी.डी6 ब्लॉक पर प्रबंधन समिति ने 7 अगस्त को पिछले तीन साल के लिए निवेश प्रस्ताव को मंजूर किया हैए लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर दस्तखत नहीं हुए हैं।
दो साल के लंबे इंतजार के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज को कृष्णा गोदावरी ख्केजी, बेसिन में 1ण्53 अरब डॉलर और निवेश करने की सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस राशि का इस्तेमाल डी6 ब्लॉक के आसपास के चार क्षेत्रों के विकास में होगा। इससे इन क्षेत्रों से रोजाना एक करोड़ 36 लाख घनमीटर गैस का उत्पादन हो सकेगा।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इनमें डी2ए डी6ए डी19 और डी22 क्षेत्र शामिल हैं। यहां से वर्ष 2016 के मध्य तक गैस उत्पादन होने लगेगा। इन चार क्षेत्रों में 617 अरब घन मीटर गैस का भंडार है। यहां से आठ साल तक उत्पादन हो सकेगा। केजी.डी6 ब्लॉक की निगरानी समिति ने 3 जनवरी को इस निवेश योजना को मंजूरी दी। इस समिति में पेट्रोलियम मंत्रालय और हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अधिकारी शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में ब्रिटेन की बीपी और कनाडा की निको रिसोर्सेज भी रिलायंस की भागीदार हैं। इस नए निवेश से केजी.डी6 ब्लॉक में घटते उत्पादन को संभाला जा सकेगा। पिछले 18 महीने में डी6 ब्लॉक के उत्पादन में 40 फीसदी की कमी आई है। यहां से फिलहाल 3ण्4 करोड़ घन मीटर गैस का रोजाना उत्पादन हो रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक अब तक यहां से रोजाना आठ करोड़ घन मीटर गैस का उत्पादन होना था।
सरकार ने जब से सबसिडी वाले सिलेंडरों की गिनती तय कर दी हैए तब से लोग इसी कोशिश में हैं कि किसी तरह उन्हें कम कीमत पर अधिक सिलेंडर मिल पाएं। हालांकि कई कुछ राज्यों में सस्ते सिलेंडरों की गिनती छह से नौ कर दी गई हैए पर कुछ राज्यों में लोगों को महंगी एलपीजी से ही गुजारा करना पड़ेगा। ऐसे में इन लोगों के लिए यह खबर खुशखबरी साबित हो सकत है।सूत्रों से जानकारी मिली है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की घरेलू रसोई गैस के रिटेल कारोबार में उतरने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अनसब्सिडाइज्ड एलपीजी मार्केट में पकड़ बनाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज आकर्षक कीमतें तय करेगी। गुजरात और महाराष्ट्र से कंपनी एलपीजी कारोबार शुरू करेगी। कंपनी के पास बाजार भाव पर 200.300 रुपये का मार्जिन है।
कारपोरेट राज का यह आलम भी देखिये।जानकारी मिली है कि जीएएआर को 1 और साल के टाला जा सकता है। जीएएआर को पहले ही वित्त वर्ष 2014 तक टाला जा चुका है।सूत्रों के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2015 से जीएएआर लागू करने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि शोम कमेटी ने जीएएआर को 3 साल के लिए टालने की सिफारिश की थी। मामले पर गुरुवार को सरकार अंतिम फैसला सुना सकती है।पुरानी तारीख से टैक्स वसूलने को लेकर शोम कमेटी में मतभेद हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिर कई सदस्य इस कानून के पक्ष में नहीं हैं।शोम पैनल में पिछली तारीख से टैक्स वसूलने को लेकर मतभेद हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कई सदस्य पिछली तारीख से टैक्स वसूली के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों का ये भी कहना है कि सदस्य रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लागू करने के पक्ष में नहीं हैं। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लागू करने के फैसले पर सहमति नहीं बन पा रही है।सूत्रों के मुताबिक वैलिडेशन क्लॉज पर कल चर्चा हो सकती है। पुरानी तारीख से टैक्स वसूली पर अंतिम फैसला वित्त मंत्री लेंगे।वित्त वर्ष 2013 की पहली छमाही खत्म हो गई है। इस दौरान बाजार में अच्छी तेजी जरूर देखने को मिली। तेजी के इस दौर में बाजार के 6ए000 तक जाने की उम्मीद जताई जाने लगी। हालांकि अब बाजार पर दबाव दिख रहा है और निफ्टी के 6ए000 तक पहुंचने के आसार नहीं दिख रहे हैं। लिहाजा बाजार के दिग्गज जानकार वित्त वर्ष 2014 में बाजार में जबर्दस्त तेजी आने की उम्मीद जता रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को मौद्रिक नीति की मध्यावधि समीक्षा में नकद आरक्षित अनुपात ;सीआरआरद्ध में 0ण्25 फीसदी की कटौती कीए लेकिन रेपो और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। आरबीआई के इस कदम से कर्ज का बोझ कुछ कम होने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को तो निराशा हुई ही हैए साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री पीण् चिदंबरम भी खासे खफा नजर आ रहे हैं।आगामी 3 नवंबर से सीआरआर 4ण्50 से 4ण्25 फीसदी हो जाएगा। आरबीआई के ऐलान के बाद ही बैंकों ने साफ संकेत दे दिया कि हाल.फिलहाल कर्ज सस्ता होने की संभावना नहीं है। इस बीचए चिदंबरम ने कहा कि महंगाई जितना ही महत्व आर्थिक विकास को भी दिया जाना चाहिए। आर्थिक विकास भी एक चुनौती है और अगर विकास के लिए सरकार को अकेले ही आगे बढ़ना होगा तो हम अकेले ही बढ़ेंगे।आरबीआई ने भले ही महंगाई का हवाला देते हुए रेपो रेट को यथावत रखा होए लेकिन वित्त मंत्री पीण् चिदंबरम उसके इस तर्क से कतई सहमत नहीं हैं। चिदंबरम ने मंगलवार को यहां कहाए श्महंगाई को काबू में रखना जितनी बड़ी चुनौती हैए उतना ही बड़ा चैलेंज विकास भी है।श् इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कुछ कठोर लहजे में कहाए श्अगर जरूरत पड़ी तो सरकार अकेले ही इस चुनौती का सामना करने के लिए निकल पड़ेगी।श्मौद्रिक नीति की समीक्षा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहाए श्सरकार साफ.साफ शब्दों में यह संदेश दे रही है कि वह सरकारी खजाने की हालत दुरुस्त करने और राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने की दिशा में अग्रसर है। मुझे उम्मीद है कि फिस्कल कंसोलिडेशन को लेकर सरकार द्वारा जताई जा रही प्रतिबद्धता को हर कोई समझने की कोशिश करेगा।श्मौद्रिक नीति का आगे जिक्र करते हुए उन्होंने कहाए श्मैंने इस स्टेटमेंट के अंत में लिखे कुछ पैराग्राफ नहीं पढ़े हैं। हालांकिए अगर उनमें भविष्य को लेकर उम्मीदें जाहिर की गई हैं तो मैं उस आने वाले समय को ध्यान में रखूंगा।श् वित्त मंत्री ने यह टिप्पणी संभवतरू मौद्रिक नीति के उस पैराग्राफ को ध्यान में रखकर की है जिसमें कहा गया है कि अंतिम तिमाही में रेपो रेट घटाया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में नीरा राडिया के टेप भी सुनवाए। उन्होंने नीरा राडिया और रिश्ते में पूर्व प्रधानमंत्री के दामाद रंजन भट्टाचार्य के बीच हुई बातचीत का टेप सुनवाया। इस टेप में नीरा राडिया और रंजन यह बात कर रहे हैं कि मंत्री वही बनेगा जिसे अंबानी परिवार चाहेगा। भट्टाचार्य ने कांग्रेस के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा. कांग्रेस तो अपनी ही दुकान है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ कांग्रेस पर ही निशाना नहीं साधा बल्कि भाजपा को भी रिलायंस के हाथों बिका हुआ बताया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के वक्त अनुचित फायदा पहुंचाकर रिलायंस को गैस ब्लॉक दिए गए। गौरतलब है कि साल 2000 में रिलायसं को केजी बेसिन का ठेका मिला था। रिलायंस पर आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहाए श्सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए रिलायंस ने गैस का उत्पादन कम कर दिया। रिलायंस ने सरकार को मजबूर करके अपनी पसंद के लोगों को मंत्री बनवाया ताकि देश में गैस के दाम बढ़ाए जा सके।श्
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर पद का दुरुपयोग कर मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल के मुताबिक पहले भाजपा नीत राजग सरकार ने इस कंपनी को फायदा पहुंचाने वाली शर्तो पर इसे प्राकृतिक गैस का ठेका दिया। इसके बाद कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने पहले से तय दर में वृद्धि कर दी। अरविंद ने रिलायंस पर गैस की जमाखोरी का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस.भाजपा दोनों मुकेश अंबानी की जेब में हैं। ऐसा लगता है देश को मुकेश अंबानी ही चला रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में रविवार को हुए फेरबदल पर उन्होंने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी को पद से हटाए जाने पर सवाल खड़ा किया है। केजरीवाल ने रेड्डी का पक्ष लेते हुए कहा क्या सरकार ने ईमानदार रेड्डी को पद रिलायंस को खुश करने के लिए हटायाघ्जयपाल रेड्डी के स्थान पर अब वीरप्पा मोइली नए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हैं तो अब क्या एलपीजी और बिजली की कीमतें फिर बढ़ेंगी। जयपाल रेड्डी को ईमानदार होने की सजा मिलीए सलमान खुर्शीद भ्रष्ट हैं इसलिए उन्हें प्रमोशन दिया गया। उन्होंने इस फेरबदल पर ट्विट किया और बोल भ्रष्ट मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया हैण् उन्होंने कहा कि इस फेर बदल से कोई लाभ नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रिलायंस को एनडीए सरकार ने केजी बेसिन का ठेका दिया था ताकि वह गैस निकालकर देश की जरूरतें पूरी कर सके। ये गैस रिलायंस को साल 2017 तक सवा दो डॉलर प्रति यूनिट बेचनी थी लेकिन 2006 में ही इसके लिए कंपनी ने सवा चार डॉलर प्रति यूनिट मांगे। तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर इसके लिए राजी नहीं थे इसलिए हटा दिए गए और रिलायंस के आदमी माने जाने वाले मुरली देवड़ा को ये मंत्रालय मिला।इसके बाद वर्ष 2007 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह ने रिलायंस के दबाव के आगे झुकते हुए 2014 तक 4ण्25 डॉलर प्रति युनिट के हिसाब से अनुमति दे दी। आज रिलायंस सरकार से इसके लिए सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट मांग रही है। रिलायंस की इसी मांग का विरोध करने के चलते पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी को हटाकर वीरप्पा मोइली को मंत्री बनाया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि अगर मोइली ने रिलायंस की सवा 14 डॉलर प्रति यूनिट गैस की मांग मान ली तो इस देश में बिजली सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी। देश को करीब 43 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। अगर जनता को ये मंजूर है तो ठीक है लेकिन अगर नहीं है तो वो इसके खिलाफ खड़ी हो ताकि सरकार मजबूर होकर रिलायंस की मांग ठुकरा दे।
केजरीवाल ने कहा कि केजी बेसिन का ठेका रिलायंस को मिला लेकिन रिलायंस ने जुलाई 2011 में इसका एक हिस्सा ब्रिटिश पेट्रोलियम को 35 हजार करोड़ रुपये में बेच दिया। लेकिन किसी ने सवाल नहीं उठाए और सरकार देखती रही। रिलायंस गैस की जमाखोरी कर रही है ताकि जब सरकार दाम बढ़ा दे तब वो उसे बेचे और फायदा कमाए।
रिलायंस को सरकार को 8 हजार करोड़ यूनिट गैस देनी थी लेकिन उसने दी महज 2 हजार करोड़ यूनिट। रिलायंस ने गैस प्रोडक्शन जानबूझकर घटा दी। उसने 2009 से गैस का उत्पादन तय सीमा से एक तिहाई कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि इसकी वजह से गैस आधारित बिजली घरों को बंद करना पड़ा।
केजरीवाल ने कहा कि जब जयपाल रेड्डी ने रिलायंस की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाई और 7000 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मुकेश अंबानी के दबाव में रेड्डी को मंत्रालय से हटा दिया गया।
कांग्रेस ने आज अरविंद केजरीवाल के आरोपों को ष्निराधारष् बताते हुए खारिज किया और पलटवार करते हुए इंडिया अगेंसट करप्शन की फंडिंग स्रोत को लेकर सवाल उठाए। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार मुकेश अंबानी का पक्ष ले रही है।कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद ने संवाददाताओं को कहाए ष्यह निराधार है। आजकल आईएसी के लिए आरोप लगाना फैशन हो गया है। आपके पास फंड कहां से आ रहे हैंघ् आईएसी को फंड कौन दे रहा हैघ् रामलीला मैदान से लेकर इस संवाददाता सम्मेलन तक यह फोर्ड फाउंडेशन है।ष् भाजपा और केजरीवाल के बीच गठजोड़ की बात कहते हुए हरिप्रसाद ने सवाल कियाए ष्वह उन प्रदेशों में क्यों नहीं जा रहे जो आंकठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं। उन्हें दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देनी चाहिए।ष्उन्होंने कहाए ष्अगर सरकार को मुकेश अंबानी चला रहे हैं तो आईएसी को विदेश में बैठे लोग चला रहे हैं।ष् उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल मीडिया को आकर्षित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के कारोबार की गड़बडिय़ां उजागर होने के बाद अब इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल भाजपाइयों के निशाने पर हैं। मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय मुखपत्र कमल संदेश के संपादक प्रभात झा ने केजरीवाल के पीछे विदेशी करेंसी का खेल होने की आशंका जताई है। कमल संदेश के ताजा अंक में झा ने संपादकीय में तल्ख भाषा का इस्तेमाल करते हुए केजरीवाल और उनकी टीम को कुकुरमुत्तों जैसे शब्द से संबोधित किया है।तो दूसरी ओरएप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को लिखे एक पत्र में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के एनजीओ को मिली विदेशी सहायता की जांच की मांग की है। दुबे ने उनके एनजीओ को मिली विदेशी सहायता पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जो विदेशी एनजीओ केजरीवाल और सिसौदिया की मदद करते हैंए उनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं।गडकरी को दूसरा कार्यकाल मिलने की संभावना के साथ ही झा भी दूसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद कर रहे थे। पार्टी भले ही गडकरी के बचाव की मुद्रा में होए लेकिन संघ के हाथ खींच लेने से संगठन चुनाव असमंजस से घिर गए हैं। झा के संपादकीय को पार्टी में गडकरी के समर्थन में मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है। झा ने कहा है कि केजरीवाल का खेल करेंसी का है।डाण्मनमोहन सिंह को यह पता लगाना चाहिए कि यह करेंसी भारत की है या फिर भारत को कमजोर करने वाली शक्तियों की। झा ने गडकरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की क्लीन चिट को केजरीवाल के मुंह पर करारा तमाचा बताया है। झा ने केजरीवाल को ब्लैकमेलरए अन्ना के साथ विश्वासघात करने वाला बताते हुए लिखा कि केजरीवाल की चाहत पिटने की हैए ताकि जनता का भावनात्मक समर्थन मिलने लगे। झा यहीं नहीं रुके उन्होंने न्यूज चैनलों के बारे में कहा कि उन्होंने कुकुरमुत्तों को मुंह लगाकर अपना कीमती समय बर्बाद किया और जनता को भी गुमराह किया।
अनिल अंबानी की अगुआई वाले रिलायंस समूह ने एक बार फिर मध्य प्रदेश को मोटे निवेश का भरोसा दिलाया है। अपनी विस्तार योजना की घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि वह राज्य में अपने कुल निवेश के आंकड़े को 30ए000 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 50ए000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा देगी। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने प्रदेश सरकार के आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहाए श्हम अगले कुछ साल के दौरान प्रदेश में कोयला खननए बिजली उत्पादन और सीमेंट निर्माण के क्षेत्र में 50ए000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेंगे।श् उन्होंने बताया कि रिलायंस समूह प्रदेश में इन तीनों क्षेत्रों में 30ए000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर आगे बढ़ रहा है। अंबानी ने बतायाए श्हमारी कोयला खनन परियोजना का पहला चरण शुरू हो चुका है। हम अपने सासन संयंत्र में 660 मेगावॉट बिजली उत्पादन जल्द शुरू कर देंगे।बिना किसी खास एजंडे के केजरीवाल के इस गुरिल्ला युद्ध पर बीबीसी ने मौजूं सवाल किया है।कौन है केजरीवाल का अगला निशाना देखें
सोनिया गाँधी के दामाद क्लिक करें रॉबर्ड वाड्रा , विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के बाद क्लिक करें अरविंद केजरीवाल का अगला निशाना कौन होगा और उसका संबंध किस पार्टी के साथ होगा बुधवार को अपनी प्रेसवार्ता से कुछ घंटे पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन सदस्य अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा,आज के पर्दाफाश को देखें ये बहुत बड़ा हो सकता जब अरविंद केजरीवाल ने क्लिक करें रॉबर्ड वाड्रा के खिलाफ डीएलएफ के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था तब विपक्षी भाजपा ने जाँच की तो मांग की थी लेकिन बहुत शोर.शराबा नहीं मचाया.
-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
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