पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक
पंचायत कर्मचारी का कान काट दिया । खबरों के मुताबिक यह कर्मचारी ट्रेड
यूनियनों के भारत बंद की वजह से काम पर नहीं आया था, जिससे तृणमूल के
कार्यकर्ता नाराज थे। गौरतलब है कि आज 11 ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का
दूसरा दिन है।
देशभर के लगभग 10 करोड़ मजदूर जिसमें मुख्यतः बैंक, बीमा, जनरल इंश्योरेंस, परिवहन, कारखाना मजदूर सहित राज्य कर्मचारियों की हड़ताल पर न्यायिक आदेश है कि वह बंद या हड़ताल नहीं कर सकते हैं जबकि भारतीय श्रम कानूनों के तहत उनको अपनी मांगों के सम्बंध में हड़ताल करने का अधिकार है। कुछ लोगों का तर्क यह होता है कि हड़ताल से काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। जिन समुदायों को हड़ताल से असुविधा होती है उनको सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह श्रमिक अशांति होने के पूर्व बातचीत के आधार पर हल करें। असुविधा महसूस करने वाला तबका इजारेदार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों या उद्योगपतियों को जब लाखों लाख करोड़ रूपये का फायदा सरकार देती है तब वह चुप रहते है और जब मेहनतकश तबका अपनी भूख व प्यास तथा बुनियादी जरूरतों की मांग को पूरा करने के लिए धन की मांग करता है तब देश का मलाई खाने वाला तबका असहज महसूस करता है। जरूरत इस बात की है कि देश के मेहनतकश आवाम की बुनियादी जरूरतें पूरा करने वाला वेतन होना चाहिए न कि प्रबंध तंत्र के मालिकों को फायदा पहुँचाने वाली नीतिया होनी चाहिए।
पटना में आज विधानसभा घेराव की कोशिश कर रहे भाकपा, एआईएसफ और आशा की महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटा...भाकपा राज्य सचिव राजेद्र प्रसाद सिंह और कॉमरेड विधायक अवधेश राय (अवधेश कुमार बछवाड़ा विधायक) की बेरहमी से पिटाई की गई, बुरी तरीके से 15-20 लाठियां मारी, कपड़े फटे, बेहोशी की हालत में घसीट कर ले जाया गया...एआईएसएफ के हदीस, धीरज का पुलिस ने मार सिर फोड़ा, महिलाओं पर भी बर्बरता से लाठियां मारी गईं, कई लोग घायल हैं...
नीतीश कुमार की तानाशाही मुर्दाबाद...दमन-शोषण के खिलाफ खड़ी जनता को लाल सलाम...
बंद के दूसरे दिन भी भाकपा, भाकपा माले समेत तमाम मजदूर-कर्मचारी यूनियन और संगठन सड़क पर उतरे...
हड़ताल का समर्थन करने के लिए आम जनता को भी धन्यवाद दिया है।यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भी यह हड़ताल बेहद सफल है। जिलों-जिलों में हड़ताली कर्मचारी एवं मजदूरों के समर्थन में भाकपा कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे।
राजधानी लखनऊ में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश, वरिष्ठ नेता अशोक मिश्र, राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप तिवारी, राज्य कौंसिल सदस्य परमानन्द द्विवेदी, जिला सचिव मो. खालिक, विजय राजबली माथुर एवं महेन्द्र रावत समेत तमाम नेतागण मजदूरों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए।
नोएडा में हुई तोड़-फोड़ एवं आगजनी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि राष्ट्र स्तर पर मजदूर वर्ग की शान्तिपूर्ण एवं व्यापक कार्यवाही को यह बदनाम करने की साजिश है। मजदूर वर्ग को इस हड़ताल का उद्देश्य, लक्ष्य एवं मर्यादायें भलीभांति मालूम हैं और वह ऐसी कार्यवाही नहीं कर सकता। अतएव घटना की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की जरूरत है।
चन्दन वर्मा
बाराबंकी
देशभर के लगभग 10 करोड़ मजदूर जिसमें मुख्यतः बैंक, बीमा, जनरल इंश्योरेंस, परिवहन, कारखाना मजदूर सहित राज्य कर्मचारियों की हड़ताल पर न्यायिक आदेश है कि वह बंद या हड़ताल नहीं कर सकते हैं जबकि भारतीय श्रम कानूनों के तहत उनको अपनी मांगों के सम्बंध में हड़ताल करने का अधिकार है। कुछ लोगों का तर्क यह होता है कि हड़ताल से काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। जिन समुदायों को हड़ताल से असुविधा होती है उनको सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह श्रमिक अशांति होने के पूर्व बातचीत के आधार पर हल करें। असुविधा महसूस करने वाला तबका इजारेदार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों या उद्योगपतियों को जब लाखों लाख करोड़ रूपये का फायदा सरकार देती है तब वह चुप रहते है और जब मेहनतकश तबका अपनी भूख व प्यास तथा बुनियादी जरूरतों की मांग को पूरा करने के लिए धन की मांग करता है तब देश का मलाई खाने वाला तबका असहज महसूस करता है। जरूरत इस बात की है कि देश के मेहनतकश आवाम की बुनियादी जरूरतें पूरा करने वाला वेतन होना चाहिए न कि प्रबंध तंत्र के मालिकों को फायदा पहुँचाने वाली नीतिया होनी चाहिए।
पटना में आज विधानसभा घेराव की कोशिश कर रहे भाकपा, एआईएसफ और आशा की महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटा...भाकपा राज्य सचिव राजेद्र प्रसाद सिंह और कॉमरेड विधायक अवधेश राय (अवधेश कुमार बछवाड़ा विधायक) की बेरहमी से पिटाई की गई, बुरी तरीके से 15-20 लाठियां मारी, कपड़े फटे, बेहोशी की हालत में घसीट कर ले जाया गया...एआईएसएफ के हदीस, धीरज का पुलिस ने मार सिर फोड़ा, महिलाओं पर भी बर्बरता से लाठियां मारी गईं, कई लोग घायल हैं...
नीतीश कुमार की तानाशाही मुर्दाबाद...दमन-शोषण के खिलाफ खड़ी जनता को लाल सलाम...
बंद के दूसरे दिन भी भाकपा, भाकपा माले समेत तमाम मजदूर-कर्मचारी यूनियन और संगठन सड़क पर उतरे...
दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रियल
एरिया में ओखला में सैकड़ों लोगों की भीड़ आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के
खिलाफ नारे लगाते हुए जा रही थी। इस भीड़ में से कुछ लोगों को पुलिस ने
हिरासत में लिया है।
बिहार में आरा और जहानाबाद में हड़ताल समर्थकों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की खबर है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज से शुरू हुई मेहनतकशों की दो दिवसीय आम हड़ताल को बेहद सफल बताते हुए इसके लिए मजदूरों एवं कर्मचारियों के तमाम संगठनों को बधाई दी है। भाकपा नेहड़ताल का समर्थन करने के लिए आम जनता को भी धन्यवाद दिया है।यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भी यह हड़ताल बेहद सफल है। जिलों-जिलों में हड़ताली कर्मचारी एवं मजदूरों के समर्थन में भाकपा कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे।
राजधानी लखनऊ में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश, वरिष्ठ नेता अशोक मिश्र, राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप तिवारी, राज्य कौंसिल सदस्य परमानन्द द्विवेदी, जिला सचिव मो. खालिक, विजय राजबली माथुर एवं महेन्द्र रावत समेत तमाम नेतागण मजदूरों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए।
नोएडा में हुई तोड़-फोड़ एवं आगजनी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा कि राष्ट्र स्तर पर मजदूर वर्ग की शान्तिपूर्ण एवं व्यापक कार्यवाही को यह बदनाम करने की साजिश है। मजदूर वर्ग को इस हड़ताल का उद्देश्य, लक्ष्य एवं मर्यादायें भलीभांति मालूम हैं और वह ऐसी कार्यवाही नहीं कर सकता। अतएव घटना की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की जरूरत है।
चन्दन वर्मा
बाराबंकी
2 टिप्पणियां:
घटना की उच्चस्तरीय जांच कराये जानी चाहिए
Recent post: गरीबी रेखा की खोज
श्रीमती वन्दना गुप्ता जी आज कुछ व्यस्त है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी चर्चा मंच पर सम्मिलित किया जा रहा है।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (23-02-2013) के चर्चा मंच-1164 (आम आदमी कि व्यथा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
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