प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने आईबीएन 7 से बातचीत करते हुए कहा कि जब कभी दिल्ली, बम्बई या बंगलुरु में बम विस्फोट होता है तो कुछ ही घंटो के अन्दर लगभग सभी चैनल एक खास तरह की न्यूज़ दिखाना शुरू कर देते हैं जैसे कि एक ईमेल या एसएमएस आया जिसमें इंडियन मुजाहिद्दीन ने जिम्मेदारी ली या जैश-ऐ-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली या फिर हरकत उल जेहाद या कोई मुस्लिम नाम ने जिम्मेदारी ली. यह किसी शरारती व्यक्ति की भी हरकत हो सकती है लेकिन इसे टी वी चैनल और उसके अगले दिन प्रिंट मीडिया में दिखाना, मीडिया एक स्थापित तरीके से यह कहना चाहती है कि सभी मुस्लिम आतंकी हैं या बम फेकने वाले हैं या शैतानी हैं।
सभी धर्मो के 99% लोग शरीफ लोग हैं। मुझे लगता है कि यह मीडिया का जानबूझ कर उठाया गया कदम है जिससे लोग धर्म के आधार पर बँट जाएँ. यह बात राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है।
बम विस्फोट के कुछ ही घंटो के अन्दर एसएमएस और ईमेल के आधार पर आप मुसलमानों को शैतान की छवि में दिखाने लगते हैं. इस बात का क्या मतलब है ?
नोट- यह YouTube के इस लिंक का अनुवाद है
1 टिप्पणी:
media ko kuchh to samjhdari se kam lena hi chahiye .सराहनीय प्रयासअकलमंद ऐसे दुनिया में तबाही करते हैं . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
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