गुरुवार, 13 जून 2013

क्या प्रधानमंत्री व भाजपा अपराधी को बचा पाएंगे ?

गुजरात के इशरत जहाँ के फर्जी एनकाउंटर में आई बी के विशेष डायरेक्टर राजेंद्र कुमार को सीबीआई ने आज अभियुक्त सम्मन के द्वारा तलब किया था किन्तु उन्होंने अपने पिता की बीमारी का बहाना कर मंगलवार की तारीख उपस्थित होने के लिए ली है। वहीँ, आई बी के डायरेक्टर आसिफ इब्राहिम प्रधानमंत्री सहित देश के प्रमुख अधिकारीयों से राजेंद्र कुमार की सिफारिश की है और सीबीआई के डायरेक्टर रंजीत सिन्हा से मिलकर उनको अर्दब में लेने की भी कोशिश की है।
               सीबीआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजेंद्र कुमार ने शुक्रवार को पूछताछ के लिए आने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद उन्हें मंगलवार का समय दिया गया है। आशंका है कि पूछताछ के बाद राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ में राजेंद्र कुमार की भूमिका को लेकर उनके पास पुख्ता सुबूत हैं। मुठभेड़ के समय राजेंद्र कुमार गुजरात में आइबी के संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात थे और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी पर लश्कर-ए-तैयबा के आत्मघाती दस्ते के हमले के बारे में उन्होंने राज्य सरकार को सचेत किया था। इसी अलर्ट को आधार बनाते हुए अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इशरत और उसके साथियों को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था।  
इस अपराधी को बचाने के लिए राजनितिक दलों में मात्र भारतीय जनता पार्टी आगे आई है क्यूंकि कुर्सी पर बैठे हुए अपराधियों की पैरोकारी में इसकी भूमिका हमेशा आगे रही है। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को तत्काल हस्तक्षेप पर राष्ट्रहित में फैसला लेना चाहिए। उनके अनुसार देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए यह अत्यंत गंभीर मामला है। किन्तु भारतीय जनता पार्टी जब यह बयान देती है तो उसे देश के नागरिकों को इन अधिकारीयों द्वारा किये जा रहे उत्पीडन व अपराध नहीं दिखाई देते हैं। उत्तर प्रदेश में भी खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी ने हत्या के लिए नामजद अभियुक्तों को बचाने के लिए पैरवी की थी और पूरे प्रदेश में प्रदर्शन भी किया था। देश के नागरिकों को मार डालने वाले लोग भाजपा की नजर में असली राष्ट्रप्रेमी हैं। 
         आई बी के डायरेक्टर को भी फर्जी एनकाउंटर के मामले में हस्तक्षेप नही करना चाहिए क्यूंकि आज स्तिथि यह हो गयी है कि किसी भी व्यक्ति को पकड़ कर मार डालो और आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन व इनाम इकराम ले लो का दौर चल रहा है। इससे लोकतंत्र व न्याय समाप्त होता है। प्रधानमंत्री को भी चाहिए की अपराधी अधिकारीयों को बचाने के बजाये कठोर कार्यवाई कराएं जिससे जनता का व्यवस्था के प्रति सम्मान बढ़ सके।

सुमन 
लो क सं घ र्ष !

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