सुन ऐ मानव
तूने नदियाँ बाँधी तूने काटे पेड़
तूने मिसाइल दागी तूने काटे पर्वत
तूने मिटटी खोदी तूने लूटे प्राकृतिक खाधान्न
तूने जानवर काटे तूने मारे पंक्षी
तूने परमाणु बम बनाया तूने किया विस्फोट
तूने जंगल काटे तूने किया धरती का विनाश
तूने मंगल खोजा तूने खोजा चाँद
तूने बना दिया इस धरती को हैवान
तूने मंदिर तोड़ा तूने तोड़ी मस्जिद
तूने तोड़ दिया सारा संसार
तूने तकनीकी बनायीं तूने आधुनिकता का किया व्यापार
तूने संस्कारों और रीति रिवाजो का किया सत्यानाश
तू है कसाई तू है विनाशी तू है हैवान
तू निर्दयी तू पापी तू है बईमान
तू अधर्मी तू कुकर्मी तू है अत्याचारी
सुन ऐ मानव
यह तबाही कुछ कहती है ....................
सुन ए मानव
यह तबाही कुछ कहती है ..........................
-के एम् भाई
cn.- 8756011826
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें