संसदीय चुनाव की मंडी में राम को पेश कर दिया गया है और राम के बहाने सपा भाजपा अपना खेल प्रारंभ कर दिए हैं और वोट का आधार सांप्रदायिक आधार बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है यह दोनों दल काफी पहले राम की मर्यादा को वोटों की मंडी में बेच चुके हैं और उसका लाभ भी उठाया है.
यात्रा
की इजाजत के बहाने लिए ही विश्व हिंदू परिषद के सबसे बड़े नेता अशोक सिंघल के
नेतृत्व में साधु संतों ने 17 अगस्त को मुलायम सिंह से मुलाकात की थी.
अखिलेश यादव भी उस बैठक में मौजूद थे,वहीँ पर प्रदेश को आगामी संसदीय चुनाव की दृष्टि से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की योजना शुरू हो गयी थी. विश्व हिन्दू परिषद् आरएसएस भाजपा के पास उत्तर प्रदेश में कोई मुद्दा नहीं था इसलिए नूराकुश्ती शुरू हुई और एक मुद्दा ८४ परिक्रमा के बहाने पैदा किया गया. भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद् के किसी भी बड़े नेता में ये दम नहीं है कि वह दस किलोमीटर भी पैदल चल सके. राम को चुनाव का आधार बना कर दोनों पक्ष अपना अपना काम बनाने के फ़िराक में है.
चौरासी
कोसी परिक्रमा के लिए अशोक सिंघल ने उत्तर प्रदेश सरकार को 10 अगस्त को चिट्ठी भी
लिखी थी. इसके हफ्ते भर बाद मुलायम से मुलाकात हुई. मुख्य सवाल यह हैं कि किसी जुलुस प्रदर्शन की अनुमति जिला प्रशासन या मंडल स्तर के अधिकारी देते हैं न कि मुख्यमंत्री व उनका बाप देता है.
चौरासी कोसी यात्रा परम्परागत रूप से चैत्र पूर्णिमा से बैसाख
की पूर्णिमा के बीच होती है. उस हिसाब से यह यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई के
बीच हो चुकी है. ऐसे में विश्व हिंदू परिषद की प्रस्तावित यात्रा से एक नयी परम्परा की
शुरुआत होती, जिसे अनुचित मानते हुए राज्य सरकार ने इसे निकालने की इजाजत
देने से इनकार कर दिया है. यह सरकार का बहाना है मुख्य बात यह है कि प्रशासनिक अमला जिसकी कोई रीढ़ नही है वह भी इस षड़यंत्र में मेली मददगार है.
आरएसएस के अखिल भारतीय सह
संपर्क प्रमुख राम माधव ने कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ एक वर्ग के वोट के
लिए हिंदू धर्म और संस्कृति पर लगातार हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि
सरकार ने सत्ता के नशे में पाबंदी लगाकर बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को
कुचलने का काम किया है। संत-महात्माओं को अगर परिक्रमा करने से रोका गया,
तो सरकार का सत्तामद चकनाचूर हो जाएगा। आर एस एस का हिन्दू धर्म संस्कृति से कोई लेना देना नहीं है सिर्फ धर्म के आधार पर जितना भी उपद्रव हो सके करना ही उसका काम है. आर एस एस का राजनितिक चेहरा भाजपा के रूप में मौजूद है तो उसको मुखौटा उतारकर सीधे सीधे राजनीती की बात करनी चाहिए और हिन्दू धर्म व संस्कृति को बदनाम करने का कार्य बंद कर देना चहिये.
सुमन
2 टिप्पणियां:
श्रीमान जी वोट के लिए राम का नाम लेना गुनाह है क्या। जब आप 16% आबादी को 20% आरक्षण दे रहे हैं तो क्या ये धर्म निरपेक्षता है।
श्रीमान जी वोट के लिए राम का नाम लेना गुनाह है क्या। जब आप 16% आबादी को 20% आरक्षण दे रहे हैं तो क्या ये धर्म निरपेक्षता है।
एक टिप्पणी भेजें