सोमवार, 2 दिसंबर 2013

सोनी सोरी

​​ ​​ अन्याय के सामने घुटने न टेकने और इन्साफ की लड़ाई में मजबूती से डटे रहने का एक और प्रतीक बन गयीं सोनी सोरी ने भारतीय कंम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से दिल्ली में अजय भवन में मुलाकात की। वे सर्वोच्च न्यायलय में अपने प्रकरण की सुनवाई के लिए दिल्ली में थीं। उनके साथ राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की महासचिव कॉमरेड एनी राजा  और सोनी की ही तरह पुलिस की क्रूरताओं के शिकार बने सोनी के भतीजे लिंगा कोडोपी भी थे।  इस मुलाकात में  प्रगतिशील लेखक संघ के कॉमरेड विनीत तिवारी तथा शोधार्थी व आइसा कार्यकर्त्ता राधिका कृष्णन भी थीं।
छत्तीसगढ़ में पुलिस के आम लोगों पर अत्याचारों की दिल दहला देने वाली क्रूरता झेल रही सोनी सोरी और उनके भतीजे लिंगा कोडोपी ने बताया कि उन्होंने जगदलपुर की जेल में जो देखा और भोगा है, वह किसी नरक से कम नहीं है। पुलिस के अत्याचारों के बाद रायपुर जेल में भी बहुत ख़राब हालत थे, लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग, एनी राजा और अन्य महिला संगठनों द्वारा जेल के दौरे और सोनी सोरी से मुलाकात के बाद वहाँ की व्यवस्थाएं कुछ सुधर गयी थीं। सोनी सोरी ने बताया कि बीमार होने पर कैदियों को जेल स्टाफ की तरफ से जो दवा दी जाती हैं, वे बगैर रैपर की होती हैं इसलिए कैदी नहीं जान पाते कि उन्हें जो दवा दी जा रही है वह क्या है। उन्होंने बताया कि जब वे बीमार हुईं और उन्होंने खुली दवा खाने से इंकार कर दवा के रैपर की ज़िद की तो पाया कि वह दवा एक्सपायरी वाली दवा थी।  उन्होंने कहा कि जब जज या कोइ अन्य अधिकारी जेल के दौरे पर आते हैं तो जेल की शक्ल बदल दी जाती है और उनके सामने असली शक्ल आने ही नहीं दी जाती। महिला कैदियों के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार और यौन शोषण भी होता है।  खाने के नाम पर तो इस कदर भ्रष्टाचार और लूट है कि जगदलपुर जेल में जो खाना कैदियों को दिया जाता है, उसे इंसान तो क्या जानवर भी न खा सकें। उन्होंने बताया कि लगभग रोज़ ही जगदलपुर जेल के खाने में कीड़े निकलते हैं। कैदियों की ज़िंदगी भी दांव पर लगी हुई है। इस सबकी शिकायत अव्वल तो की ही नहीं जा सकती और अगर किसी तरह कर भी दो तो सजा मिलती है।  लिंगा ने कहा कि इन हालत को सभी कैदियों के लिए सुधारा कैसे जाये, इसी बात की बेचैनी है।
भारतीय कंम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिवद्वय कॉमरेड ए. बी. बर्धन और कॉमरेड डी. राजा से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार इस अन्याय के चक्रव्यूह में फंस कर पूरी तरह बिखर गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पति की पिछले दिनों हुई मृत्यु भी पुलिस हिरासत में आयीं चोटों की वजह से ही हुई। अब उनके तीनों बच्चे भी बिखरे हुए हैं। एक बेटा हॉस्टल में रह कर पढ़ रहा है और दोनों लडकियां गांव में सोनी के पिता के पास रह रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह पुलिस उन्हें मानसिक रोगी साबित करना चाहती थी। दो वर्ष से अधिक समय से जेल में रह रही सोनी ने जो आप-बीती सुनायी उसे सुनकर कॉमरेड बर्धन ने कहा कि यातना के ऐसे कारनामे तो नाजियों के भी वक़्त में नहीं सुने गए। उन्होंने कहा कि यह पूरी मानवता के लिए बेहद शर्मनाक है।  कॉमरेड डी. राजा ने कहा कि वे इस मामले की सही पड़ताल के लिए और हिरासत में कैदियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की जांच के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। पार्टी के नेताओं ने सोनी सोरी को भरोसा दिलाया कि सच और न्याय की लड़ाई में भारतीय कंम्यूनिस्ट पार्टी उनका पूरा सहयोग करेगी।
---विनीत तिवारी

1 टिप्पणी:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर उम्दा प्रस्तुति....!
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