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मज़हब पर आधारित राष्ट्र का निर्माण हमलोगों ने नहीं किया था. जिन लोगों ने मज़हब के आधार पर राष्ट्र का निर्माण किया था उनके टुकड़े हो रहे हैं. हमने एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र का निर्माण किया था इसलिए हम एक हैं. जो शक्तियां हिन्दुवत्व वादी राष्ट्र बनाना चाहती हैं. उनका वास्तविक मंसूबा देश के टुकड़े-टुकड़े करना है.
यह उदगार आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अली अनवर ने बाराबंकी जनपद के बेलहरा कस्बे में आयोजित पसमांदा एवं शोषित अधिकार सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि 1940 में चालीस हज़ार पसमांदा मुसलमानों ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन करते हुए धर्म पर आधारित राष्ट्र के निर्माण का विरोध किया था.
श्री अनवर ने कहा "हिन्दू हो या मुसलमान पसमांदा समाज है एक समान" के नारे के साथ हमको मस्जिदों व कब्रिस्तानो में बराबारी चाहिए देखने में आता है कि बहुत जगह पर हलालखोर, भाठीयारो या निचले दर्जे के लोगों को कब्रिस्तान में लोग गाड़ने से मना करते हैं और मस्जिदों का भी बंटवारा कर रखा है. उन्होंने आगे कहा हलालखोर व हरामखोर में अंतर करना पड़ेगा तभी समाज में सभी लोगों को सम्मान मिल सकेगा.
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए |
सभा को संबोधित करते हुए आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि बिहार की तरह से पिछड़ा वर्ग आरक्षण में 18 % अति पिछड़ों को आरक्षण उत्तर प्रदेश में भी दिया जाए. वहीँ जनसभा की संयोजिका नाहिद अकील ने कहा कि " वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा-नहीं चलेगा ."संसद और विधानसभाओं में पसमांदा समाज को आबादी के हिसाब से प्रतिनिधित्व दिया जाए.
जनसभा को जनाब हाजी निसार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पसमांदा मुस्लिम महाज़, जनाब मोहम्मद खालिद सचिव मुस्लिम मजलिसे मुशावरात व तारिक सिद्दीकी आदि ने संबोधित किया. जनसभा में कारी सत्तर, अनीसुल अंसारी, मोहम्मद हसन, फहीम अंसारी, मुजक्किर सिद्दीकी, रुखानी, जनाब शकील बेलहरी आदि प्रमुख लोग उपस्थित थे.
1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (02-09-2016) को "शुभम् करोति कल्याणम्" (चर्चा अंक-2453) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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