कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय में डीजी थे बीके बंसल |
कंपनी मामलों के मंत्रालय
के महानिदेशक व आईएएस अधिकारी बीके बंसल ने अपने सुसाइड नोट में सीबीआई पर प्रताड़ित करने
का आरोप लगाया. बसंल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सीबीआई उनकी पत्नी और
बेटी को भी 'टॉर्चर' कर रही थी. बंसल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि
'सीबीआई जांचकर्ता ने कहा था कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां भी मेरे नाम
से कांपेंगी.' बंसल ने लिखा कि उनकी पत्नी को थप्पड़ मारे गए, नाख़ून चुभोए गए, गालियां दी
गईं. अपने सुसाइड नोट में बीके बंसल ने लिखा है, 'डीआईजी ने एक लेडी अफसर
से कहा कि मां और बेटी को इतना टॉर्चर करना कि मरने लायक हो जाएं. मैंने
डीआईजी से बहुत अपील की, लेकिन उसने कहा, तेरी पत्नी और बेटी को ज़िंदा लाश
नहीं बना दिया तो मैं सीबीआई का डीआईजी नहीं इसके अलावा एक हवलदार ने मेरी पत्नी के साथ बहुत गंदा व्यवहार और टॉर्चर
किया, बहुत गंदी गालियां मेरी पत्नी और बेटी को दी. अगर मेरी ग़लती थी भी तो
मेरी पत्नी और बेटी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.
बीके बंसल के बेटे ने भी अपने नोट में लिखा है, 'मैं योगेश कुमार बंसल बहुत
ही दुखी और मजबूरी की स्थिति में सुसाइड कर रहा हूं. मुझे इस सुसाइड के
लिए मजबूर करने वाले सीबीआई के कुछ चुनिंदा अधिकारी हैं, जिन्होंने मुझे इस
हद तक मानसिक रूप से परेशान किया. मेरी मां सत्या बाला बंसल एक बहुत ही
विनम्र और धार्मिक महिला थी. मेरी बहन नेहा बंसल बहुत सीधी-सादी और दिल्ली
यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट थी. उन दोनों पवित्र देवियों को भी इन्ही
पांचों ने डायरेक्टली और इंडायरेक्टली इस हद तक टॉर्चर किया, इस हद तक
सताया, इतना तड़पाया कि उन्हें सुसाइड करना पड़ा, वरना मेरी मम्मी और मेरी
बहन नेहा तो सुसाइड के सख़्त ख़िलाफ़ थे. भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ऐसा
किसी हंसते-खेलते परिवार के साथ न करना.'
सीबीआई ने माना है कि उसे दिल्ली पुलिस से ये चिट्ठियां मिली हैं. वो जांच
कर दोषियों को सज़ा देने की बात कह रही है. रिश्वत के एक आरोप से शुरू हुआ
ये सिलसिला जिस तरह एक पूरे परिवार के ख़ात्मे तक जा पहुंचा है, वह अपने में
दिल दहलाने वाली दास्तान है.
हम चाहे जितना लोकतंत्र, न्याय, समानता की बात करें लेकिन असली चेहरा काला है कुरूप है, भयानक है. यहाँ जो बातें प्रकाश में आ रही हैं. उसकी जानकारी राजनेताओं को, प्रशासनिक अफसरों को और न्यायिक अधिकारीयों को भी है लेकिन वह मुंह मियां मिठू बन अपने काले चेहरे को सफ़ेद कहते हैं लेकिन जनता की निगाह में उनके चेहरे का यही स्वरूप है जो बंसल नें अपने आत्महत्या करने वाले पत्र में लिखा है.
सुमन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें