"उदार चरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् "अर्थात उदार चरित्र वाले लोगो का सारा संसार परिवार होता है खरगोश अगर भेडिया के पास जाएगा तो वह तुंरत भेडिया का भोजन हो जाएगा । उसी तरह महात्मा गाँधी से प्रमाण पत्र भी लिया और गाँधी की हत्या भी की जब जरूरत होती है तो आज भी गाँधी का इस्तेमाल गाँधी की हत्या करने वाले लोग करतें है और गाँधी वध भी ।
आज पंचतंत्र का संस्कृत वाक्यांश सच साबित हो रहा है. उत्तर प्रदेश में इसी तरह के वादे कर भाजपा सत्तारूढ़ हो गयी और उसके बाद सरकार की हालत यह हो गयी है कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन जो पूरे प्रदेश की जनता की शिकायतें दूर करने के लिए है वह भी अपनी शिकायतें दूर नही कर पा रही है पूरे प्रदेश की जनता की शिकायतें क्या दूर करेगी.
राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के विभूतिखंड स्थित साईबर हाईट में
संचालित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में काम करने वाली महिला टेलीकालरों द्वारा
चार माह से लटके वेतन की मांग करने पर कमरे में बंद कर प्रताड़ित करने का
मामला 9 मार्च को सामने आया है। जिसके चलते कुछ युवतियां बेहोश हो गई। युवतियों को
लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस से भी प्रदर्शनकारियों की
भिड़ंत हो गई। इस मामले में विभूतिखंड थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार राय का
कहना है कि कर्मचारियों को तीन महीने की ट्रेनिंग और एक महीने का वेतन
नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में कार्यरत लड़कियों को जबरदस्ती सरकार का डर दिखा कर काम लिया जा रहा है. जिस तरह से गुंडे और मवाली समाज के कमजोर तबकों से हंटर के बल पर काम लेते हैं, छेड़खानी करते हैं उसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन की स्तिथि है.
लोकतंत्र में मत का प्रयोग अगर सही तरीके से नहीं किया गया है तो मीठी-मीठी बातें करके ऐसे लोग सत्ता में आ जाते हैं जिनका जनतंत्र और लोकतंत्र में कोई यकीन नही होता है और ऐसे लोग मजदूरों और किसानों का शोषण हंटर के बल के ऊपर करते हैं. इस घटना के बाद यह अच्छी तरह से प्रदर्शित हो रहा है कि जब मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्बंधित लोगों को वेतन भुगतान नही हो रहा है तो पूरे प्रदेश में मजदूरों और किसानों की क्या दशा होगी.
दूसरी तरफ प्रदेश के विकास के लिए दिवालिया उद्योगपतियों के ऊपर 65 करोड़ रुपये खर्च कर प्रदेश की जनता को लोलीपाप दिखाया जा रहा है. कोरिया की 13 करोड़ की कंपनी वर्ल्डबेस्टटेक उत्तर प्रदेश में 90000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है. जिसका सीधा-सीधा अर्थ है कि 90000 करोड़ यहाँ बैंकों से दिए जायेंगे और फिर कंपनी उक्त रुपया लेकर तू चल मै आता हूँ के विपरीत विदेश चली जएगी.
रणधीर सिंह सुमन
1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (13-03-2017) को "सफ़र आसान नहीं" (चर्चा अंक-2908) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
एक टिप्पणी भेजें