दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ, तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है सिवाय अपनी जंजीरों के। हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार, हर किसी को उसकी जरूरत के अनुसार-
- इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दूसरे एक मजाक की तरह।
- कोई भी जो इतिहास की कुछ जानकारी रखता है वह ये जानता है कि महान सामाजिक बदलाव बिना महिलाओं के उत्थान के असंभव हैं। सामाजिक प्रगति, महिलाओं की सामजिक स्थिति, जिसमें बुरी दिखने वाली महिलाएं भी शामिल हैं, को देखकर मापी जा सकती है।
- लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है।
- पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ, तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं हैए सिवाय अपनी जंजीरों के। कार्ल मार्क्स धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है।
- शासक वर्ग को कम्युनिस्ट क्रांति के डर से कांपने दो। मजदूरों के पास अपनी जंजीरों के आलावा और कुछ भी खोने को नहीं है। उनके पास जीतने को एक दुनिया है। सभी देश के कामगारों एकजुट हो जाओ।
- मेरा भी मालिकाना होगा कब्जा होगा हम सबका- बार्सिलोना हाबिक मोसान मैनचेस्टर के कपड़ा मिलों पर अगर नहीं, तो नहीं!
-गोपाल मिश्रा
लोकसंघर्ष पत्रिका अप्रैल 2018 विशेषांक में प्रकाशित
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