15 चीनी मिलें मंडल की खत्म कर चुकीं पेराई सत्र 2018-19, केवल रमाला मिल ही चालू 1061 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया जनपद की मिलों पर, भुगतान नहीं होने से किसान परेशान मेरठ। शासन के निर्देशों और चीनी के दाम में तेजी होने के बावजूद शुगर इंडस्ट्री गन्ना मूल्य भुगतान दबाने में लगी है। मेरठ मंडल की 16 शुगर मिलों की तिजोरी में किसानों का 2368 करोड़ बकाया भुगतान अटका पड़ा है।
उ0प्र0 गन्ना खरीद एवं आपूर्ति अधिनियम के अनुसार शुगर मिलों को गन्ना खरीद के बाद 14 दिन के अंदर भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश की कोई भी मिल इसका पालन नहीं कर रही है। पेराई सत्र 2018-19 में मेरठ मंडल की चीनी मिलों द्वारा किए गए भुगतान पर नजर डालें तो सभी 16 मिलों ने 4569 करोड़ 55 लाख 59 हजार रुपये का गन्ना खरीदकर अभी तक 2188 करोड़ 17 लाख 29 हजार रुपये का ही भुगतान किया है। 2368 करोड़ 79 लाख 61 हजार रुपये अभी भी मिलों पर बकाया हैं। यानी शुगर इंडस्ट्री ने देय भुगतान के सापेक्ष केवल 48 फीसदी ही भुगतान किया है।
लोकसभा चुनाव में किया था वादा
प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव में गन्ना बकाया भुगतान मुद्दा बनने से रोकने के लिए जल्द ही बकाया भुगतान कराने का वादा किया था। इसके बाद शासन लगातार भुगतान के लिए दबाव भी बना रहा है। केंद्र सरकार ने भी इंडस्ट्री की गुहार सुनते हुए चीनी का न्यूनतम मूल्य 2900 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3150 रुपये प्रति क्विंटल किया था। वहीं, बाजार में भी चीनी के दामों में तेजी आ रही है। इसके बावजूद इंडस्ट्री भुगतान करने में गंभीरता नहीं दिखा रही है। किसानों के पास बच्चों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं।
बोलते आंकड़े शुगर मिल बकाया (लाख रुपये में)
मवाना 37631, दौराला 7969, किनौनी 38026, नंगलामल 13982, सकौती 2361, मोहिउद्दीनपुर 6132, मोदीनगर 22456, सिंभावली 40003, बृजनाथपुर 12132, मलकपुर 29326, बागपत 3269, रमाला 3574, साबितगढ़ 4200, अगौता 6685, बुलंदशहर 6160, अनूपशहर 2968 (नोट-आँकड़े 7 जून तक के है और गन्ना विभाग से लिए गए हैं)
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