रविवार, 12 अप्रैल 2020

कोरोना :वियतनाम जिसने दुश्मन की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की

 
 
https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/f/fc/VietnamMural.jpg
अमरीका ने वियतनामके साथ यह किया था
  अमरीका ने  वियतनाम को समाप्त करने के लिए 1 नवम्बर 1955 - 30 अप्रैल 1975 तक उसी की धरती पर  युद्ध लड़ा था लेकिन उसी वियतनाम ने कोरोना वायरस से जूझ रहे अमरीका को 1मिलियन PPE किट दान कर मानवता को बचाए रखने के लिए क्म्युनिस्ट परम्परा को जिन्दा रखा है । 450 हज़ार की पहली खेप US पंहुच चुकी है दूसरी पंहुचने वाली है . वियतनाम ने इटली और लागोस को भी मदद स्वरूप जांच किट और इक्यूपमेंट्स भेजे है।
पूंजीवाद और समाजवाद में यही अंतर है  युद्ध और मानव रक्त बहाना उनका जीवन है शांति उनकी मौत है  कम्यूनिस्ट वियतनाम में कोरोना वायरस के 251 मरीज थे कोई कैजुअल्टी नही, सब ठीक हो चुके है ।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का कहर जारी है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप फिलहाल अमेरिका झेल रहा है। पिछले 24 घंटों में वहां 1920 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने काफी हद तक कोरोना वायरस से जंग जीत ली है। ऐसा ही एक देश है वियतनाम।
वियतनाम दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। २००८ में ८ करोड़ ६१ लाख की जनसंख्या के साथ वियतनाम दुनिया में १३वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है।
हमारे देश में कोरोना जंग जारी है ,थाली- ताली- शंख- पटाका -दिया जलाना -गौ मूत्र  -गोबर व मशाल जुलूस के साथ अब आधुनिक चिकित्सा का सहारा भी लिया जा रहा है .केरल ने आधुनिक चिकित्सा पद्दति का सहारा लेकर कोरोना की रोकथाम की है .आरोप -प्रत्यारोप का दौर ,साम्प्रदिकता को भी आधार बना का कोरोना वाइरस से युद्ध लड़ा जा रहा है .
 गरीब जनता को  मुर्गा बनाना -चुतड पर साट लगाना -सड़क पर घिसटते हुए सरकना  और बेतों से पिटाई फिर जेल  में बाद करना जैसे द्रश्य आम बात है .वहीँ  कोरोना वाइरस को विदेशों से लाने वाले लोगों को सरकार बड़े आराम से सेवा  कर रही है . गरीब मजदूर किसान बेहाल है .जनता को केरल -वियतनाम से  सीखना चाहिए .
-रणधीर सिंह सुमन

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