रविवार, 6 दिसंबर 2009

कलंक दिवस है आज

6 दिसम्बर 1992 को नियोजित तरीके से अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ डाला गया थाभारतीय संविधान के अनुसार देश धर्म निरपेक्ष है और सभी को अपना धर्म मानने उपासना करने का संवैधानिक अधिकार हैदेश के अन्दर एक छोटा सा तबका जो पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद से संचालित होता था और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से संचालित होता है। साम्राज्यवादियों के इशारे पर देश कि एकता और अखंडता को कमजोर करने की नियत से यह प्रलाप करता है कि वह देश का यह स्वरूप बदल कर एक ऐसे धार्मिक राष्ट्र के रूप में तब्दील कर देना चाहता है कि जिससे वर्तमान देश का स्वरूप ही बचा रहेऐसे तत्वों ने देश के अन्दर गृहयुद्ध करवाने के लिए बाबरी मस्जिद विवाद खड़ा किया था। देश धार्मिक विवाद में फंसा रहे और उसकी प्रगति रुकी रहे जिससे देश साम्राज्यवादी ताकतों के सामने खड़ा न हो सके । इस विवाद से आज तक मुक्ति नही मिल पायी है और हम आर्थिक रूप से भी कमजोर हुए है और हमारी प्रगति बाधित हुई है ।
देश का वर्तमान स्वरूप 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आया था जो चीजें जिस स्तिथि में थी उसको संविधान और कानून के दायरे में ही रखकर ही हल किया जा सकता है किंतु, 6 दिसम्बर की घटना ने देश में एक मजबूत सरकार होने का जो भ्रम था उसको तोड़ दियायदि उन्मादियों और दंगाइयों को राज्य द्वारा कहीं कहीं से संरक्षण प्राप्त होता तो यह घटना नही घटतीराज्य का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप है जब उसकी उदारता या संलिप्प्ता के कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं तो संविधान, न्यायव्यवस्था, पुरानी विरासत सब कुछ टूटता है मिलती सिर्फ़ बर्बादी हैराजनीतिक दलों ने क्षणिक फायदे के लिए दोनों तरफ़ से आग में घी डालने का कार्य किया है ताकि उनका वोट बैंक सुरक्षित हो सके6 दिसम्बर को इस देश में रहने वाले अधिकांश लोगो का विश्वाश टूटा था इसलिए यह दिन देश के लिए कलंक दिवस है और जो लोग शौर्य दिवस की बात करते हैं, वह लोग मुखौटाधारी हैंमुखौटाधारी इसलिए हैं कि जब जहाँ जैसा स्वार्थ आता है उसी के अनुसार वो बोलने लगते हैकभी वह कहते हैं कि बाबरी मस्जिद थी, कभी वह कहते हैं राम मन्दिरशौर्य दिवस के नाम पर जो जहर बोया गया है उसका विष कितने समय में समाप्त होगा यह कहना मुश्किल है। हजारो नीलकंठ हार जायेंगे उस जहर को समाप्त करने में। उस दिन देश हारा था, अराजक ,उन्मादी और देशद्रोही जीते थे । उन्ही का शौर्य दिवस है , हम हारे थे इसलिए कलंक दिवस है ।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

7 टिप्‍पणियां:

timeforchange ने कहा…

आदरणीय सुमन जी ,

कठोर भाषा के लिए छमा , पर ये बात मुझे आप से ही पता चली की कशाब सी . आइ , ए , या मोसाद का एजेंट है , आप की पर्तिक्रिया पढ़ी थी किसी ब्लॉग पर वही पर आपने ये बात कही थी . उसका कोई उत्तर है आपके पास . रही बात सेकुलरिस्म की , तो कृपा करके सेकुलरिस्म की परिभासा भी बता दे मुझे दरसल आज कल काफी कुछ सुनने को मिल रहा है , काफी भ्रमित हो गया हूँ में .

धन्यवाद .

timeforchange ने कहा…

Suman said...

itni galat baat mat likhiye ayodhya mein babri masjid thi jisko manniy lal krishn advaani, murli manohar joshi va kaar sevako ne manniy kalyan singh k sanrakshan mein 6 december ko tod dala tha . uske evaj mein atal bihari bajpei jo us sadyantr k mukhy karta dharta the pradhanmantri ho gaye aur vahi log kehte the ki babri masjid todkar ham ram mandir banane ja rahe hain to babri masjid thi usko toda gaya todne vaale apradhiyon ko tushtikaran niti k chalte abhi tak saja nahi mili jaise mumbai atanki ghatna mein CIA va mosaad k agent kasab ko nahi mil rahi .

timeforchange ने कहा…

ye apne hi kaha tha .

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप की बात से सहमत है जी.... लेकिन वो मस्जिद भी तो एक खंडहर ही था, यह बात क बतंगड बनाया गया है... लेकिन मरे तो इंसान ही, शेतान तो बच गये

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बढ़िया लिखा है जी!
इतिहास को झुठलाया नही जा सकता!

Randhir Singh Suman ने कहा…

bhai rahul,
aapne mujhse do cheejein janni chahi hain hamare desh mein kabhi bhi american khufia agency CIA, FBI, tatha ijarail ki khufia agency MOSAD ko kary karne ki choot nahi mili thi hamara desh gut nirpeksh deshon ka neta raha hai hamne 1947 mein british samrajyvaad se mukti paayi thi II world war k baad british samrajyvaad jo duniyaa mein samrajyvaadiyon ka agua tha uski aguvai chali gayi aur america ne uski aguvai ko le liya tha . aaj poori duniya ko america apna samrajy pratyaksh apratyaksh roop se banana chahta hai uske liye vah kuch bhi karne ko taiyaar hai jara sochne ki jaroorat hai ki ISI pakistaani khufia agency hai vah sanchalit kahan se ho rahi hai , Uska sanchalan CIA kar raha hai mumbai ataanki ghatna k baad dono khufia agenciyoon ko hamare desh mein jaanch k bahane kaam karne ka khula avsar prapt hua hai kasaab ya maare gaye any atankiyon ki gatividhiyoon ko dekh kar lagta hai ki unka prasikshan uchh star ka tha va unki monitoring ki ja rahi thi vah bhi ucch star ki thi isse saabit hota hai ki mumbai atanki ghatna ko karvaane vaale log hi jaanch karne ka drama kar rahe hain
dusara savaal yah hai aapka ki baabri masjid ko todne mein RSS dvara prasikshit rajnitik mukhautadhaari chahe advaani ho chahe atal bihaari hon ya RSS ka koi any svayam sevak ho sabhi shamil the

Dharm nirpekshta ka atrh yah hai ki aap kisi bhi dharm ko maane. Apne dharm ko shresht saabit karne k liye dusare k dharmm par aachep na karein aur na hi apne dharm k kriyakalapon ko sadak upar karne lage . sarkaar dharm nirpeksh hoti hai uske kisi bhi karykram mein kisi bhi dharm ka anusthaan nahi hona chahiye.

shesh aap ke agle savaal par

timeforchange ने कहा…

namaskar suman ji ,
aapki baton se lagta hai ki pakistan ka 26/11 mein koi haath nahi tha , aur pakistan humare khilaf ekdum nahi hai vo to america ke dabav main ye kar raha hai , to aap ek dum galat hain . is baat ko nakariye mat ki pakistan aur taliban se poori duniya paresan hai , ab aap kahenge ki 9/11 ka humala bhi america ne khud karvaya hai , america bhale swarthi desh ho , lekin aur sab desh chutiya nahi hain , ki agar america galat kar raha hota aur hume pata nahi chalta , sachai se muh na modiye , pakistan ko bachane ki kosis na kariye . aur secularism ko samjhne se pahle insaniyat ko samjhna jaroori hai .

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