मंगलवार, 3 अगस्त 2010

वर्ष के श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक का सम्मान , वर्ष के श्रेष्ठ विचारक का सम्मान

वर्ष के श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक का सम्मान

एक ऐसा साहित्यकार जो विगत तीस सालों से साहित्य और पत्रकारिता में सक्रिय है . अनेक अखबारों में सह संपादक, मुख्य नगर संवाददाता, और संपादक पद पर सेवाएँ देने के बाद इन दिनों फ्री लान्सिंग. सद्भावना दर्पण नामक एक त्रैमासिक अनुवाद-पत्रिका का प्रकाशन-संपादनकर रहे हैं ..

हिन्दी सेवा के लिए जिन्हें त्रिनिदाद (वेस्ट इंडीज़) में हिंदी सेवाश्री कि उपाधि मिली. व्यंग्य लेखन के लिए भी लखनऊ,लुधियाना, भोपाल आदि अनेक शहरों में सम्मानित किया गया. लगभग दस देशों की यात्राएं. प्रकाशन- ३२ पुस्तकें प्रकाशित. मूलतः व्यंग्यकार. पांच अन्य पुस्तकों में सहयोगी रचनाकार. तीन उपन्यास, आठ व्यंग्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. चौथा उपन्यास ''देवपुर के दानव'' शीघ्र प्रकाश्य. इनके व्यंग्य साहित्य पर अब तक सात लोग शोध कार्य कर चुके हैं. इस वक्त कर्णाटक एवं मध्यप्रदेश में दो लोग पीएच. डी. की उपाधि के लिए गिरीश पंकज के समग्र व्यंग्य साहित्य पर शोध कार्य कर रहे है, पंजाब और उत्तर प्रदेश में दो छात्राएं इनके उपन्यास ''पालीवुड कीअप्सरा'' और ''माफिया'' पर लघु शोध कर रही हैं. डा. सुधीर शर्माके संपादन में प्रकाशित पत्रिका ''साहित्य वैभव'' का विशेषांक '' पचास के गिरीश'' प्रकाशित अनुवाद- इनकी रचनाओं के अनुवाद कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उर्दू, सिन्धी, छत्तीसगढ़ी, अंगरेजी, पंजाबी, नेपाली, मराठी, ओडिया आदि भाषाओँ में हो चुके है. व्यंग्य उपन्यास ''मिठलबरा की आत्मकथा'' का ओडिया और तेलुगु अनुवाद इसी साल छप कर आ जाएगा. नई कविता, गीत, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा, साक्षात्कार, संस्मरण, बाल साहित्य, नाटक, नवसाक्षर साहित्य आदि का निरंतर लेखन. सम्प्रति - साहित्य अकादेमी, दिल्ली के सदस्य, छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रांतीय अध्यक्ष तथा सर्वोदय मंडल के प्रांतीय महामंत्री. कुछ अखबारों में नियमित रूप से स्तम्भ-लेखन से जुड़े हैं ...!

जहां तक चिट्ठाकारी का प्रश्न है, ये हिंदी चिट्ठाकारों को अपने सात्विक लेखन से सदैव उत्प्रेरित करने का कार्य करते रहते है !

जानते हैं कौन हैं वो ?
वो हैं श्री गिरीश पंकज

जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है

वर्ष के श्रेष्ठ विचारक का सम्मान

हिंदी चिट्ठाजगत के एक ऐसे व्यक्तित्व को समर्पित है आज का यह सम्मान जो अपने सदविचारों के लिए जाने जाते हैं ...हिंदी चिट्ठाकारी के उन्नयन की दिशा में सक्रिय चिट्ठाकारों में जिनका नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है .....जो अपने सादा जीवन उच्च विचार की मर्यादा में रहकर ही चिट्ठाकारी को एक नया आयाम देने के पक्षधर हैं !

जिनकी सादगी आकर्षित करती है और चिंतन पाठकों को भय, भ्रम, भ्रान्ति से बाहर निकालता है ....जो उम्र के वेहद परिपक्व पड़ाव पर होते हुए भी अपनी सकारात्मक उर्जा और स्फूर्ति के लिए प्रसिद्द हैं ......साथ ही नए और आगंतुक चिट्ठाकारो के मार्गदर्शक !

जानते हैं कौन हैं वो?
वो हैं श्री जी. के. अवधिया

जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ विचारक का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
suman

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

गिरीश भाई और अवधिया जी को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

गिरीश पंकज और जी.के.अवधिया जी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ!

कविता रावत ने कहा…

Samman ke liye Girish pankaj aur awadiya ji ko bahut shubhkamnayne

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

गिरीश पंकज जी और अवधिया भईया को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ!

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