धर्म गुरुओं ने भी अपनी अपनी निष्ठाएं विभिन्न दलों में व्यक्त की चुनाव में भी उनका भाव तेजी पर रहा लग्जरी गाड़ियाँ, प्रतिदिन का खर्चा तथा विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का उपयोग भी इन लोगों ने किया।
चुनाव में मुद्दे गायब थे, चुनाव संपन्न होते ही किसानो की खाद, बीज की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हैं। महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। वोट लेने वाले बहुरूपियों ने सरकार बनाने के लिये साम, दाम, दंड भेद से मत प्राप्त कर लिये हैं, बिजली पानी नदारद है। सरकार चाहे जिसकी बने महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी जैसे मुद्दे हल करने की दिशा में इन राजनीतिक दलों की कोई रूचि नहीं है।
चुनाव में मुद्दे गायब थे, चुनाव संपन्न होते ही किसानो की खाद, बीज की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हैं। महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। वोट लेने वाले बहुरूपियों ने सरकार बनाने के लिये साम, दाम, दंड भेद से मत प्राप्त कर लिये हैं, बिजली पानी नदारद है। सरकार चाहे जिसकी बने महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी जैसे मुद्दे हल करने की दिशा में इन राजनीतिक दलों की कोई रूचि नहीं है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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