गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा की गई छापेमारी पर न्यूज़क्लिक का बयान

3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा की गई छापेमारी पर न्यूज़क्लिक का बयान हमें FIR की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है और न हमें कथित अपराधों के सटीक विवरण के बारे में सूचित किया गया है। बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए न्यूज़क्लिक परिसर और कर्मचारियों के घरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ज़ब्त कर लिया गया है। कल, 3 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा न्यूज़क्लिक के कार्यालयों, पत्रकारों और कर्मचारियों के आवासों - पूर्व और वर्तमान, सलाहकारों और न्यूज़क्लिक से जुड़े फ्रीलांस योगदानकर्ताओं सहित विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए। कई लोगों से पूछताछ की गई और पूछताछ जारी है। फिलहाल, हमारे संस्थापक-संपादक 76 वर्षीय प्रबीर पुरकायस्थ और हमारे प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती, जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमें FIR की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है और न हमें उन अपराधों के सटीक विवरण के बारे में सूचित नहीं किया गया है जिनके लिए हम पर आरोप लगाए गए हैं। बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए जैसे कि जब्ती मेमो (seizure memos) का प्रावधान, जब्त किए गए डेटा के हैश मान (hash values) यहां तक कि डेटा की प्रतियां आदि के बिना न्यूज़क्लिक परिसर और कर्मचारियों के घरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया गया। हमें अपनी रिपोर्टिंग जारी रखने से रोकने के एक ज़बरदस्त प्रयास में न्यूज़क्लिक के कार्यालय को भी सील कर दिया गया है। हम जो बता पाने में सक्षम हैं वह यह है कि न्यूज़क्लिक पर अपनी वेबसाइट पर कथित तौर पर चीनी प्रचार करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत अपराध का आरोप लगाया गया है। हम ऐसी सरकार के इन कार्यों की कड़ी निंदा करते हैं जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता का सम्मान करने से इनकार करती है और आलोचना को देशद्रोह या "राष्ट्र-विरोधी" प्रचार मानती है। न्यूज़क्लिक को 2021 से भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्रवाइयों की एक श्रृंखला द्वारा लक्षित किया गया है। इसके कार्यालयों और अधिकारियों के आवासों पर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग द्वारा छापे मारे गए हैं। पहले भी सभी उपकरण, लैपटॉप, गैजेट, फोन आदि जब्त कर लिए गए थे। सभी ईमेल और संचार का बारीकी से विश्लेषण किया गया। पिछले कई वर्षों में न्यूज़क्लिक द्वारा प्राप्त सभी बैंक विवरण, चालान, किए गए खर्च और प्राप्त धन के स्रोतों की समय-समय पर सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच की गई है। विभिन्न निदेशकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने कई अवसरों पर इन सरकारी एजेंसियों द्वारा पूछताछ में अनगिनत घंटे बिताए हैं। फिर भी, पिछले दो से अधिक वर्षों में, प्रवर्तन निदेशालय न्यूज़क्लिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज नहीं कर पाया है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए न्यूज़क्लिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं कर पाई है। आयकर विभाग अदालतों के समक्ष अपने कार्यों का बचाव करने में सक्षम नहीं है। पिछले कई महीनों में प्रबीर पुरकायस्थ को इनमें से किसी भी एजेंसी ने पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया है। फिर भी, एक ऐसी सरकार जो सारी जानकारी दस्तावेज और संचार के कब्जे में होने के बावजूद न्यूज़क्लिक के खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने में सक्षम नहीं है, उसे कठोर UAPA को लागू करने और न्‍यूज़क्लिक को बंद करने का प्रयास करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित फर्जी लेख की आवश्यकता थी। और उन स्वतंत्र और निडर आवाज़ों को दबा दिया जाता है जो असली भारत की कहानी प्रस्‍तुत करती हैं जैसे किसानों की, मज़दूरों की और समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों की। हम रिकॉर्ड के लिए बताना चाहते हैं: 1. न्यूज़क्लिक एक स्वतंत्र समाचार वेबसाइट है। 2. हमारी पत्रकारिता सामग्री पेशे के उच्चतम मानकों पर आधारित है। 3. न्यूज़क्लिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी चीनी इकाई या प्राधिकारी के आदेश पर कोई समाचार या जानकारी प्रकाशित नहीं करता है। 4. न्यूज़क्लिक अपनी वेबसाइट पर चीन के किसी प्रोपेगेंडा का प्रचार नहीं करता है। 5. न्यूज़क्लिक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री के संबंध में नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता है। 6. न्यूज़क्लिक को प्राप्त सभी फंडिंग उचित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून द्वारा अपेक्षित संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है जैसा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रमाणित किया गया है। न्यूज़क्लिक वेबसाइट पर अब तक प्रकाशित सभी पत्रकारिता सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है और इसे कोई भी देख सकता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक भी लेख या वीडियो का जिक्र नहीं किया है जिसे वे चीनी प्रचार मानते हैं। दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा अपनाई गई पूछताछ की शैली - दिल्ली दंगों, किसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध में, सभी वर्तमान कार्यवाही के पीछे प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण इरादे को प्रदर्शित करती है। हमें न्यायालयों और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। हम भारत के संविधान के अनुसार अपनी पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अपने जीवन के लिए लड़ेंगे।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

गुजरात प्रगतिशील लेखक संघ हमेशा से न्यूज क्लिक के साथ हैं, रामसागर सिंह परिहार महासचिव PWA, गुजरात

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