शनिवार, 14 सितंबर 2024
सेक्स हर कोई करना चाहता है लेकिन.
सेक्स हर कोई करना चाहता है लेकिन......
सेक्स हर कोई करना चहता है चाहे वह महिला हो या पुरुष।
कामुक बातें हर किसी को पसन्द हैं
हर किसी में कामवासना है।
और होगा भी क्यों नहीं यह प्रकृति ने दिया है और स्वाभाविक प्रक्रिया है।
सहमति से सेक्स कोई गलत नहीं है और मैं सेक्स को आम क्रियाओं की तरह ही मानता हूं।
जो जीवन को, रूह कोआनंदित कर दे , शरीर को आनंदित कर दे, शरीर में ऊर्जा का संचार कर दे. वह विषय खराब कैसे हो सकता है।
और फिर जिस विषय पर महर्षि वात्स्यान जैसे महान दार्शनिक ने कामसूत्र पुस्तक लिखी हो और विस्तार पूर्वक वर्णन किया हो बह विषय चर्चा के योग्य क्यों नहीं हो सकता वह विषय खराब कैसे हो सकता है
सेक्स को अच्छे से किया जाए तो फिर सेक्स सबसे ज्यादा आनंदित करने बाली क्रिया है।
लेकिन कुछ लोगऊपर से दिखावा ऐसा करेंगे जैसे सारे संस्कार सिर्फ इन्हीं में कूट कूट कर भर दिए हों।
जब कोई सेक्स की बातें करेगा तो बहुत ही संस्कार वान बनेंगे जैसे ये सेक्स करते ही न हों और यदि सच कहूं तो ऐसे ढोंगी लोग ही कामवासना में सबसे ज्यादा लिप्त हैं यही वो लोग हैं जो अकेले में हर रोज पोर्न वीडियो देखते हैं लेकिन सबके सामने बड़े ही मर्यादित बनेंगे।
सेक्स एक क्रिया है महान दार्शनिक रजनीश ओशो जी ने कहा है कि जिस प्रकार नहाना धोना,खाना पीना, सोना जागना, एक क्रिया ठीक वैसे ही सेक्स भी एक क्रिया ही है हालाकि ये सिर्फ महिला और पुरुष द्वारा एकांत में करने वाली क्रिया है।
लेकिन सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारी पर खुलकर बात करने में कोई बुराई नहीं है।
इसलिए मैं तो सिर्फ सेक्स ही नहीं जिस विषय पर भी लिखता हूं खुलकर लिखता हूं।सेक्स पर लिखूंगा तो कोई बुराई ही तो देगा इससे ज्यादा और कोई क्या कर सकता है और बुराई तो वैसे भी सहज ही मिल जाती है अच्छे कामों में भी मिल जाती है बुराई तो फिर डर किस बात का।
drbn singh
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1 टिप्पणी:
लांछित् और अस्वीकार किये जानेवाले विषय पर ज़रूरी और स्वागतयोग्य टिप्पणी।
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