सोमवार, 23 सितंबर 2024
चर्बी चुड़ैल
अस्सी के दशक में दहेज़ हत्याओं की बाढ़ सी आ गई थी.
तब एक फ़िल्म की घोषणा की गई, जिसका नाम था - दहेज़ दानव.
सौभाग्य वश वह फ़िल्म बन ही नहीं पायी. क्योंकि उसका प्रारूप लगभग वैसा ही लग रहा था, जिस तरह राज कपूर साहब नग्नता के विरुद्ध सन्देश देने के लिए हीरोइन को किसी झरने पर लगभग नँगा नहला देते थे.
उसी समय कुख्यात चर्बी काण्ड हो गया. एक उद्योगपति जैन साहब वनस्पति घी में गाय और सूअर की चर्बी मिलाते पकड़े गये. देश भर में हाय तौबा मच गई.
तब व्यंग्यकार शरद जोशी ने फ़िल्म कार को सुझाव दिया कि " दहेज़ दानव न बन सकी तो अब " चर्बी चुड़ैल " नाम से फ़िल्म बना डालें.
यह चर्बी चुड़ैल फिर प्रकट हो गई है. अन्यथा हमेशा की तरह घूम तो आराम से रही थी.
वर्षों पहले पितामह पत्रकार हरिशचंद्र चंदोला ने खुलासा किया कि श्री बद्रीनाथ में चढ़ाये जाने वाली केसर की जगह मुंगरी के जोंगे ( मकई के बाल ) चाशनी और रंग में डाई कर वर्षों से केसर के रूप में भगवान को अर्पित किये जा रहे हैँ.
केसर लाखों रूपये किलो थी, और भुट्टे की मुछे लगभग फ्री.
बस चीनी और रंग का खर्चा था.
तब मैंने लिखा - यह तो गनीमत है कि बुरी जगह के घुँघराले बालों पर रंग नहीं चढ़ सकता. वरना ये दुष्ट उन्हें भी कतर कर और रंगवा कर भक्तों में प्रसाद वितरित कर देते.
चर्बी चुड़ैल हमारे घी, तेल, साबुन, टूथ पेस्ट, चॉकलेट, मिठाई, पनीर और क्रीम के साथ आराम से हमारी देह और पेट में घुल मिल रही है. बस अभी पकड़ में आ गई.
इनर्जी ड्रिंक के एक प्रसिद्ध ब्रांड का नियमित सेवन करने वाले अपने एक बॉडी बिल्डर मित्र पर मैंने खोला कि इसका मुख्य घटक सांड का वीर्य है. इससे अच्छा तू रोज़ सुबह सुबह मुझसे ही डिमांड कर लिया कर. उस वक़्त मेरा मूड बना रहता है. और मैं बहुत तनाव में रहता हूँ.
दोनों की इच्छा फ्री में पूरी हो जाएगी. 😃🌹🦋💐🌲😍❤️👌🏼🙏🏼🆗
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें