रविवार, 17 नवंबर 2024

बुलडोजर बाबा की पुलिस ने रात में बेटी से कराया अंतिम संस्कार:बोली- पापा को मार दिया;

पुलिस ने रात में बेटी से कराया अंतिम संस्कार:बोली- पापा को मार दिया; लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में पुलिस एनकाउंटर में घायल आरोपी कमलेश तिवारी की 13 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मुठभेड़ में उसके बाएं पैर में गोली लगी थी। इलाज के दौरान उसकी हालत बिगड़ी और खून की उल्टियां होने लगीं। उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने रात में ही 7 साल की बेटी से कमलेश के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। कमलेश की 7 साल की बेटी बस यही बोल रही कि पुलिस ने पापा को मार दिया है। पत्नी बोली- पुलिस सबको गुमराह कर रही कमलेश तिवारी की पत्नी रूमी ने कहा- पुलिस सबसे कह रही है, जब मौत हुई तब वो जेल में था। जबकि एनकाउंटर के बाद वह जेल नहीं गए। पहले दिन ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। इसके बाद डालीगंज में हड्डी के डॉक्टर के पास भेजा गया था। कमलेश रोजाना दर्द से चीखते-चिल्लाते थे। 3 नवंबर को उनका ऑपरेशन हुआ। इसके बाद डॉक्टर ने चलने के लिए मना किया तो वो नहीं चले। पैर में पश बन गया था। रोज कोई न कोई दिक्कत बढ़ती जा रही थी। इलाज भी बेहतर नहीं मिल रहा था। तेज बुखार हुआ और खून की उल्टी होनी लगी। वापस ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां मौत हो गई। पुलिस ने जबरन कराया अंतिम संस्कार कमलेश की मौत की जानकारी किसी को न लग सके, इसलिए पुलिस ने देर शाम पोस्टमॉर्टम कराया। गुलाला घाट पर पहले से ही सारा इंतजाम कर दिया था। अंधेरा होने पर अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया। पत्नी रूमी ने हिंदू धर्म का हवाला देते हुए मना किया। लेकिन, पुलिस अधिकारियों ने दबाव बनाकर जबरन अंतिम संस्कार करा दिया। कमलेश की चिता को उसकी 7 साल की बेटी ने मुखाग्नि ​​​​दी। रूमी ने कहा- बेटी पूछती है, पापा को पुलिस ने क्यों मार दिया? कमलेश घर के अकेले कमाने वाले थे। पुलिस वाले दोपहर को पूछताछ करने के लिए ले गए थे रूमी ने कहा- 22 अक्टूबर को मेरे पति घर में खाना खा रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे पुलिस टीम उनके साथी अली अब्बास को लेकर घर पहुंची। बोली, लूट में नाम आया है। पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं। पुलिस वालों के जाने के बाद हम लोग नजदीकी थाने पहुंचे। जहां कुछ पता नहीं चला। 23 अक्टूबर को मालूम हुआ कि पुलिस ने गोली मार दी, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं।

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