सोमवार, 25 नवंबर 2024
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उ प्र का दूसरा राज्य सम्मेलन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उ प्र का दूसरा राज्य सम्मेलन
संयुक्त प्रांत आगरा और अवध जो जब उत्तर प्रदेश है, में कम्युनिस्ट पार्टी का दूसरा प्रांतीय सम्मेलन 1948 में लखनऊ में हुआ। इस सम्मेलन में पार्टी राष्ट्रीय केंद्र की तरफ से कामरेड बीटी राणदिवे को भाग लेना था।
सम्मेलन में भाग लेने के लिए पूरे प्रदेश से लगभग 200 डेलीगेट लखनऊ पहुंचे थे। सम्मेलन के बीच में सूचना मिली की पुलिस ने कामरेड बी टी रणदिवे को स्टेशन से ही गिरफ्तार करने की योजना बना ली है। और कुछ देर बाद सम्मेलन स्थल पर भी छापा मार कर गिरफ्तारी की जाएगी।
जल्द ही सम्मेलन की कार्यवाही समाप्त कर दी गई और सभी डेलिगेट्स को सम्मेलन स्थल शायद पार्टी कार्यालय था वहां से पीछे के दरवाजे से छोटे-छोटे ग्रुपों में बाहर निकाल दिया गया। जब पुलिस पहुंची तो उसे कोई हाथ ना लगा। कामरेड बी टी रणदिवे को लखनऊ स्टेशन से पहले ही रास्ते में कामरेड करनैल सिंह की मदद से जो पार्टी के बहुत ही हमदर्द थे की ट्रेन से उतार लिया गया।
बाद में कामरेड बी टी रणदिवे ने सम्मेलन में चुनी गई कमेटी की मीटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने सम्मेलन में प्रस्तुत रिपोर्ट और प्रस्तावों को बैठक में देखा और अपने सुझाव दिए।
कॉमरेड बी टी रणदिवे ने कामरेड शिव कुमार मिश्र को पार्टी का नया सेक्रेटरी बनाने का सुझाव रखा। लेकिन चर्चा के बाद कामरेड शिव कुमार मिश्र और कामरेड शिव वर्मा को संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश पार्टी का नया सेक्रेटरी बनाया गया।
बाद में 1950 में फिर से पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन हुआ। कामरेड जेडए अहमद पार्टी के प्रांतीय सचिव बने।
(स्मरण रहे की पार्टी का पहला सम्मेलन 1936 में हुआ था और दूसरा सम्मेलन 1948 में, इन 12 सालों में उत्तर प्रदेश के अंदर कम्युनिस्ट पार्टी का काफी विकास हुआ। नए-नए क्षेत्रों में इसकी इकाइयां बनी। किसान और मजदूर आंदोलन संगठित किए गए। बुद्धिजीवियों के वर्ग पार्टी से जुड़े, पार्टी के कई जनसंगठन बीच में बने। कई साथी उत्तर प्रदेश से पार्टी के राष्ट्रीय केंद्र बम्बई में काम करने चले गए।
पार्टी का नेतृत्व और बहुत सारे कामरेड गिरफ्तार किए गए उन पर मुकदमे चलाए गए, देवली राजस्थान कैम्प में उन्हें नजरबंद किया गया। पार्टी पर प्रतिबंध लगा। इसलिए 1936 से लेकर 1948 तक पार्टी की कमेटी में और नेतृत्व में लगातार बदलाव होता रहा जो अलग चर्चा का विषय है
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