रविवार, 9 मार्च 2025

यह देश वुद्ध और गांधी की धरती कहलाती है अंग्रेजों के मुखबिर - दलाल सावरकर , हेडगवार , गोलवलकर की नही

अपना देश, अपनी मिट्टी, अपनी सरकार , अपनी पार्टी, भारत माता, गाय माता ,वंदे मातरम्, ये सब क्या है, किसने बनाया ये सब? सुकरात, वुद्ध , गांधी, ईशा , पैगंबर मोहम्मद साहब का देश कौन सा है जिसे पूरी दुनियां याद करती है। बनते हो राष्ट्रवादी और तलुआ चाटते हो अमेरिका का, बस पुतिन की एक बंदर घुड़की में गांव फट के हाथ में आ गयी , लगे नेहरू की गुटनिरपेक्ष निति का ढोंग करने। नेहरू का पद ही नही कद था, नेहरू लंपटों की तरह झूला झूलकर कूटनिति तय नहीं करते थे । पुतिन , जिनपिंग मेरा दोस्त है, " अबकी बार ट्रंप सरकार " का नारा लगाकर समझते थे कि अमेरिका तेरा दोस्त हो गया , ये भी भूल गये कि वही अमेरिका है जिसने तुमको १० साल तक विसा नहीं दिया । विना बुलाये जाते हो , चपरासी भी रिसिव नही करने आता. ट्रंप की दाई तुमको दरवाजे पर लेने आई . पूरा देश देख रहा था ? तेरे हिजड़पन से यूक्रेन जैसा पिद्दी भी बच्चों तक से घृणा करने लगा, कूटनिति लंपटों के वश की बात नहीं। तेरी मूर्खता से एक बच्चे को जान गवानी पड़ी, आगे का हाल पता नहीं क्या होगा? पैदा हुये और रहते हो उस देश में जहां गांधी , वुद्ध पैदा हुये और चलते हो हिटलर, मुसोलिनी के रास्ते पर । पहनावा से पहचान करते हो कि यह देश किसका है ,किसका नहीं? वाह रे तेरा आदर्श । मानव का कोई विदेश नहीं होता , विदेश होगा तभी अपना देश होगा। बाड़ा मे , गिरोह में जानवर रहते हैं मनुष्य नहीं, बात करते हो वसुधैव कुटुंकम का , गीत गाते हो भारत माता की, तलुआ चाटते हो अमेरिका का, आदर्श हिटलर , मुसोलिनी है। अमेरिका हथकड़ी बेड़ी लगाकर देश से निकाल रहा है , तुम वहां बैठकर ट्रंप का अंडु सहला रहे थे. बच्चे युक्रेन मे मारे जा रहे थे और कहते हो किससे पूछ कर गये थे? मतलब इस देश की रजिस्ट्री करा लिये हो कि तुमसे पूछ कर कोई यहां - वहाँ आये - जाये। तुम सरकार में हो मतलब इसका मतलब नहीं कि तुम देश के बाप हो, लोकतंत्र के व्यवस्था के तहत तुम सरकार में हो , कल तुम्हारी जगह कोई और था , कल कोई और होगा। बंद करो बकचोदी , नही संभाल सकते तो हट जाओ , यह देश वुद्ध और गांधी की धरती कहलाती है अंग्रेजों के मुखबिर - दलाल सावरकर , हेडगवार , गोलवलकर की नही। हिटलर तेरा भगवान होगा ,देश का नहीं। प्रतिभाहीन, सरस्वतीविहिनों का गिरोह बनाये हो , तेरा हश्र वही होगा जो हिटलर - मुसोलिनी का हुआ.......याद रखना.. drbn singh.

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

बहुत अच्छी टिप्पणी

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