मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025

कितने ऐसे हैँ, जो प्रान्त प्रचारक जी को अपनी अनुपस्थिति में अपने घर आने दे सकते हैँ? - राजीव नयन बहुगुणा

केरल में आत्म घात करने वाले इंजिनियर युवक के खुलासे से मैं सिहर उठा हूं. कोर्ट ने दो वयस्को के बीच सम लैंगिक संबंधों को अपराध मुक्त किया है. बच्चों के यौन शोषण को नहीं. आत्म घाती युवक ने खोला है कि संघ की शाखा में उसके साथ चार पांच साल की उम्र से बलात्कार / यौन शोषण होता रहा है, जिस वजह से वह स्थायी अवसाद में चला गया, और अपने जीवन को मिटा रहा है. संघ परिवार में मेरे अनेक दोस्त हैँ. कोई सफाई या तर्क न दें. सिर्फ़ यह बताएं कि उनमे से कितने अपने बच्चोँ को संघ की शाखा में भेजते हैँ ? कितने ऐसे हैँ, जो प्रान्त प्रचारक जी को अपनी अनुपस्थिति में अपने घर आने दे सकते हैँ?

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