शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025
अवश्य पढें .आर .एस.एस. : काया और माया'
अवश्य पढें
आर एस.एस. : काया और माया' देवनूर महादेव की दशकों का अध्ययन और अनुभव की पहचान है। उन्होंने छात्रत्व के सबसे व्यापक विचारकों की सलाह को अपलोड किया है और कर्नाटक में संघ- परिवार के संकट को अपनी आँखों से देखा है।
-रामचंद्र गुला
यह पुस्तक हमारी ज़िंदगियों पर आर.एस.एस. के कस्ते शिकंजे की कड़वी दास्तां है। यह एक फ़रियाद और एक चेतावनी है। यह अपनी शक्ति-अपनी सच्चाई-देवनूर महादेव के दर्शन की स्पष्टता से, और उनकी सीधी-सादी सरल भाषा की सिद्धि से प्राप्त होती है, जैसे, 'कट्टरता कहीं भी हो, वह मानवता को बताती है'।
हमें उनकी सलाह पर गौर करते हुए पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। कम-से-कम फिलहाल। ऐसा न हो कि उनकी बात वीराने की चीख सुनकर रह जाए।
— गीतांजलि श्री
हिंदुत्व की राजनीति की जड़ पर वार करने वाला अहम प्रयास।
-चंदन गौड़ा
देवनूर महादेव ने राजनीतिक लेखन को सत्य की खोज के मार्ग के रूप में जोड़ा है। वे घृणा की राजनीति का मुकाबला करने के लिए... लोगों से उनकी भाषा, उनके रूप और उनकी सांस्कृतिक स्मृतियों के माध्यम से बात करते हैं।
— योगेन्द्र यादव
देवनूर महादेव हमारे देश के प्रमुख समकालीन जन-बौद्धिक और चिन्तक हैं।
—विवेक शानबाग
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