बुधवार, 8 अक्टूबर 2025
तुम्हीं सजन मेरी सांस में रहते - सुप्रसिद्ध कवयित्री स्वेता सिंह
तुम्हीं सजन सांस में रहते - सुप्रसिद्ध कवयित्री स्वेता सिंह
हाथों में तो तेज़ धार के आरे हैं
पेड़ बचाने के होठों पर नारे हैं।
छलकाते हैं मधुर प्रेमजल अंजुलि से
लेकिन अंतस सागर से भी खारे हैं।
घोषित ख़ुद को किये सत्यपथ गामी वे
झूठों के अंबर के जो ध्रुव तारे हैं।
उजियारे से घर घर जगमग कर देंगे
खाकर कसमें बोल रहे अँधियारे हैं।
वचन दे रहे झोपड़ियों को रक्षा का
जिनके रिश्तेदार सभी अंगारे हैं।
आश्वासन दे रहे कि अमृत बांटेंगे
सारे विषधर जिनके राजदुलारे हैं।
श्वेता सिंह
#Politics #Indian
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