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शुक्रवार, 2 मार्च 2012

भारत या अमरीकी पिट्ठू

यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि अमरीकी सेनाएं दक्षिणी एशिया के देशों में पाकिस्तान के अलावा भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल के अलावा मालदीव में भी मौजूद हैं। पेंटागन के शीर्ष कमांडर ने खुलासा किया है कि भारत में अमरीकी सेना के खास दस्ते की तैनाती की गई है। चीन, भारत, उत्तरी कोरिया और अंतरराष्ट्रीय खतरों से निपटने के लिए बनाया गया है। यह कमांड पहले तो खतरे को अपने तरीके से रोकने की कोशिश करता है। लेकिन अगर तब भी बात नहीं बनी तो एशिया प्रशांत इलाके में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार रहता है।
भारत गुट निरपेक्ष आन्दोलन का अध्यक्ष और नेता भी रहा है। छोटे-छोटे जन गणों की आशा का संचार केंद्र रहा है। पता नहीं कब भारत अमेरिकी साम्राज्यवाद का पिट्ठू हो गया है। जैसे बहरीन से लेकर तमाम सारे छोटे छोटे देशों में अमरीकियों ने जेलखाने सी.आई.ए के अड्डे, सैनिक अड्डे बना कर उनकी संप्रभुता का हनन कर लिया है। यह उसी तरह का खतरा है जैसे विधिक अधिकार पत्र के द्वारा सर टामस रो को मुग़लकालीन भारत में व्यापार करने की अनुमति मिली थी और अंत में तिगडम ताल करके भारत को ब्रिटिश आधीन भारत के रूप में परिवर्तित कर दिया था। अभी मालदीव में जो परिवर्तन हुए हैं इस समाचार के आने के बाद यह पुष्टि होती है कि वहां के सत्ता परिवर्तन में अमेरिकी साम्राज्यवादियों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष हाथ जरूर है।
हमारे देश में तो अमरीकी साम्राज्यवादियों के पैसे से पलने वाले एन.जी.ओ से लेकर राजनीतिक दल तक हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ दल में इतना नैतिक साहस भी नहीं था कि वह खुलेआम इस कृत्य को जनता के बीच में ले जाती।

सुमन
लो क सं घ र्ष !

शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

गिरगिट भी शरमा जाता है

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रत्येक मसले पर गिरगिट की तरह से रंग बदलने का आदि रहा है। महात्मा गाँधी की हत्या भी की और जब जरूरत होती है तो कहतें हैं कि गाँधी हत्या से संघ का कोई सम्बन्ध नहीं है। संघ को जब हिन्दू भावनाओ को उग्र कर लाभ उठाना होता है तो मस्जिद तोड़ी कहते हैं और जब मस्जिद तोड़ने की बात स्वीकार करने की बात आती है तो हमारा उससे कोई लेना देना नहीं है कहते हैं। संघ के पूर्व प्रमुख के.एस सुदर्शन ने संघी धरने पर बैठ कर श्रीमती सोनिया गाँधी को सी .आई . एजेंट तथा कई घटना दुर्घटनाओ को हत्या का रूप देने के लिए जिम्मेदार ठहराया और जैसे ही मामले ने तूल पकड़ा वैसे ही संघ ने कहा कि के.एस सुदर्शन के बयान से उनका कोई मतलब नहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी के.एस सुदर्शन से अपना पल्ला झाड़ लिया सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग व्यक्तियों की चरित्र हत्या करने के आदि हैं जिस बात को के.एस सुदर्शन ने अब कहा है उसी बात को संघ के लोग नियोजित तरीके से प्रचार-प्रसार में लगे हुए थे जिसके सबूत चिट्ठाजगत पर भी मौजूद हैं
सोची समझी रणनीति के तहत के.एस सुदर्शन ने सोनिया गाँधी के सम्बन्ध में बयान दिया क्योंकि संघ के आतंकी प्रकोष्ट के कई नेता कारागारों में जा चुके हैं और कुछ लोग जाने की तैयारी में हैं अपनी आतंकी कार्यवाइयों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए पूरे देश में संघियों ने धरना दिया जो फ्लॉप शो साबित हुआ और उसी रणनीति के तहत के.एस सुदर्शन ने अपना बयान सोनिया गाँधी के सम्बन्ध में जारी किया जिसकी तैयारी कई वर्षों से संघ कर रहा था
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चरित्र हत्या से लेकर हिटलर के प्रधानमंत्री गोविल्स के अनुरूप एक झूठ को सच साबित करने के लिए हजार बार दोहराता है जिससे लोग उसको सच समझने लगें ब्रिटिश साम्राज्यवाद के बाद अमेरिकन साम्राज्यवाद में सम्पूर्ण निष्ठा रखने वाले संघ के लोग जब किसी को सी.आई. एजेंट कहेंगे तो मानिये कि सी.आई. के नजदीक कौन है ?
धरने के माध्यम से संघ के लोगों ने हिन्दू धर्म प्रतीक चिन्हों का इस्तेमाल किया जबकि संघ का हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं है संघ का मुख्य उद्देश्य यह है कि हिन्दू भावनाओ को उग्र बना कर देश की राजसत्ता हासिल करना है और संघियों का मुखौटा राजनीतिक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी है भ्रष्टाचार के मामले में घोटालों के मामले में सेक्स स्कैंडल के मामलों में इनके नेता किसी से काम नहीं हैं बार-बार एक ही विषय से रंग बदलने से गिरगिट भी शरमा जाता है

सुमन
लो क सं घ र्ष !
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