मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

लड़ते हो, और हाथ में तलवार भी नहीं

एक खबर पढ़िए, फिर एक चुटकुला भी सुन लीजिये- खबर यह है- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने सिगरेट, बीडी, गुटखा तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों पर मूंह के कैंसर की तस्वीर छापने के आदेश पारित कर दिए हैंतम्बाकू कैंसर समेत 26 जानलेवा बीमारियों की जनक है, आगामी जून से इसके उतापदों पर सचित्र चेतावनी छापना आवश्यक होगा
अब चुटकुला- एक शहर बार-बार बाढ़ से प्रभावित होता था, भारी बर्बादी होती थी सरकारी अफसरों के उपाय बेकार चले जातेहल निकालने के लिए मीटिंग की गयी, बहुत से सुझाव पेश हुए, परन्तु एक हल ऐसा था जिसमें कोई वित्तीय भार भी था- वह यह कि बाढ़ का डेंज़र पॉइंट बढ़ा दिया जाए
अब यह भी देखिये कि शराब के सेवन से आये दिन सैकड़ो व्यक्तियों के मरने की खबरें रही हैं- समाज कल्याण विभाग अपने काम में लगा है, मध् निषेध विभाग की भी कुछ उपलब्धियां जरूर होगी- परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार इस बात से अति उत्साहित है कि इस वर्ष शराब के उत्पादों की 22 प्रतिशत तक सेवन- वृद्धि हुई है जिससे वित्तीय लाभ बढ़ा
जनता और सरकारों-दोनों को सोचना चाहिए कि तम्बाकू, शराब, जुआ, प्रदूषण, प्लास्टिक का प्रयोग आदि जो भी मसले हैं - उन पर 'जागरूकता' के नाम पर अपना दामन बचाना ठीक नहीं हैअगर कोई बुराई है तो उसे दृढ़ता से रोकना चाहिए, वैधानिक उपाय करने चाहिए
सिगरेट पर बहुत समय से चेतावनी लिखी हुई हैक्या कभी कोई ऐसा अध्ययन हुआ जिसके द्वारा यह बताया गया हो कि अमुक काल-खंड में इतनी संख्या के सेवन कर्ता इस जागरूकता-अभियान से प्रभावित हुए ? समस्याओं को सुलझाने के यूरोपीय नुस्खें और भी दिलचस्प हैं - जब कोई जुर्म वह रोक नहीं पाते तो उसकी वैधानिक इजाजत दी जाती है
ढुलमुल नीति के लिए हम अपनी सरकार से यह जरूर कहेंगे - लड़ते हो, और हाथ में तलवार भी नहीं ?

डॉक्टर एस.ऍम हैदर

loksangharsha.blogspot.com

2 टिप्‍पणियां:

arvind ने कहा…

bilkul sahi kaha hai aapne.ye ladaai sachmuc bina talawar ke ladi jaa rahi hai./

कडुवासच ने कहा…

...प्रभावशाली अभिव्यक्ति!!!

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