रविवार को ईष्टकोष्ठ एक्सप्रेस तथा ई एम यू लोकल ट्रेन हावड़ा-खड़गपुर अनुमंडल के सांकरेल में एक ही पटरी पर दौड़ती आ गयी लेकिन चालक की त्वरित कार्यवाई से एक बड़ी दुर्घटना टल गयी। यदि दुर्घटना हो गयी होती और सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो गयी होती तो रेल मंत्री ममता बनर्जी को अपने विरोधी राजनीतिक दलों पर यह तोहमत लगा चुकी होती की इसमें उनका हाथ है। देश के सार्वजानिक क्षेत्र का सबसे बड़ा उद्योग रेलवे जिसकी मंत्री हैं सुश्री ममता बनर्जी जिनके पास एक मात्र कार्य है कि किसी भी तरीके से बंगाल के अन्दर वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंका जाए उनके पास रेलवे का कार्य देखने का वक्त नहीं है। पांच अधिकारी दिल्ली से रेल की विभिन्न फाइलें लेकर कलकत्ता हवाई जहाज से जातें हैं और वहां जल्दी-जल्दी उनकी मंजूरी लेकर दिल्ली वापस आते हैं। रेलवे के तीन अफसरों के विमान के किराये के मद में 11 लाख 23 हजार 550 रुपये भुगतान किया गया है। वस्तुस्तिथि यह है कि रेल विभाग के पास मंत्री होने के बावजूद कार्य न देखने के कारण ताबड़तोड़ दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। विभिन्न परियोजनाओ पर कार्य नहीं हो पा रहा है। बजट के समय उद्घोषित ट्रेनों को संचालित नहीं किया जा रहा है।
सुश्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार कि मजबूरियों का लाभ उठा कर रेल मंत्री बनी बैठी हैं। प्रधानमंत्री तक उनका कुछ कर नहीं सकते हैं। तमाम सारी विचित्र स्तिथियों के साथ ममता बनर्जी का दावा है कि उनके मंत्रालय का प्रदर्शन 50 वर्षों में सबसे शानदार है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
सुश्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार कि मजबूरियों का लाभ उठा कर रेल मंत्री बनी बैठी हैं। प्रधानमंत्री तक उनका कुछ कर नहीं सकते हैं। तमाम सारी विचित्र स्तिथियों के साथ ममता बनर्जी का दावा है कि उनके मंत्रालय का प्रदर्शन 50 वर्षों में सबसे शानदार है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
2 टिप्पणियां:
नाइस सर!
रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
बहुत खूब लिखा है आपने!
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