कामनवेल्थ गेम्स और केंद्र सरकार पर काबिज भ्रष्टाचारी लोगों का समूह में आपसी सम्बन्ध बेर और केर का ही है। कामनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के चेयरमैन सुरेश कलमाड़ी ने स्पष्ट तरीके से कहा कि गड़बड़ी के लिए आयोजन समिति जिम्मेदार नहीं है। वहीँ पर माइक फेनेल प्रमुख राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने कहा कि पूरे प्रकरण से भारत की छवि बहुत ख़राब हुई लेकिन इसे सबक के तौर पर लेना चाहिए। हमारे देश में कुछ लोगों का मत यह है कि राष्ट्रमंडल खेलों में हुए भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में कुछ भी लिखा पढ़ा नहीं जाना चाहिए। इससे देश की छवि ख़राब होती है। इस मत से सहमत होने पर इन भ्रष्टाचारियों को बल मिलता है और मुख्य स्टेडियम में हॉल सीलिंग , फ्लाई ओवर गिरने से देश की छवि पूरी दुनिया में उज्जवल तो नहीं हो रही है। इस राष्ट्रमंडल खेलों के लिए मंत्री समूह और प्रधानमंत्री सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। मजबूर होकर बहुत सारे निर्माण कार्यों को भारतीय सेना से करवाना पड़ रहा है। अफ्रीकी दल ने कहा कि खेल गाँव काफी गन्दा है। इससे भी केंद्र में सत्ता रूढ़ दल को जरा सा भी शर्म नहीं आ रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उप महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने बहुत अच्छी बात कही कि खेल यदि सफल होते तो सारा श्रेय यू.पी.ए लेता इसलिए इन गड़बड़ियों की जिम्मेदारी भी यू.पी.ए नेतृत्व को लेनी चाहिए लेकिन यू.पी.ए के मंत्रीगणों से कोई अच्छा कार्य होना संभव ही नहीं। रेल मंत्री से लेकर खेल मंत्री तक अपने-अपने विभागों में अव्यवस्था मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
जिस तरह से अच्छे कार्य और यू.पी.ए के मंत्री एक साथ नहीं हो सकते हैं इसीलिए रहीम ने बहुत पहले ही लिख दिया था -
कह रहीम कैसे निभेए बेर केर का संग ।
यै डोलत रस आपनेए उनके फाटत अंग ।।
यै डोलत रस आपनेए उनके फाटत अंग ।।
राष्ट्रमंडल खेल जब आयोजन समिति बन रही थी तभी से भ्रष्टाचारियों के काकस ने जकड लिया था जिसका परिणाम अब दिखाई दे रहा है। कोई आलोचना करे तो ठीक और न करे तो भी ठीक, भ्रष्टाचारियों के स्वास्थ्य के ऊपर कोई असर नहीं होना है और न ही उनके खिलाफ इस देश में कोई कार्यवाई संभव ही है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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