शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

कल हुजी था आज इंडियन मुजाहिद्दीन है आने वाले दिनों में लतखोरीलाल होगा

दिल्ली हाई कोर्ट के गेट नंबर पांच पर बम विस्फोट कर 12 लोगों की हत्या कर दी गयी जिससे सामान्य जनों में दहशत का भाव भी पैदा हुआ और जिन परिवारों के सदस्यों की हत्या हो गयी या घायल हैं उनकी तकलीफों को भी आसानी से समझा नहीं जा सकता है लेकिन सामान्य जन शोक संवेदना के अतिरिक्त कर भी क्या सकते हैंलेकिन दूसरी तरफ भारतीय खुफिया एजेंसी इलेक्ट्रोनिक प्रिंट मीडिया तरह-तरह की सगूफेबाजी करके अपनी गैर जिम्मेदाराना स्तिथि का परिचय दे रहे हैंघटना के बाद ही इलेक्ट्रोनिक मीडिया खुफिया सूत्रों के हवाले से प्रचार करना शुरू कर दिया कि इसमें हूजी आतंकवादी संगठन ने ईमेल भेज कर बम विस्फोट कर जिम्मेदारी ले ली हैहिन्दुवत्व वादी तत्वों ने अफजल गुरु की फांसी से बम विस्फोट को सम्बद्ध कर दिया और तरह-तरह की बयानबाजी शुरू हो गयीअगले दिन ही एक ईमेल प्राप्त होता है कि इंडियन मुजाहिद्दीन ने बम विस्फोट की जिम्मेदारी ले ली हैपुलिस ने दो व्यक्तियों के दाढ़ी नुमा स्केच जारी कर दिए हैं और कहा की संभावित आतंकी यह हैं इस तरह देश भर में उस तरह की दाढ़ी रखने वाले 18 व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया
पहली बात तो यह है की यदि कोई सबूत या संदिग्ध व्यक्ति है तो उसका हल्ला इलेक्ट्रोनिक प्रिंट मीडिया से मचा कर खुफिया एजेंसियां क्या साबित करना चाहती हैंयदि कोई आतंकी हमले की आशंका है तो उससे निपटने के उपाय करने चाहिए की उसका प्रोपोगंडा करना चाहिएअब हो यह रहा है कि कोई भी आतंकी घटना होने पर पहले से ही इलेक्ट्रोनिक प्रिंट मीडिया द्वारा एक पृष्टभूमि तैयार कर दी जाती है और एक समुदाय विशेष के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है उनकी विवेचना का स्तर शेखचिल्ली की कहानियों की तरह होता हैविधि के अनुरूप कार्यवाई ही नहीं होती है161 सी.आर.पी.सी के तहत होने वाले गवाहों के बयान अघोषित रूप से प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रोनिक मीडिया में जाते हैं उसके बाद विवेचना में वही सब लिख दिया जाता है जबकि 161 सी.आर.पी.सी के बयान आरोप पत्र तक गोपनीय होते हैं
आज जरूरत इस बात की है कि किसी भी आतंकी घटना की जांच विधि के अनुरूप करके दोषियों को सजा कराने की है किन्तु ऐसा करके जिम्मेदार लोग अफवाहबाजी उड़वा कर सांप्रदायिक रूप दे देते हैंफर्जी ईमेल आदि से जिम्मेदारी ले लेने की थोथी बातों से अर्थ नहीं निकलता हैअगर इसी तरह से जिम्मेदारी लेने के आधार पर विवेचनाएं होती रहेंगी तो लतखोरीलाल भी कहेगा की अमुक आतंकी घटना मैंने की है और पूरे देश का इलेक्ट्रोनिक मीडिया प्रिंट मीडिया उसके प्रचार प्रसार के लिये कार्य करता हुआ नजर आएगा

सुमन
लो क सं घ र्ष !

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