उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनाव में प्रथम चरण की शुरुवात हो चुकी है। कांग्रेस, सपा, बसपा, व भाजपा की ओर से बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा आया रुपया ( ब्लैक मनी) मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये खर्च किया जा रहा है। प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के उद्घोषक से लेकर उनका पूरा तंत्र इन्ही दलों के घमासान की खबरें छापने व उद्घोषित करने में लगा हुआ है। छोटे दलों या निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रतिनिधि जब समाचार देने जाते हैं तो उनसे सीधे-सीधे विज्ञापन की मांग की जाती है इससे यह साबित होता है कि उनके समाचार सर्वेक्षण में सब कुछ इन चार दलों के थैलीशाहों द्वारा प्रायोजित है। जनता लाख कोशिश करे किन्तु व्यवस्था इन थैलीशाहों द्वारा नियोजित की जा रही है। मतदान करना ही है तो इन चार दलों में से ही मतदाता किसी न किसी को तो मतदान कर ही आएगा। अन्तोगत्वा चाहे बिजली पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं बनी ही रहेंगी। अरबों रुपये जो लोग चुनाव जिताने में खर्च कर रहे हैं। तो सरकार चाहे जिसकी बने पहले थैलीशाहों के हित व स्वार्थ उसको पूरे करने होंगे। पूरे चुनाव प्रक्रिया में आम मतदाता का कोई अर्थ नहीं रह गया है और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार चाहे जिस दल की हो वह थैलीशाहों की ही होगी।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
1 टिप्पणी:
-Good piece of information.
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