रविवार, 14 अक्तूबर 2012

वामपंथ का नाश हो ?

एक भूखे ने गंदे तालाब से एक मोटी मछली पकड़ी। दौड़ता हुआ भूखे बीबी-बच्चों के पास आया। बीबी से मछली पकाकर भूखे बच्चों का पेट भरने को कहा। बीबी बोली " न गैस, न केरोसिन, न तेल, न बिजली, न चावल, न आटा। मै क्या करूँ इसका।" भूखा वापस तालाब गया, मछली को वापस तालाब में फेंक दिया। मछलियों ने नारा लगाया -
" सप्रंग 2 जिंदाबाद !
 राजग जिंदाबाद !
 सपा-बसपा अमर रहे !
 वामपंथ का नाश हो !"

एक एसएमएस

4 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

दमदार |
बधाई भाई जी ||

सुज्ञ ने कहा…

गरीब ने भी सोचा,

भूख के बहुत नारे लगवा लिए

पर भूख का अंत नही आता
कैसे मात्र सपनो से तृप्ति की आश हो

इसीलिए बस अब वामपँथ का नाश हो.

virendra sharma ने कहा…

ये मोह भंग की स्थति है .ऐसा ही होता है इस स्थिति में .

बेनामी ने कहा…

VAAMPANTH BAS EK ZAHER HAI. ISE SAMAAPT KAR DIYA JANA CHAHIYE

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