मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोपों के बीच प्राइवेट सेस्टर के आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक हरकत में आ गए हैं। इन्होंने अपने स्तर पर आरोपों की जांच शुरू कर दी है। आईसीआईसीआई बैंक ने जांच पूरी होने तक शुक्रवार को ही अपने 18 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था। एक्सिस बैंक ने भी शनिवार को 16 अधिकारियों को जांच पूरी होने तक प्रशासनिक कार्यालयों को रिपोर्ट करने को कहा है। उधर, एचडीएफसी बैंक ने इन आरोपों के बाद जांच के लिए अलग अलग समितियां गठित की हैं।
एक्सिस बैंक सूत्रों ने बताया कि बैंक ने एक आंतरिक जांच शुरू की है। जब तक जांच पूरी नहीं होतीए हमने 16 संबंधित कर्मचारियों को बैंक के प्रशासनिक कार्यालयों को रिपोर्ट करने को कहा है।
प्राइवेट सेक्टर के इन तीनों प्रमुख बैंकोंए आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक पर अंदर और बाहर दोनों तरह से मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। एक ऑनलाइन पोर्टल कोबरा पोस्ट ने दावा किया है कि उसके स्टिंग ऑपरेशन में मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा हुआ है।
कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन के तहत खुलासा होने के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि उसने एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है जो मामले की जांच कर 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। बैंक ने 18 कर्मचारियों को जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया।
कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन 'ऑपरेशन रेड स्पाइडर'में दिखाया गया है कि तीनों बैंकों के कई सीनियर अधिकारी अंडरकवर रिपोर्टर से बिना किसी लिखित के भारी नकदी लेने पर सहमत हो रहे हैं और इस पैसे को दीर्घकालिक निवेश योजनाओं में लगाने की बात कर रहे हैं, ताकि इस कथित ब्लैकमनी को वाइट में बदला जा सके।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपों पर सरकार और रिजर्व बैंक नजदीकी से नजर रखे हुये हैं।वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय खुफिया तंत्र को वर्ष 2011.12 में संदिग्ध लेन देन के 13871 मामलों का पता चला है। अध्ययन के अनुसार यदि इस गैर कानूनी ब्लैक मनी का पता लगा लिया जाए और उस पर 30 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाए तो उससे प्राप्त होने वाले 8.5 लाख करोड़ रुपए से देश के 626 जिलों में दो हजार बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी वाले अस्पताल खोले जा सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि यदि यह सारी ब्लैक मनी वापस आ जाए तो तो देश के प्रत्येक नागरिक और उद्योगों को एक साल तक टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।आगामी लोकसभा चुनाव में मंहगाई और भ्रष्टाचार के बाद यदि तीसरा कोई बड़ा मुद्दा है जो सत्तापक्ष के सियासी गड़ित को गड़बड़ा सकता है तो वह ब्लैक मनी का है। देश की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था को विदेशी बैंकों में जमा यह काला धन संजीवनी देने का काम कर सकता है। देश की धन संपदा को गैर कानूनी तरीके से जोंक की तरह चूस कर विदेशी बैंकों की शोभा बढ़ाने के इस खेल में राजनेताओं से लेकर बड़े उद्योगपति शामिल हैं। रीयल एस्टेट, सोने, बुलियन और शेयर मार्केट के कारोबारियों से लेकर अनके नौकरशाहों की भी अकूत संपत्ति विदेशी बैंकों में जमा है। काले धन को वापस लाना तो दूर की बात है फिलहाल तो सरकार ऐसे लोगों के नाम भी उजागर करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसलिए उच्चतम न्यायालय के कड़े रुख के बाद सरकार ने जो लिफाफा न्यायालय को सौंपा उसमें यह कहा गया कि नाम उजागर न किए जाएं।
निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों के खिलाफ मनी लांड्रिंग आरोपों के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ष्वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव इस मामले को नजदीकी से देख रहे हैं। रिजर्व बैंक भी बारीकी से इसे देख रहा है। उन्होंने ;बैंकों ने भी अपनी खुद की जांच बिठाई है। हमें उन्हें जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिये कुछ समय देना चाहिये।
एचडीएफसी बैंक ने मामले की स्वतंत्र जांच के लिये बाहर से ऑडिट फर्म को नियुक्त किया है जबकि एक्सिस बैंक ने मामले में अपनी जांच शुरू की है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि आयकर विभाग मनी लॉन्डरिंग के आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रावाई कर सकता है। कर्मचारियों के खिलाफ धारा 276ए 278 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
कोबरपोस्ट के स्टिंग में आईसीआईसीआई बैंकए एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक के कुछ कर्मचारियों को काले धन को सफेद बनाने के तरकीबें बताते हुए दिखाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक तीनों बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर आयकर विभाग आरबीआई के साथ बातचीत कर रहा है। आरबीआई और वित्त मंत्रालय मामले की जांच कर रहे हैं। तीनों बैंकों ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि आरबीआई की टीम ने कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में नाम आने वाले बैंकों की शाखाओं में जाकर जांच शुरू कर दी है। स्टिंग ऑपरेशन के बाद आरबीआई की तरफ से गठित 30 टीमों ने पिछले हफ्ते बैंकों के शाखाओं में जाकर अपनी जांच शुरू की है। आरबीआई की टीम ने बैंकों की शाखाओं में स्पेशल ऑडिट किया है।
सूत्रों की मानें तो आरबीआई की तरफ से स्टिंग ऑपरेशन में शामिल बैंकों पर लगे आरोप की जांच के लिए ऑडिट किया गया है। आरबीआई की टीम एक्सिस बैंकए आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के हेड ऑफिस में भी जाने वाली है। इन बैंकों के हेड ऑफिस में सिस्टम की जांच की जाएगी। माना जा रहा है कि 2.4 हफ्तों में ऑडिट रिपोर्ट के नतीजे आ सकते हैं।
-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
एक्सिस बैंक सूत्रों ने बताया कि बैंक ने एक आंतरिक जांच शुरू की है। जब तक जांच पूरी नहीं होतीए हमने 16 संबंधित कर्मचारियों को बैंक के प्रशासनिक कार्यालयों को रिपोर्ट करने को कहा है।
प्राइवेट सेक्टर के इन तीनों प्रमुख बैंकोंए आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक पर अंदर और बाहर दोनों तरह से मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। एक ऑनलाइन पोर्टल कोबरा पोस्ट ने दावा किया है कि उसके स्टिंग ऑपरेशन में मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा हुआ है।
कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन के तहत खुलासा होने के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि उसने एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है जो मामले की जांच कर 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। बैंक ने 18 कर्मचारियों को जांच पूरी होने तक सस्पेंड कर दिया।
कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन 'ऑपरेशन रेड स्पाइडर'में दिखाया गया है कि तीनों बैंकों के कई सीनियर अधिकारी अंडरकवर रिपोर्टर से बिना किसी लिखित के भारी नकदी लेने पर सहमत हो रहे हैं और इस पैसे को दीर्घकालिक निवेश योजनाओं में लगाने की बात कर रहे हैं, ताकि इस कथित ब्लैकमनी को वाइट में बदला जा सके।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपों पर सरकार और रिजर्व बैंक नजदीकी से नजर रखे हुये हैं।वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय खुफिया तंत्र को वर्ष 2011.12 में संदिग्ध लेन देन के 13871 मामलों का पता चला है। अध्ययन के अनुसार यदि इस गैर कानूनी ब्लैक मनी का पता लगा लिया जाए और उस पर 30 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाए तो उससे प्राप्त होने वाले 8.5 लाख करोड़ रुपए से देश के 626 जिलों में दो हजार बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी वाले अस्पताल खोले जा सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि यदि यह सारी ब्लैक मनी वापस आ जाए तो तो देश के प्रत्येक नागरिक और उद्योगों को एक साल तक टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।आगामी लोकसभा चुनाव में मंहगाई और भ्रष्टाचार के बाद यदि तीसरा कोई बड़ा मुद्दा है जो सत्तापक्ष के सियासी गड़ित को गड़बड़ा सकता है तो वह ब्लैक मनी का है। देश की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था को विदेशी बैंकों में जमा यह काला धन संजीवनी देने का काम कर सकता है। देश की धन संपदा को गैर कानूनी तरीके से जोंक की तरह चूस कर विदेशी बैंकों की शोभा बढ़ाने के इस खेल में राजनेताओं से लेकर बड़े उद्योगपति शामिल हैं। रीयल एस्टेट, सोने, बुलियन और शेयर मार्केट के कारोबारियों से लेकर अनके नौकरशाहों की भी अकूत संपत्ति विदेशी बैंकों में जमा है। काले धन को वापस लाना तो दूर की बात है फिलहाल तो सरकार ऐसे लोगों के नाम भी उजागर करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसलिए उच्चतम न्यायालय के कड़े रुख के बाद सरकार ने जो लिफाफा न्यायालय को सौंपा उसमें यह कहा गया कि नाम उजागर न किए जाएं।
निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों के खिलाफ मनी लांड्रिंग आरोपों के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ष्वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव इस मामले को नजदीकी से देख रहे हैं। रिजर्व बैंक भी बारीकी से इसे देख रहा है। उन्होंने ;बैंकों ने भी अपनी खुद की जांच बिठाई है। हमें उन्हें जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिये कुछ समय देना चाहिये।
एचडीएफसी बैंक ने मामले की स्वतंत्र जांच के लिये बाहर से ऑडिट फर्म को नियुक्त किया है जबकि एक्सिस बैंक ने मामले में अपनी जांच शुरू की है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि आयकर विभाग मनी लॉन्डरिंग के आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रावाई कर सकता है। कर्मचारियों के खिलाफ धारा 276ए 278 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
कोबरपोस्ट के स्टिंग में आईसीआईसीआई बैंकए एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक के कुछ कर्मचारियों को काले धन को सफेद बनाने के तरकीबें बताते हुए दिखाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक तीनों बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर आयकर विभाग आरबीआई के साथ बातचीत कर रहा है। आरबीआई और वित्त मंत्रालय मामले की जांच कर रहे हैं। तीनों बैंकों ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों का कहना है कि आरबीआई की टीम ने कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में नाम आने वाले बैंकों की शाखाओं में जाकर जांच शुरू कर दी है। स्टिंग ऑपरेशन के बाद आरबीआई की तरफ से गठित 30 टीमों ने पिछले हफ्ते बैंकों के शाखाओं में जाकर अपनी जांच शुरू की है। आरबीआई की टीम ने बैंकों की शाखाओं में स्पेशल ऑडिट किया है।
सूत्रों की मानें तो आरबीआई की तरफ से स्टिंग ऑपरेशन में शामिल बैंकों पर लगे आरोप की जांच के लिए ऑडिट किया गया है। आरबीआई की टीम एक्सिस बैंकए आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के हेड ऑफिस में भी जाने वाली है। इन बैंकों के हेड ऑफिस में सिस्टम की जांच की जाएगी। माना जा रहा है कि 2.4 हफ्तों में ऑडिट रिपोर्ट के नतीजे आ सकते हैं।
-एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
1 टिप्पणी:
मुनाफ़ा कमाने के लिए या कमीशन खाने के लिए हर जगह यही होता है,,
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