गुरुवार, 21 मार्च 2013

बेनी बाबू गलत नहीं कहते हैं।

केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी वर्मा ने 16 मार्च को गोंडा में कहा था, '...कांग्रेस तुमको नहीं पूछने वाली है। समर्थन दे रहे हो इसलिए पैसा लेते रहो। खूब कमिशन खाओ...परिवार में लुटाओ...विदेश में जमा करो। बेनी प्रसाद वर्मा यह नहीं करेंगे। अपराध और बेईमानी तो तुम्हारा पेशा है। सबसे बड़ा अभिशाप है इस प्रदेश के लिए मुलायम सिंह यादव। मायावती भी लुटेरी थीं लेकिन ये लुटेरा और गुंडा दोनों है। कैसे बचाओगे अपने प्रदेश को। आतंकवादियों से इसके रिश्ते हैं। बेनी प्रसाद वर्मा को मरवा डालोगे तो सौ बेनी प्रसाद पैदा होंगे। अभी तुम्हारा आखिरी कार्यकाल है। तुम क्या डराना चाहते हो। कांग्रेस से हम नहीं डरे, तो तुम तो अभी चुहिया हो।'
 'यदि मैं आतंकवादी हूं तो प्रमाण पेश करें और मुझे जेल में डालें। बेनी प्रसाद वर्मा की औकात ही क्या है, उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल हटाया जाए।'
-मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख

'मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा। माफी मांगने का सवाल ही नहीं। बाबरी मस्जिद गिराना आतंकवाद था, उसके दोषी कल्याण से मुलायम ने हाथ मिलाया। मेरे इस्तीफे की मांग करने वाले वह कौन हैं?'
-बेनी प्रसाद वर्मा, केंद्रीय इस्पात मंत्री
 
यह भी सच है कि मुलायम सिंह ने बाबरी मस्जिद  ध्वंस के नायक कल्याण सिंह से हाथ मिलाया, साक्षी महाराज की भी जय जयकार की। राजनाथ सिंह को गाजियाबाद से सांसद बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बाबरी मस्जिद ध्वंस से पहले हिंदुत्व वादी शक्तियों को ललकार कर व अयोध्या में गोली चलवा कर हिंदुत्व वादियों को नयी उर्जा प्रदान की थी जिसका परिणाम यह हुआ था की बाबरी मस्जिद ध्वंस हो गयी।  
                          बेनी ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा। बेनी ने कहा, उनका मतलब था कि मुलायम ने कल्याण सिंह को मंत्री बनाया। साक्षी महाराज का साथ दिया। गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी को जिताने के लिए सपा ने गुजरात जाकर चुनाव लड़ा। 
             उत्तर प्रदेश में सपा की रणनीति यह रहती है कि भारतीय जनता पार्टी बढे और मुसलमान अपनी सुरक्षा के लिए समाजवादी पार्टी को वोट देते रहे। इसी नीति के तहत नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा को वाक ओवर देकर अधिकांश जगहों पर उसके प्रत्याशियों को जिताने में सपा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बाराबंकी जनपद में कभी भी नगर पालिका परिषद में भाजपा का अध्यक्ष नही हो पाया था लेकिन इस बार भाजपा का अध्यक्ष चुनाव जीता है। सपा के एक साल के शासन में सत्ताईस दंगे हो चुके हैं।
                    समाजवादी पार्टी के द्वारा कुख्यात अपराधियों और उनके गिरोहों को विधायक, सांसद व मंत्री बनाया जाता है। इसके विपरीत बेनी बाबू की बिरादिरी के ददुआ डकैत ने उनसे संरक्षण चाह तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया था। मुलायम सिंह यादव व उनका परिवार अपने कारनामो के कारण सी बी आई से डरता है। बेनी बाबू डरते नही हैं। 

सुमन 
लो क सं घ र्ष !

3 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बेनी प्रसाद बर्मा ने जो कहा एकदम सही कहा,,

RecentPOST: रंगों के दोहे ,

Neetu Singhal ने कहा…

बोली है भइ बहु बली, बोली है बहु मोल ।
बोली की गोली चली, खोली सबकी पोल ॥

भावार्थ : --
बोल में बहुंत बल होता है, बोल मूल्यवान भी हैं |
बोल के अस्त्र रहस्य को भेद देते है॥
अर्थात : -- " संयमित वाणी, भेदों की रक्षा कवच है"

Neetu Singhal ने कहा…

बैनी मति के भेद दे बैनी दे मत भेद ।
बैनी मुख मत तेज दे बैनी दे सब छेद ।।

भावार्थ : -- वाणी मन के भेद देती है, वाणी मतभेद करवा देती है ।
वाणी के शब्द अधिक तीव्र नहीं होने चाहिए,
अन्यथा वह बाण के जैसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही रहती है ।।
अर्थात : -- " तोल मोल के बोल"

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