गोरखपुर में नरेन्द्र मोदी ने बड़े शान से कहा कि गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए तो वहीँ वाराणसी में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यूपी को गुजरात नहीं बनने देंगे। नरेन्द्र मोदी का सीना बड़ा विशाल है कि भारत के एक बड़े नरसंहार का दायित्व उन्ही पर था जिसे उन्होंने खूबसूरती से निर्वाह किया था लेकिन गुजरात न बनने देने के योधा मुलायम सिंह यादव की पार्टी की सरकार ने 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए नरसंहार के पश्चात गुजरात का मुकाबला कर लिया है . यदि दोनों में से कोई प्रधानमंत्री बनता है तो यह देश नहीं कत्लगाह बन जायेगा . गुजरात में शराब बंद है किन्तु सबसे ज्यादा सुलभ पदार्थ शराब हर जगह उपलब्ध है और बड़े-बड़े शराब माफिया गुजरात में हैं. वहीँ, उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार की उपज पोंटी चड्ढा शराब व्यवस्था आज भी लागू है. पोंटी चड्ढा शराब व्यवस्था में उत्तर प्रदेश में जो भी मुख्यमंत्री होगा उसको सीधे-सीधे लाभ होता है. उत्तर प्रदेश में 127 दंगे इस कार्यकाल के दौरान हो चुके हैं. गुजरात में नरेन्द्र मोदी के अन्यायों खिलाफ कोई बोलने को तैयार नही है. उसी तरह उत्तर प्रदेश में सपा की गुंडागर्दी के आगे कानून और न्याय नाम की कोई चीज नही रह गयी है . नरेन्द्र मोदी की छवि निर्माण का काम अम्बानी के स्वामित्व वाले टीवी चैनल कर रहे हैं तो उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल को भी अम्बानी ग्रुप का समर्थन प्राप्त है . इसीलिए दोनों जगहों का चरित्र अल्पसंख्यक विरोधी है उत्तर प्रदेश में बहुसंख्यक आबादी को यह एहसास कराया गया है कि प्रदेश में मुसलमान समर्थित सरकार है इसलिए बहुसंख्यकों को कोई लाभ नहीं होना है लेकिन वस्तुस्तिथि इसके विपरीत है अल्पसंख्यकों का जितना नुकसान इस सरकार में हो रहा है उतना कभी नहीं हुआ वहीँ गुजरात में इसके उलट बहुसंख्यकों की भावनाओ को गलत तथ्यों के आधार पर अपने पक्ष में कर उनका दमन किया जा रहा है . गुजरात और उत्तर प्रदेश दोनों में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की कोई सुनने वाला नहीं है . किसान खेत मजदूर निम्न शहरी वर्ग की हालत बाद से बदतर होती जा रही है वहीँ दोनों राजनीतिक नेता उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर वोट बैंक का निर्माण करने की दिशा में अग्रसर है.
सुमन
3 टिप्पणियां:
सटीक आंकलन !
नई पोस्ट मेरी प्रियतमा आ !
नई पोस्ट मौसम (शीत काल )
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन राष्ट्रीय बालिका दिवस और ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ठीक है,यह सलाह मुलायम को भी लगे हाथों दे देते तो अच्छा लगता उन्होंने भी यु.पी. का बदहाल करने व सांप्रदायिक बनाने में कोई कसर नहीं रखी है. बाक़ी आपका अपना नजरिया है.
एक टिप्पणी भेजें