सोमवार, 31 अगस्त 2015

थाने में हत्या

बाराबंकी। थाने में सुभाष रावत की हत्या, उसकी लाश को भैसाकुंड पर ले जाकर जला देना, माती बाजार में जनता को दौड़ा-दौड़ाकर पीटना और बाजार बंद करा देना, फिर अपने बचाव में माती पुलिस चौकी में   आग लगाना यह सभी कृत्य अंग्रेजों की बर्बरता और जुल्म को पुनः ताजा कर देता है।
    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधि मण्डल सरसौंदी ,माती बाजार, जरवा, मुजफ्फरमऊ जाकर जनता से बात की और पुलिस बर्बरता को देखा। मृतक के परिवारिक सदस्य कुसमा रावत ने प्रतिनिधि मण्डल को बताया कि तीस अगस्त को तीन बजे माती बाजार में सुभाष रावत को पुलिस ने पकड़ा और सरेआम प्रभुनाथ सिपाही, राजेन्द्र व जे पी यादव ने बुरी तरह से पीटा। फिर माती पुलिस चैकी में ले जाकर पीटा गया जहां वह बेहोश हो गया था। बेहोशी की हालत में ही देवां कोतवाली ले जाया गया और होश आने पर पुनः पिटाई की गयी जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। रात से ही पुलिस अपने मैनेजमेंट में लग गई और सुबह होते-होते उसका पोस्टमार्टम अपने अनुरूप कराकर आनन-फानन में मृतक के मामा रामसजीवन व रामसुचित का मोबाइल स्वीच आॅफ कराकर भैसाकुंड ले जाकर जलवा दिया। उसके पश्चात पुलिस का अपने बचाव में ड्रामा शुरू होता है भारी संख्या में पुलिस बल माती पहुंचता है और वहां बाजार में लोगों को पीट-पीटकर बाजार बंद करा दी और तभी पुलिस बल के बीच माती चैकी फूंकने की बात प्रारम्भ हो गई। पुलिस ने कानून व्यवस्था के नाम पर गांवों के अंदर घुसकर दलितों, कुर्मियों के घरों में तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी। रामदुलारे वर्मा के घर में घुसकर उनकी मोटरसाइकिल, फ्रिज तोड़ दिया तथा राशन को भी एक में मिला दिया और उनके लड़के को पकड़ ले गये। विभिन्न गांवों में पुलिस द्वारा की जा रही उत्पीड़न और गिरफ्तारियों का दौर जारी है। प्रतिनिधि मण्डल ने देखा कि पुलिस वाले बेतों की बजाय हाथों में बांस लिए हुए थे जिससे वह किसी को मारे तो बेतों के निशान न आवें।
    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि अविलम्ब सम्बन्धित पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों पर 302 आईपीसी का मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाये और बेगुनाह लोगों को जो विभिन्न मुकदमें में फंसाने का कार्य किया जा रहा है उसे अविलम्ब बंद किया जाये। कम्युनिस्ट पार्टी इस सवाल को लेकर आन्दोलन चलायेगी। प्रतिनिधि मण्डल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा, रणधीर सिंह सुमन, हनोमान प्रसाद, किसान सभा अध्यक्ष विनय कुमार सिंह तथा सत्येन्द्र कुमार शामिल थे। रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुऐब एडवोकेट ने कहा कि पुलिस अल्पसंख्यकों का ही उत्पीड़न नहीं करती है वरन दलितों, पिछड़ों का भी उत्पीड़न करने में आगे है। रिहाई मंच इस हत्या को पूरे देश के अंदर विभिन्न मंचों के ऊपर उठायेगी।
-रणधीर सिंह सुमन


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