
वही लालू ने ट्वीट कर कहा, 'जो वीके सिंह ने बोला वही बीजेपी का मूल विचार है। जो दलित-पिछड़ा को जितना अधिक गाली देगा, शोषण करेगा उसको संघ और बीजेपी उतना ही बड़ा नेता मानता है।' जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, 'हमलोग स्तब्ध हैं कि ऐसे लोगों को मोदी ने मंत्री बना रखा है। वीके सिंह अक्सर गैरजिम्मेदार और असंवेदनशील बयान देते हैं। हमलोग को चुनावी मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि बीजेपी खुद बनवा रही है।'
नागपुरी मुख्यालय आदमी को जानवर बनाने की प्रयोगशाला है. अभी तक ज्ञात जानकारी के अनुसार वानर से वर्तमान मनुष्य बनने की प्रक्रिया है लेकिन ये पुरातनपंथी नरभक्षी विचारधारा आदमी को जानवर बना कर उस आदमी का वध करने के लिए तैयार है और कर रही है यही उसका मूलमंत्र है. सत्ता स्थापित करने के लिए अम्बेडकर के अन्दर शंकराचार्य की आत्मा दिखाई देती है और अम्बेडकर समर्थकों को शंकराचार्य के पास ले जाकर पंडित विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र की कहानी का यह वाक्य जो भेड़िया कहता है खरगोश को खाने के लिए कि "उदार चरितानाम वसुधैव कुटुम्बकम". मतलब की बूढ़ा भेड़िया जब शिकार करने में असमर्थ हो जाता है और भोजन करने के लिए खरगोश को यह उपदेश देता है उसी तरीके से नरभक्षी प्रयोगशाला के लोग भेड़िये की तरह सारा संसार एक है का नारा दे रहे हैं, मतलब की वनवासी आदिवासी, दलित, पिछड़े भी हिन्दू हैं लेकिन कब तक जब तक वोट चाहिए. वोट मिलने के बाद आरक्षण ख़त्म, छुआछूत जारी. वैदिक काल के अनुसार जिन्दा जलाना, घर फूंक देना, बस्तियों को आग लगा देना का कार्यक्रम जारी रहेगा. हमारा देवता गौ मांस भक्षण कर सकता है लेकिन उसकी पूजा बंद नहीं होगी लेकिन तुमने अगर गाय को मारा तो गौ हत्या लगेगी और सबकुछ त्याग कर भीख मांग कर गुजारा करना होगा यह तो समझो नहीं तो जानवर के लिए तुम्हारी नस्ल को नष्ट कर दिया जायेगा. वोट तुम्हारा सत्ता हमारी जलने के लिए तैयार रहो.
रणधीर सिंह सुमन
लो क सं घ र्ष
1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-10-2015) को "क्या रावण सचमुच मे मर गया" (चर्चा अंक-2139) (चर्चा अंक-2136) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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