मंगलवार, 17 नवंबर 2015

आधुनिक कसाई कौन ? चेहरा पहचानने की ज़रुरत है

अपने बच्चों को IS की जद में जाने से बचाएं मुस्लिम: ओबामा , यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति का नितांत गलत है और यूज एंड थ्रो की नीति का परिचायक है और जब अमेरिका या साम्राज्यवादी मुल्क इस्तेमाल करने के बाद फेंकते हैं तो फेंकने के बाद वह चीज जब ज़ख्म देती है और फिर सेप्टिक बनकर उनके जिस्म निर्जीव बनाने लगती है तो वह तरह-तरह के सिद्धांत गढ़ने लगते हैं. कौन नहीं जनता है कि पश्चिमी देशों के दलाल बगदादी से पेट्रोलियम पदार्थ फ़ोकट दामों में खरीदते थे और फिर इन्ही देशों को बेच देते थे हथियारों की सप्लाई पेट्रोलियम पदार्थों के बदले में अमेरिकी व उसके मित्र देश कर रहे थे यही हालत अफगानिस्तान के सम्बन्ध में लादेन के साथ थे. अब वह चिल्ला रहे हैं कि मुस्लिम अपने बच्चों को आईएस की ज़द में जाने से बचाएँ. बगदादी को किसने पैदा किया था, लादेन को किसने पैदा किया था. इसका जवाब न ओबामा के पास है और न ही फ्रांस के राष्ट्रपति ओलंदे के पास है. यही लोग बगदादी के मेली-मददगार हैं और जब रूस ने बगदादी के ऊपर  बम्बार्ड करना शुरू किया तो यह लोग बगदादी का साथ छोड़ कर भाग खड़े हुए जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप बेरोजगार आतंकी पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हमले करना शुरू कर दिया लेकिन अगर देखा जाए तो असली मानवता के दुश्मन कौन हैं तो मालूम चलेगा कि ओबामा और ओलंदे ही हैं. इस्लाम का चेहरा अगर शैतान के रूप में तब्दील किया है तो इन्ही साम्राज्यवादी देशों ने अपने नौकरों के माध्यम से किया है. इस्लाम तो शांति, करुणा और दया का दर्शन है. उसके पैगम्बर मोहम्मद साहब के ऊपर एक बुढ़िया रोज कूड़ा फेंकती थी और जब एक दिन उसने कूड़ा नहीं फेंका उनके ऊपर तो वह उसके घर जाकर मालूम करने गए थे. उस दर्शन का खौफनाक चेहरा मुनाफाखोर साम्राज्यवादी मुल्कों ने बदल दिया. इन साम्राज्यवादी देशों  की नकाब उतारते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन का दावा महत्वपूर्ण है. उसने इनका मुखौटा उतार कर फेंक दिया है.
                               जिसका सबूत यह है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के पेरिस पर हुए हमले को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आतंकी संगठन आईएस को कुछ देशों से पैसा पहुंच रहा है, जिसमें जी-20 से जुड़े देश भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि आईएस को फंडिंग करने की इस लिस्ट में कुल 40 देशों का नाम है। जिन देशों से पैसा पहुंच रहा है, उसे लेकर पुतिन ने खुफिया जानकारियां भी साझा कीं। पुतिन ने साथ ही कहा कि आईएस तेल का गैरकानूनी कारोबार करता है। इसे भी खत्म करने की जरूरत है।
 पेरिस हमले के बाद सीरिया के ऊपर आतंकवाद समाप्त करने के नाम पर जो साम्राज्यवादी मुल्क बम्बार्ड कर रहे हैं. क्या उनसे फूल झर रहे हैं. इन लोगों के हथियारों की प्रयोगशाला अफगानिस्तान, सीरिया, लीबिया है और यहाँ ये हथियारों का प्रयोग कर दुनिया के अन्दर अपने हथियार बेचने का सौदा करते हैं. युद्ध इनका जीवन है. शांति इनकी मौत है अगर यह जरा सा भी मानवतावादी हैं तो इनको चाहिए की अविलम्ब अपनी हथियार इंडस्ट्री को बंद करें. पूरी दुनिया में आतंकवादियों को हथियार सप्लाई करने का काम कौन कर रहा है यही सब अपने मुनाफे के लिए विभिन्न देशों को गुलाम बनाने का काम कौन कर रहा है, यही मुल्क. अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक वहां के मूल निवासियों को समाप्त करने का काम इन्ही साम्राज्यवादी ताकतों ने किया है. यह चाहते हैं कि दुनिया के अन्दर विभिन्न नस्लों के लोग, विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं इनको समाप्त किया जाए इसलिए समय समय पर विभिन्न सिद्धांत गढ़ते रहते हैं. कभी सभ्यताओं का युद्ध, कभी भाषा का युद्ध, कभी धर्म का युद्ध. युद्ध में मरता कौन है, इंसान और मुनाफा, लूट और खसोट कौन करता है यह सब.
हम ! कुछ नहीं कहते













सुमन 

कोई टिप्पणी नहीं:

Share |