
बॉलीवुड के प्रभावशाली अभिनेता ओम पुुरी हाल ही पाकिस्तान में एक
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बने।जहां उन्होंने पाकिस्तान में बस
जाने की बात कही।ओमपुरी ने कहा कि दादरी भीड़ ने एक मुस्लिम शख्स को मारने
की बात हमारे देश को शर्मिंदा कर देने वाली है।पाकिस्तान के तीन दिवसिय
दौरे पर उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया से कहा कि यदि उनके इस बयान पर भारत
में कट्टरपंथी उन्हें परेशान करेंगे तो वे भारत छोड़ पाकिस्तान में आ
बसेंगे।भारत में गोहत्या के
मामले पर उन्होंने कहा कि जो भारत में गोहत्या को बैन करना चाहते है वे
ढोंगी है।हम खुद ही बीफ निर्यात करके डॉलर कमाते है।पुरी ने बताया कि अगर
पाकिस्तान भारत से अलग ना हुआ होता तो फिल्म इंडस्ट्री मुंबई की जगह लाहौर
में होती।
उन्होंने आगे कहा कि 80 से 90 प्रतिशत लोग भारत में सेक्युलर है और वे पाकिस्तानियों से नफरत नहीं करते।भारतीय समाज में सारे लोग हिंसक नहीं है।चंद भ्रमित लोग है जो दोनों देशों के संबंधों को बिगाडऩा चाहते है।उन्होंने दोनों ही देश के लोगों से अनुरोध किया कि नफरत की राह छोड़कर आपस में मेलजोल की बात पर ध्यान दें।लोग क्यों जानवर की जैसी हरकतें करते है?अल्लाह भी निर्दोषों को मारने की इजाजत नहीं देता।
इसी से सम्बन्धित दूसरा मुद्दा आतंकवाद का है। आतंकवाद के नाम पर कथित राष्ट्रभक्ति का ज्वार शुरू होता है। जैसे-जैसे मोदी की चमक ढीली होती जा रही है वैसे-वैसे ही छदम्य आतंकवाद का खतरा दिखाई देने लगता है और इस समय जब उनकी चमक फीकी पड़ रही है तो तरह-तरह के समाचार आतंकवाद से सम्बन्धित प्रकाशित किये जा रहे हैं जिससे फिर उनको पुनः जीवन मिल सके। कौन नहीं जानता है कि तालीबान या आईएसआईएस को अमरीकी मदद से तैयार किया गया था और फिर उनका विनाश करने के लिए उन देशों के ऊपर भयानक बमबारी कर उन देशों को तबाह किये जाने की बात उनकी रणनीति का एक हिस्सा है। जब तक अमरीकी साम्राज्यवाद को परास्त नहीं किया जायेगा तब तक आतंकवाद दुनिया में समाप्त नहीं हो सकता है, साम्राज्यवाद का दूसरा स्वरूप ही आतंकवाद है। इस संबंध में भारतीय जनगण को सोचना होगा मीडिया द्वारा एक छदम्य आतंकवाद का वातावरण तैयार किया जा रहा है जो एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
-रणधीर सिंह सुमन
उन्होंने आगे कहा कि 80 से 90 प्रतिशत लोग भारत में सेक्युलर है और वे पाकिस्तानियों से नफरत नहीं करते।भारतीय समाज में सारे लोग हिंसक नहीं है।चंद भ्रमित लोग है जो दोनों देशों के संबंधों को बिगाडऩा चाहते है।उन्होंने दोनों ही देश के लोगों से अनुरोध किया कि नफरत की राह छोड़कर आपस में मेलजोल की बात पर ध्यान दें।लोग क्यों जानवर की जैसी हरकतें करते है?अल्लाह भी निर्दोषों को मारने की इजाजत नहीं देता।
इसी से सम्बन्धित दूसरा मुद्दा आतंकवाद का है। आतंकवाद के नाम पर कथित राष्ट्रभक्ति का ज्वार शुरू होता है। जैसे-जैसे मोदी की चमक ढीली होती जा रही है वैसे-वैसे ही छदम्य आतंकवाद का खतरा दिखाई देने लगता है और इस समय जब उनकी चमक फीकी पड़ रही है तो तरह-तरह के समाचार आतंकवाद से सम्बन्धित प्रकाशित किये जा रहे हैं जिससे फिर उनको पुनः जीवन मिल सके। कौन नहीं जानता है कि तालीबान या आईएसआईएस को अमरीकी मदद से तैयार किया गया था और फिर उनका विनाश करने के लिए उन देशों के ऊपर भयानक बमबारी कर उन देशों को तबाह किये जाने की बात उनकी रणनीति का एक हिस्सा है। जब तक अमरीकी साम्राज्यवाद को परास्त नहीं किया जायेगा तब तक आतंकवाद दुनिया में समाप्त नहीं हो सकता है, साम्राज्यवाद का दूसरा स्वरूप ही आतंकवाद है। इस संबंध में भारतीय जनगण को सोचना होगा मीडिया द्वारा एक छदम्य आतंकवाद का वातावरण तैयार किया जा रहा है जो एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
-रणधीर सिंह सुमन
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