गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

नजीब जंग को मुस्लिम सेवक संघ की जिम्मेदारी मिल सकती है

सुप्रसिद्ध शिक्षाविद तथा दिल्ली के उप राज्यपाल ने इस्तीफा दे दिया. यूपीए सरकार ने जुलाई 2013 में नजीब जंग को दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया था. केंद्र में सत्ता परिवर्तन हुआ और यूपीए सरकार के विचारों के विपरीत गोडसेवादी विचारधारा की सरकार बनी. बहुत सारे राज्यपालों को केंद्र के इशारे पर इस्तीफा देना पड़ा लेकिन नजीब जंग साहब ने गोडसेवादी सरकार से पूरी तरह से सहमत होकर दिल्ली राज्य की केजरीवाल सरकार को संवैधानिक और असंवैधानिक दोनों तरीकों से परेशान करके गृह मंत्री राजनाथ सिंह व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चापलूसी में लगे रहकर 22 दिसम्बर 2016 तक का कार्यकाल पूरा किया.
           धर्मनिरपेक्षता और प्रगतिशीलता का नकाब ओढ़कर नजीब जंग साहब ने गोडसेवादियों की भरपूर सेवा करने का प्रयास किया जिससे प्रसन्न होकर उनके मालिक नई जगह देने जा रहे हैं. 
         नजीब जंग दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के पद पर 9 जुलाई 2013 से लेकर 22 दिसंबर 2016 तक कार्यरत रहे. इससे पहले जंग भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रह चुके हैं और दिल्ली के केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति पद पर भी आसीन रह चुके हैं.
एक उप राज्यपाल जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को किस तरह परेशान कर सकता है और सरकार को काम न करने दे उसका जीता जागता उदाहरण नजीब जंग थे. केंद्र को खुश रखने के लिए कई बार न्यायालय में भी गए. 
        सुप्रसिद्ध पत्रकार एमजे अकबर विदेश राज्य मंत्री हैं. उन्ही की प्रेरणा लेकर नजीब साहब दिल्ली के उप राज्यपाल बने रहने के लिए हर संभव प्रयास किया था लेकिन विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मोहन भगवत संघ की मुसलमानों में घुसपैठ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन मुस्लिम सेवक संघ की जिम्मेदारी उन्हें सौंप सकते है. 

सुमन 

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