सोमवार, 2 अप्रैल 2018

कार्ल मार्क्स





दीन-हीन लोगों को संघर्षों का पाठ पढाया,
जिसके विचारों से दुनिया ने इन्कलाब अपनाया.
समता के रस्ते पर जिसने पहला कदम बढाया,
घोर तिमिर से घिरी थी दुनिया दीपक एक जलाया.
           जिसने विचारों और कलम से लड़ी है एक लड़ाई.
           ऊँच-नीच और रंग भेद की पाटी सारी खाई.
सत्ता में तय जिसने कर दी सबकी भागीदारी,
जो भी पूँजी राष्ट्र की होगी, होगी सब सरकारी.
दुनिया को सामंतवाद का रोग लगा था भारी,
कैपिटल लिख कर ख़त्म किया इतनी भारी बीमारी.
          साम्यवाद के ख़त्म होने का जो दावा करते हैं,
          उनको शायद पता नही सिद्धांत कहाँ मरते हैं?
पूँजीवाद के मकड़जाल में फंसा है यह संसार,
धरती पर कोहराम मचा है लाशों का व्यापार.
धर्म और गुटबाजी में है बंटा हुआ संसार,
आग का दरिया डूबकर इसको करना होगा पार.
           दो वर्गों में बंटा हुआ है यारों ये संसार,
         एक अमीरी-एक गरीबी, बाकी सब बेकार.






 -डॉ बशर आज़मी
मो. 9984145683

कोई टिप्पणी नहीं:

Share |