मंगलवार, 21 जनवरी 2025

रामराज - - भारतीय न्याय व्यवस्था का स्वर्ण काल .

रामराज्य ...भारतीय न्याय व्यवस्था का स्वर्ण काल . अभी तक सुना था कि एक धोबी के ताना मारने पर राम ने अपनी गर्भवती पत्नि सीता को घर से निकाल दिया था । आज भारतीय लोकतंत्र की न्याय व्यवस्था तो रामराज्य से भी एक कदम आगे जा चुकी है । क्या आप यकीन करेंगे कि एक व्यक्ति के हाथ से घबराहट में दूध की बाल्टी गिरने से उसे 250 रुपए का नुक़सान हो गया और उसने राहुल गाँधी के खिलाफ न सिर्फ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई बल्कि वह हर्जाना दिलाने की अर्जी लेकर अदालत चला गया। और, कमाल यह कि न्यायालय ने उसकी अर्जी स्वीकार कर राहुल गाँधी को भारतीय संविधान की आई पी सी की धारा 152, 299, 197, 352 और 111 के तहत दर्ज मुकदमा पर सुनवाई के लिये नोटिस जारी कर दिया। मामला यह है कि राहुल गाँधी के 'इंडियन स्टेट से लड़ाई' वाले बयान को लेकर उनके विरुद्ध समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के एक निवासी मुकेश चौधरी ने वहाँ की अदालत में मामला दायर किया है। भाई श्याम सिंह रावत ने अपनी पोस्ट में बताया है कि याची ने आरोप लगाया है कि काँग्रेस सांसद राहुल गाँधी का भाषण सुनकर न केवल उसकी भावना आहत हुई, बल्कि घबराहट में दूध से भरी बाल्टी भी उसके हाथ से छूट गई। इससे उसे 250 रुपए का आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। याची ने इसे देशद्रोह बताते हुए कोर्ट से राहुल गाँधी के लिए आजीवन कारावास की माँग की है। कोर्ट 17 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी। याची का कहना है कि राहुल गाँधी ने जो बयान दिया उससे उसकी अंतरात्मा को काफी ठेस पहुँची है। वह भारतीय राजव्यवस्था के विरोध में लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं। उन्होंने भारत की राजव्यवस्था का विरोध किया है। इस वजह से शिकायत को धारा 152, 299, 197, 352 और 111 के तहत दर्ज किया गया है। देश में न्याय का गजब प्रहसन चल रहा है.. दूसरी तरफ रासस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा संपूर्ण राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन को ख़ारिज कर 22 जनवरी के दिन असली आज़ादी मिलने वाले बयान दे रहे है पर उनके बयान पर कांग्रेस में कोई हलचल नहीं , सभी चुप्पी साधे बैठे हैं। ऐसे देशद्रोही के बयान पर तो तुरंत मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार करके जेल भेजना चाहिये , जो नहीं हो रहा है?

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