राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना 1925 को जर्मन नाजीवादी विचारों से प्रेरित होकर हुई थी. राष्ट्रीय आज़ादी की लड़ाई में इस संगठन का कोई योगदान नही था इसके विपरीत यह संगठन ब्रिटिश साम्राज्यवाद की मदद करता रहा और आज़ादी क बाद इस देश क महानायक महात्मा गाँधी की हत्या भी इस संगठन के लोगों के हाथों से हुई. साध्वी प्रगया की गिरफ्तारी क बाद हिंदूव्त्व वादी आतंकवाद का पर्दाफाश हुआ और स्वामी असीमनंद क अंतर्गत धारा 164 सी आर पी सी के बयान के बाद यह स्थिति और भी सॉफ हो गयी किी इस संगठन का हाथ आतंकवादी गतिविधियों में है मुंबई आतंकी घटना का दूसरा चरण उस समय होता है जब देश की स्तितियाँ ठीक ना हो मंट्रिगन घोटाले में फँस रहे हों. कालका मैल जैसी भीषण दुर्घटना हो चुकी ही ऐसे समय देश की जनता का ध्यान हटआअनए क लिए कुछ भी संभव है. अमेरिकन साम्राज्यवाद की दूसरी पसंद संघ है और संघ चाहता यह है किी हिंदू मुसलमान की राजनीति बढ़े जिससे उसकी मुख्य मुखौटा पार्टी को लाभ हो. दिग्विजय सिंह का बयान भी यह संकेत करता है की संघ क नेताओं की तरफ भी जाँच की जानी चाहिए और भारत सरकार को चाहिए इस बात की पुख़्ता जाँच कराए.
सुमन
4 टिप्पणियां:
निश्चय ही यह संकेत सच हो सकता है.बताए गए तथ्य ऐतिहासिक सत्य हैं.
कोई अछूता नहीं ||
सभी शक के घेरे में हैं ||
दिग्विजय, सरकार चलाने वाले लोग,
भी इस सब में आते हैं |
दिग्विजय जैसे लोगों की जांच इस लिए भी होनी चाहिए --
कही इन्हें आतंकवादियों से अच्छा पैसा तो नहीं मिल रहा ||
और संघ की इसलिए भी जांच होनी चाहिए की वो दिग्विजय को धन क्यों नहीं उपलब्ध करा पा रहे ||
बिदेशी लिंक की भी जाँच हो ||
शक के घेरे में आप और हम भी हैं ||
जाँच एजेंसियां खुद भी || संघ के सदस्यों को भी कसाब और अफजल गुरु जैसे कठोर दंड देने ही चाहिए ||
और भी सुझाव आयेंगे ||
वामपंथी प्रलाप का एक और शानदार उदहारण
आप की दिग्विजय सिंह के बारे में क्या राय है जो ओसामा को ओसामा जी कहकर बुलाते हैं आप को जानकारी के लिए बता दूँ की इन्द्रेश जी संघ के लिए मुस्लिमो को जोड़ने का काम करते थे तब ये केंद्र सरकार ने संघ को बदनाम करने के लिए उन्हें फंसा दिया और ये सरकार कहती है की संघ मुस्लिम विरोधी है संघ केवल सनातन धर्म की रक्षा करने का प्रयत्न करती है सरकार मुख्य मुद्दों से ध्यान मोड़ने के लिए संघ का नाम लेती है ताकि आप जैसे लोग भर्मित हो
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