गोंडा जनपद के उतरौला से लाश गाडी से दाह संस्कार करने के लिये लोग अयोध्या आ रहे थे कि रास्ते में मनकापुर कोतवाल राम लखन व सिपाही अखिलेश्वर शर्मा ने लाश गाडी को रोक लिया और रुपये की मांग ड्राईवर से करने लगे। ड्राईवर द्वारा रुपया न देने पर चालक सीट पर ही उसकी पिटाई शुरू हो गयी। बस में बैठे हुए व्यक्तियों को कोतवाल ने उतरवाकर पिटाई करवाई और उठक बैठक लगवाई लाश गाडी के ऊपर कुछ लोग चढ़ गए उनको भी पीट पीट कर नीचे उतार लिया गया।
शोर सुनकर बहुत सारे ग्रामीण आ गए और वहां रुके हुए वाहनों में से कुछ लोग उतारकर जब कोतवाल राम लखन की जमकर पिटाई कर दी तो किसी तरह वह अपनी सरकारी जीप में बैठ कर भाग गए।
उत्तर प्रदेश पुलिस का साहस, शौर्य कुछ इसी तरह का है और फर्जी एन्काउन्टर निरीह लोगों को पकड़ कर गंभीर अपराधों में बंद करना मुख्य कार्य है और फर्जी कार्यों के आधार पर पुलिस पदक से लेकर राष्ट्रपति पदक तक ले लेते हैं। खुदा न खास्ता यदि कोतवाल रामलखन की मृत्यु पब्लिक की पिटाई से हो जाती तो उत्तर प्रदेश के प्रमुख अख़बारों में यह प्रकाशित होता कि उत्तर प्रदेश पुलिस के जाबांज निरीक्षक रामलखन मुठभेड़ में अपने आदमी शौर्य व साहस का परिचय देते हुए दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया किन्तु वह स्वयं शहीद हो गए।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
शोर सुनकर बहुत सारे ग्रामीण आ गए और वहां रुके हुए वाहनों में से कुछ लोग उतारकर जब कोतवाल राम लखन की जमकर पिटाई कर दी तो किसी तरह वह अपनी सरकारी जीप में बैठ कर भाग गए।
उत्तर प्रदेश पुलिस का साहस, शौर्य कुछ इसी तरह का है और फर्जी एन्काउन्टर निरीह लोगों को पकड़ कर गंभीर अपराधों में बंद करना मुख्य कार्य है और फर्जी कार्यों के आधार पर पुलिस पदक से लेकर राष्ट्रपति पदक तक ले लेते हैं। खुदा न खास्ता यदि कोतवाल रामलखन की मृत्यु पब्लिक की पिटाई से हो जाती तो उत्तर प्रदेश के प्रमुख अख़बारों में यह प्रकाशित होता कि उत्तर प्रदेश पुलिस के जाबांज निरीक्षक रामलखन मुठभेड़ में अपने आदमी शौर्य व साहस का परिचय देते हुए दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया किन्तु वह स्वयं शहीद हो गए।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
4 टिप्पणियां:
कोतवाल ने रोक ली, इक गरीब की लाश |
कोचवान से मांगता, खाने को कुछ मांस |
खाने को कुछ मांस, राम-लखन का वास्ता |
अखिलेश्वर भी नहीं, कराता उन्हें नाश्ता |
पर माया तू जान , न गली पुलिस की दाल |
अन्नाजन को देख, दुम दाब भगा कुत्त्वाल ||
बहुत ही उम्दा प्रस्तुती
शर्म शर्म
पुलिस अभी भी ब्रिटिश साम्राज्यवादी पेटर्न पर चल रही है।
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