रविवार, 13 नवंबर 2011

अमेरिकी कुत्ते को राष्ट्राध्यक्ष जैसा सम्मान


देश के पूर्व राष्ट्रपति कलाम की अमेरिका ने 29 सितम्बर 2011 को प्लेन में जैकेट जूते उतरवाकर ले जाया गया और फिर थोड़ी देर बाद वापस कर दिया गया इस तरह हमारे देश के राजनेताओं की अमेरिकियों द्वारा हमेशा बेइज्जती की जाती है इसके पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के चेहरे के ऊपर शराब गिराना, रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज की नंगा जोरी लेना सहित नौकरशाहों राजदूतों की तलाशी के नाम पर बेइज्जती करने की काफी घटनाएं हो चुकी हैं और हर बार घटना का खुलासा घटना हो जाने के काफी दिनों के बाद होता है हमारे देश के राजनेता, नौकरशाह बेशर्म भी बहुत हैं विदेश यात्रा का नाम जाए तो कुछ भी करने के लिये तैयार हैं इसका एक मात्र अपवाद पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी थे जिन्होंने विभिन्न देशों की संसद के अध्यक्षों के सम्मलेन में इसलिए भाग लेने से इनकार कर दिया क्यूंकि उन्होंने ने कहा था कि वहां जाकर तलाशी के नाम पर मुझे अपनी बेइज्जती नही करानी है
इसके विपरीत अमेरिकी कुत्ता भी अगर हमारे देश में आ जाये तो हम उसे राष्ट्राध्यक्ष जैसे सम्मान देने के लिये आतुर रहते हैं। देश के अन्दर एक बहुत बड़ी जमात अमेरिकियों की मानसिक गुलामी करने वालों की है। पहले यही जमात ब्रिटिश साम्राज्यवादियों को इस देश में स्थापित किया था। आज जरूरत इस बात की है कि अमेरिकी साम्राज्यवादियों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाए अन्यथा सीरिया, ईरान के बाद यह हमारे देश को भी गुलाम बनाने की कोशिश करेगा।

6 टिप्‍पणियां:

विवेक रस्तोगी ने कहा…

बिल्कुल सही ऐसा लगता है कि जैसे हमने अमेरिका का पट्टा गले में पहन रखा है।

चंदन कुमार मिश्र ने कहा…

कलाम साहब के साथ पहले भी ऐसा हुआ। उसके बावजूद उनको समझ नहीं आया?…भारत में तो अंग्रेजी, अमेरिका दोनों भगवान हैं…वैसे कलाम साहब नाखून नहीं काटते जल्दी?

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

पता नहीं अमेरिका के नाम पर हमारे मुख से लार क्‍यों टपकती है? क्‍या कलाम साहब प्रतिवाद नहीं कर सकते थे?

Geeta ने कहा…

sach kaha aapne, pata nahi hum log aise kyun hai kyun videsh jana hume itna attract karta hai jiske liye humari besti bhi ho to wo bhi seh jate hai hum, wo baar baar humara apmaan kaarte hai , ab ye silsila hume khatam karna hi hoga

thnaks ak achi post karne ke liye

Rajeeva Khandelwal ने कहा…

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी थे। जिन्होंने विभिन्न देशों की संसद के अध्यक्षों के सम्मलेन में इसलिए भाग लेने से इनकार कर दिया क्यूंकि उन्होंने ने कहा था कि वहां जाकर तलाशी के नाम पर मुझे अपनी बेइज्जती नही करानी है।

Rajeeva Khandelwal ने कहा…

Isi aatmsamman ko jagaane ki jarurat hai..

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