गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि "हमारे पास
रिपोर्ट आ गई है. जाँच में भाजपा हो या आरएसएस के ट्रेनिंग कैंप, हिंदू
आतंकवाद बढ़ाने का काम देख रहे हैं.”
शिंदे ने कहा कि ऐसी कोशिशों से देश को सतर्क रहना चाहिए।
गौरतलब है कि मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस और
मालेगाँव धमाकों में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, असीमानंद जैसे हिंदू चरमपंथियों
के नाम सामने आए थे और सुरक्षा एजेंसियाँ इन मामलों की जाँच कर रही हैं।
कांग्रेस के नेता श्री दिग्विजय ने गृह मंत्री शिंदे की बातों का समर्थन
करते हुए कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के समय अडवानी व सुषमा
स्वराज प्रधानमंत्री के पास सिफारिश लेकर गए थे।
इसके बाद शिंदे ने हिन्दू या आर.एस.एस या बी.जे.पी की जगह भगवा आतंकवाद का नाम लिया। आर.एस.एस और बी.जे.पी जैसे ही हिन्दू कट्टरपंथियों के नाम आतंकी घटनाओ में आते हैं वह उबल पड़ते हैं। जिससे जांच अधिकारी से लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता दबाव में आ जाते हैं। उसी कड़ी में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सच बात कह कर फिर बातों को तोडना-मरोड़ना प्रारंभ कर दिया। कांग्रेस में यदि दम है तो वह मुंबई आतंकी घटना, संसद हमला तथा बाटला एनकाउंटर की पुन: जांच करवा ले तो कौन है आतंकी इस का पता चल जायेगा ? कांग्रेस के काफी बड़े नेताओं का भी व विचार हिन्दुत्ववादियो के दुष्प्रचार से मेल खाता है। उनकी जीवनशैली धर्मनिरपेक्ष नहीं रही है। संघ तो जर्मन नाजीवादी विचारधारा से प्रेरित होकर इस देश के बहुधार्मिक, बहुजातीय, बहुभाषीय स्वरूप को बदल कर धार्मिक आधार पर राष्ट्र की स्थापना करना चाहती है। संघ का देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान में यकीन ही नहीं है और जब जिस संगठन का भारतीय संविधान पर ही यकीन ही नहीं है तो वह वैसे ही असंवैधानिक संगठन है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
2 टिप्पणियां:
i loved your analysis, of not associating with any religion...just call spade a spade...i love your fearless Writing of yours
Keep it up...
IF YOU HAVE INFORMATIONS REGARDING BATLA HOUSE ENCOUTER IF ASSOCIATED WITH BHAGWA TERRORISM WHY DONT YOU SHARE WITH NIA. REGARDS.
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