शनिवार, 15 अगस्त 2015

गणवेश धारियों को पुंछ सीमा पर जाना चाहिए

आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने विदेश नीति के सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा. एक तरफ पाकिस्तान से वार्ता शुरू हो रही है वहीँ, आज के दिन पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के चार सेक्टरों में उसके सुरक्षा बलों की ओर से भारतीय चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर की गई भीषण गोलीबारी और मोर्टर बम दागने से एक सरपंच सहित तीन नागरिकों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। 
   लोकसभा चुनाव के समय गणवेश धारी नेतागण कुर्ता-धोती पहनकर एक के बदले चार मारने की लम्बी-चौड़ी शेख चिल्ली स्टाइल में बातें किया करते थे और आज जब वह लोग सत्ता में हैं तो सारी बंदूकें व हेकड़ी भूल गए हैं और खिसियानी बिल्ली की तरह उनका राष्ट्रवाद और देश भक्ति गायब हो चुकी है और वह कुछ कह पाने की स्तिथि में नहीं रह गए हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामना संदेश भेजा। दोनों देशों के बीच 23 अगस्त को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत होने जा रही है। अगर यूपीए की सरकार होती तो सारा गणवेश धारी नेता जोर-जोर से चिल्ला रहा होता कि पाकिस्तान से बात नहीं होगी पहले बदला लिया जायेगा.
                                        जुलाई में 19 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। सरकार ने लोकसभा में बताया था कि 26 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने 192 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।नागपुर मुख्यालय 1925 से गण वेश धारियों को लाठी सिखाना, तलवार सिखाना जैसे प्रशिक्षण देता रहा है किन्तु आजादी की लड़ाई में उनकी तलवारें जंग खा रही थी और एक भी विदेशी शासक के ऊपर तलवार नहीं चल पायी उनके हाथ और दिल अंग्रेजों का नाम सुनकर काँप उठते थे. देश के अन्दर वह वर्ग विशेष की राष्ट्र भक्ति व देश भक्ति का प्रमाण पत्र मांगते हुए वैमनस्यता फैला कर बहुसंख्यक आबादी को उग्र बना कर वोटों की मंडी में अपना बहुमत प्राप्त करते हैं. आज जब जरूरत है कि वह गण वेश धारी अपनी राष्ट्र भक्ति व देश भक्ति का प्रदर्शन पुंछ सीमा पर करें. वोटों के लिए आतंकवाद की राजनीती के तहत इस बार 14 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ) आई बी की सूचनाओं पर आतंकवादी मुठभेड़ में मारे नहीं गए और न ही रेलवे स्टेशन, एरोड्रम जैसे स्थानों को उड़ाने की धमकी या सूचना नहीं प्रसारित की गयी क्यूंकि इस बार चुनाव नहीं होना है और नागपुर मुख्यालय को इस तरह की अफवाहों से कोई फायदा नहीं होना है इसलिए सब कुछ शांत रहा. 

सुमन 

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